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गया को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग को लेकर सीपीआईएमएल का धरना

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Published : Sep 20, 2019, 11:56 PM IST

सीपीआईएमएल मंत्री रामखेलावन दास ने कहा कि जिला सुखाड़ की चपेट में है. लेकिन सरकार की ओर से मात्र जिले के दस प्रखंडों के कुछ पंचायतों को ही सूखाग्रस्त घोषित किया गया है. जबकि जिले के 24 प्रखंड सूखाग्रस्त है. इससे जिले में मात्र 15 से 17 प्रतिशत धान की रोपनी हुई है.

सीपीआईएमएल का धरना

गया: शहर के गांधी मैदान के पास शुक्रवार को सीपीआईएमएल के कार्यकर्ताओं ने जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने के साथ अन्य मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना दिया. कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस धरना में सीपीआईएमएल के जिला महामंत्री रामखेलावन दास के साथ सैकड़ों की संख्या में महिलाएं और पुरुष शामिल थे.

जिले के 24 प्रखंड हैं सूखाग्रस्त
धरना में शामिल सीपीआईएमएल के जिला महामंत्री रामखेलावन दास ने कहा कि पूरा गया जिला सुखाड़ की चपेट में है. लेकिन सरकार की ओर से मात्र जिले के दस प्रखंडों की कुछ पंचायतों को ही सूखाग्रस्त घोषित किया गया है. उसमें भी अनुदान की राशि जो 3 हजार रुपये है, वह कुछ लोगों को ही चिन्हित कर दिया जा रहा है. जबकि जिले के सभी 24 प्रखंड सूखाग्रस्त हैं. जिससे जिले में मात्र 15 से 17 प्रतिशत धान की रोपनी हुई है.

धरना में मंत्री के साथ महिलाएं और पुरुष हुए शामिल

बोधगया में मकान खाली करवा रही सरकार
सीपीआईएमएल के जिला महामंत्री ने यह भी कहा कि बोधगया प्रखंड के गांव जैसे प्रमोद दास गुप्ता नगर, कुरमावां और स्टालिन नगर में लोग तीस साल से रह रहे हैं. ऐसे में सरकार जबरन उनके मकानों को खाली करवा रही है. साथ ही, उनपर मुकदमा कर उनको फंसाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि लोगों पर मकान खाली कराए जाने के मुकदमे को सरकार वापस ले.

गया: शहर के गांधी मैदान के पास शुक्रवार को सीपीआईएमएल के कार्यकर्ताओं ने जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने के साथ अन्य मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना दिया. कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस धरना में सीपीआईएमएल के जिला महामंत्री रामखेलावन दास के साथ सैकड़ों की संख्या में महिलाएं और पुरुष शामिल थे.

जिले के 24 प्रखंड हैं सूखाग्रस्त
धरना में शामिल सीपीआईएमएल के जिला महामंत्री रामखेलावन दास ने कहा कि पूरा गया जिला सुखाड़ की चपेट में है. लेकिन सरकार की ओर से मात्र जिले के दस प्रखंडों की कुछ पंचायतों को ही सूखाग्रस्त घोषित किया गया है. उसमें भी अनुदान की राशि जो 3 हजार रुपये है, वह कुछ लोगों को ही चिन्हित कर दिया जा रहा है. जबकि जिले के सभी 24 प्रखंड सूखाग्रस्त हैं. जिससे जिले में मात्र 15 से 17 प्रतिशत धान की रोपनी हुई है.

धरना में मंत्री के साथ महिलाएं और पुरुष हुए शामिल

बोधगया में मकान खाली करवा रही सरकार
सीपीआईएमएल के जिला महामंत्री ने यह भी कहा कि बोधगया प्रखंड के गांव जैसे प्रमोद दास गुप्ता नगर, कुरमावां और स्टालिन नगर में लोग तीस साल से रह रहे हैं. ऐसे में सरकार जबरन उनके मकानों को खाली करवा रही है. साथ ही, उनपर मुकदमा कर उनको फंसाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि लोगों पर मकान खाली कराए जाने के मुकदमे को सरकार वापस ले.

Intro:जिला को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग को लेकर सीपीआईएमएल के कार्यकर्ताओं ने एक दिया एक दिवसीय धरना,
सरकार के खिलाफ जमकर की नारेबाजी।


Body:गया: शहर के गांधी मैदान के समीप आज सीपीआईएमएल के कार्यकर्ताओं के द्वारा जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने सहित अन्य मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना दिया गया। इस धरना में शामिल सैकड़ों की संख्या में महिलाओं और पुरुषों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
धरना में शामिल सीपीआईएमएल के जिला महामंत्री रामखेलावन दास ने कहा कि पूरा गया जिला सुखाड़ की चपेट में है। लेकिन नीतीश सरकार के द्वारा मात्र जिले के 10 प्रखंडों के कुछ पंचायतों को ही सुखाड़ घोषित किया गया है। उसमें भी 3 हजार रुपया अनुदान की राशि कुछ लोगों को ही चिन्हित कर दिया जा रहा है। जबकि गया जिला का सभी 24 प्रखंड सुखाड़ की चपेट में है। पूरे जिले में मात्र 15 से 17 प्रतिशत धान की रोपनी हुई है। वहीं बोधगया प्रखंड के प्रमोद दास गुप्ता नगर, कुरमावां, स्टालिन नगर सहित कई गांव के जो लोग 40 वर्षों से रह रहे हैं। उन्हें जबरन प्रशासन के द्वारा उनके मकानों से खाली कराया जा रहा है। हमारी मांग है कि जो लोग 40 वर्षों से रह रहे हैं। उन्हें बासगीत का पर्चा दिया जाए। साथ ही उनके मकानों को बनाकर उन्हें स्थापित किया जाए।

बाइट- रामखेलावन दास, जिला महामंत्री, सीपीआईएमएल।

रिपोर्ट- प्रदीप कुमार सिंह
गया


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