गया: इन दिनों बिहार के गया में सीता कुंड में मिथिला पेंटिंग की जा रही है. मिथिला पेंटिंग का काम अब अंतिम चरण में है. सवा दो मीटर चौड़ाई और करीब 800 मीटर से भी अधिक की लंबाई में मिथिला पेंटिंग की जा रही है. यह मिथिला पेंटिंग पूरी तरह से माता सीता के जीवन के सभी स्वरूपों पर आधारित है. मिथिला पेंटिंग में लगे सृजन मिथिला के कलाकार राजेश चौधरी बताते हैं, कि इतनी बड़ी लंबाई चौड़ाई वाले एरिया में एक जगह किसी भी देवी देवता या अन्य किसी की मैथिली पेंटिंग कहीं नहीं हुई है. ऐसे में यह गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड या गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड में दर्ज किया जा सकता है. इसके लिए गिनीज बुक का वर्ल्ड और गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड वालों से संपर्क साधा जाएगा.
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माता सीता के सभी स्वरूपों का चित्रण: गया के सीताकुंड में मिथिला पेंटिंग हो रही है. मिथिला पेंटिंग सवा दो मीटर चौड़ाई और 800 मीटर की लंबाई वाले एरिया में की जा रही है. मिथिला पेंटिंग में माता सीता के पूर्ण जीवन चरित्र का चित्रण किया गया है. माता सीता के जन्म काल से लेकर बाल काल, किशोरावस्था, विवाह, वनवास, परित्याग से लेकर धरती में सामने तक की कहानी का चित्रण किया गया है. यह अपने आप में अनोखी भी है.
"एक स्थान पर ऐसा चित्रण मिथिला पेंटिंग में देखने को नहीं मिलता है. देश में एक स्थान पर किसी देवी देवता या अन्य का इतने लंबे एरिया में पूर्ण जीवन चरित्र का चित्रण मिथिला पेंटिंग में कहीं नहीं है. यह एक रिकॉर्ड हो सकता है. मिथिला पेंटिंग में सवा दो मीटर चौड़ाई और 800 मीटर लंबाई में मिथिला पेंटिंग का काम अब एकदम से अंतिम चरण में है. 28 सितंबर पितृृपक्ष मेले के पहले ही इसे पूरा कर लिया जाना है"- राजेश चौधरी, सदस्य, मिथिला सृजन
रिकॉर्ड में दर्ज करवान की कोशिश: मिथिला सृजन के राजेश चौधरी बताते हैं कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड या गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड में नाम दर्ज करने को लेकर उनसे संपर्क साधा जाएगा. वहीं, सरकार को इसकी जानकारी दी जाएगी. मांग की जाएगी कि मिथिला पेंटिंग में इस तरह का चित्रण कहीं नहीं है. ऐसे में यह रिकॉर्ड हो सकता है.
क्या बोले मिथिला सृजन के सदस्य?: राजेश चौधरी ने बताया कि मिथिला पेंटिंग में सवा दो मीटर चौड़ाई और 800 मीटर लंबाई में मिथिला पेंटिंग का काम अब एकदम से अंतिम चरण में है. 28 सितंबर पितृृपक्ष मेले के पहले ही इसे पूरा कर लिया जाना है. 75 फीसदी काम पूरे किए जा चुके हैं और अब थोड़े से शेष काम रह गए हैं. काम पूरे होते ही इसकी जानकारी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड और गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड वालों को दी जाएगी. वहीं सरकार के माध्यम से इसे रिकॉर्ड में दर्ज करने की मांग की जाएगी. 36 कलाकार मिथिला पेंटिंग कर रहे हैं, जिसमें माता सीता के सभी जीवन स्वरूप का चित्रण किया जा रहा है.