गया: बिहार में पंचायत चुनाव (Panchayat Election 2021) का आगाज हो चुका है. पंचायत चुनाव में गरीब से लेकर अमीर प्रत्याशी खादी का कुर्ता-पायजामा जरूर पहनता है. पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों की पसंद खादी होने से जिले में खादी (Khadi Clothes) की बिक्री दोगुनी हो गयी है. वहीं, जो प्रत्याशी शहर में स्थित खादी ग्रामोद्योग से कपड़ा नहीं ले पाते हैं, उनके लिए गांव तक चलंत दुकान भेजा जा रहा है.
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दरअसल, बिहार पंचायत चुनाव की तिथि की घोषणा और नामांकन के साथ ही जिले में खादी कपड़े की खरीदारी शुरू हो गई है. अन्य दिनों की अपेक्षा जिले में खादी कपड़े की बिक्री चुनाव के दौरान बढ़ गई है. खादी का कुर्ता-पायजामा, पेंट-शर्ट प्रत्याशियों की पहली पसंद है. खादी की बढ़ती मांग को देखते हुए खादी ग्रामउद्योग ने भी इसकी तैयारी कर ली है. बंगाल और राजस्थान से लाखों रुपये की खादी का कपड़ा लाया गया है.
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गया खादी ग्रामोद्योग समिति के व्यवस्थापक अनिल कुमार सिंह ने बताया कि पंचायत चुनाव को लेकर खादी कपड़ा की बिक्री बढ़ोतरी हुई है. सितंबर और अक्टूबर माह ऑफ टाइम रहता है. इसके बावजूद पंचायत चुनाव को लेकर बिक्री काफी अच्छी है. पंचायत चुनाव को लेकर खादी ग्रामोद्योग गया सहित बंगाल, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से खादी का 20 लाख रुपये का कपड़ा मंगवाया गया है. पंचायत चुनाव में सूती कपड़ा में कुर्ता-पायजामा, पैंट-शर्ट और सदरी की अधिक डिमांड है. लॉकडाउन में हुए नुकसान की भरपाई पंचायत चुनाव में होनेवाले बिक्री से पूरी की जा रही है.
'खादी की बिक्री में काफी अंतर आया है. सितंबर का महीना बिक्री के लिए ऑफ समय रहता है. लेकिन पंचायत चुनाव के कारण बिक्री बढ़ गयी है. प्रतिदिन लगभग 35 हजार रुपये की बिक्री हो जाती है. वहीं, अन्य दिनों की बात करें, तो 15,000 रुपये बिक्री हो जाती थी. लेकिन इस समय बिक्री दोगुनी बढ़ गयी है. पंचायत चुनाव को लेकर खादी ग्रामोद्योग गया सहित बंगाल, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से कपड़ा मंगवाई गई है.' -अनिल कुमार सिंह, व्यवस्थापक, खादी ग्रामोद्योग समिति
पंचायत चुनाव के लिए स्पेशल सदरी मोदी बंडी से लेकर सिल्क बंडी और परंपरागत बंडी है. इसके अलावा महिला प्रत्याशियों के लिए सूती साड़ी और सलवार सूट है. पंचायत चुनाव को लेकर घर-घर खादी कपड़ा चलंत दुकान से पहुंचाया जा रहा है. चलंत दुकान की भी बिक्री चुनाव के दौरान काफी अच्छी हो रही है.
बता दें कि गया शहर में आठ खादी ग्रामोद्योग समिति की दुकान है. चुनाव पूर्व इन दुकानों की औसतन 15 हजार की बिक्री हर दिन होती थी. पंचायत चुनाव की आहट मात्र से इन आठों दुकानों में औसतन 30 से 35 हजार की बिक्री हो रही है. चलंत दुकान भी हर दिन करीब 20 हजार के कपड़ों की बिक्री कर रहा है.