गया: सावन के महीने में बाबा कोटेश्वर नाथ धाम मंदिर भक्तों से भरी रहती है. इस धाम की मान्यता है कि यहां जो भी दर्शनार्थी दर्शन के लिए आते है. उनकी मनोकामनाएं पूरी होती है.
गया-जहानाबाद जिला के सीमावर्ती क्षेत्र में बाबा कोटेश्वर नाथ धाम मंदिर अपने प्राचीन होने के कारण काफी प्रसिद्ध है. इस धाम का गर्भ गृह लाल पत्थर के टुकड़े में बनी हुई है. इस महीने में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रहती है. इस धाम पर दूर-दूर जगहों से लोग मंदिर की संरचना को देखने आते है.
मंदिर का है पुराना इतिहास
बाबा कोटेश्वर नाथ धाम मंदिर दन्त कथा के अनुसार वाणासुर की बेटी उषा श्री कृष्ण के पोते से प्रेम करती थी. लेकिन वाणासुर श्री कृष्ण को दुश्मन मानता था. फिर उषा ने भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र अनिरुद्ध को पाने के लिए इस मंदिर का निर्माण कराया था. फिर श्री कृष्ण के पोते अनिरूद्ध से उषा की शादी भी हुई. उसके बाद से यहां पूजा करने की परंपरा शुरू हुई.
स्थानीय लोगों ने बताया वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि भगवान शिव का यह मंदिर काफी पुराना है. जो लोग भी यहां पूजा करने आते हैं. उनकी प्रत्येक मनोकामना पूरी होती है. सावन के महीने में यहां पूजा पाठ करने का विशेष महत्व है. सावन के महीने में भक्त बहुत आते हैं. भगवान शिव की आराधना करते हैं. भगवान शिव भी भक्तों को सुख, समृद्धि और शांति प्रदान करते हैं.