गया: कोरोना कहर ने भगवान की रथयात्रा रोक दी है. रथ द्वितीया के दिन इस बार शहर के जगन्नाथ मंदिरों में रथों के पहिए थमे रहेंगे. गया शहर में 84 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है. जब शहर स्थित गौड़ीया मठ से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा नहीं निकाली जाएगी.
जिला प्रशासन के आयोजन की अनुमति नहीं दिए जाने के कारण अब इस बार रथ यात्रा नहीं निकलेगी. जिला प्रशासन ने यह फैसला कोरोना संक्रमण के बढ़ते आंकड़े को देखते हुए लिया है.
मंदिर में कर सकते हैं दर्शन-पूजन
मठ के पुजारी उत्तम दास ने बताया कि रथयात्रा के दिन भगवान जगन्नाथ नए वस्त्र में मठ में ही नजर आएंगे. इस दिन सुबह में भगवान को पंचामृत से विशेष स्नान किया जाएगा. अभिषेक के बाद आरती होगी फिर भगवान को विश्राम के लिए पट बंद कर दिया जाएगा. शाम 3 बजे मंदिर का घंटा बजाकर भगवान को जगाया जाएगा. विशेष पूजा के बाद शाम 4 बजे दर्शन के लिए पट को खोल दिया जाएगा. श्रद्धालु रात के 8 बजे तक मठ में आकर दर्शन पूजन कर सकेंगे.
पूरे शहर में होता था भ्रमण
बता दें कि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा मंगलवार को आयोजित होने वाली थी. हर साल आज ही के दिन भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ फूलों से सजे रथ पर सवार होकर गया नगर भ्रमण को निकलते थे. लेकिन इस वैश्विक कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण रथ यात्रा के निकालने की अनुमति जिला प्रशासन ने नहीं दी है.
उड़ीसा में रथयात्रा यात्रा को सशर्त अनुमति
ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा आयोजन को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कुछ शर्तों के साथ अनुमति दे दी है. इसके साथ ही सैकड़ों साल की परंपरा मंगलवार को रथयात्रा के साथ जारी रहेगी. सर्वोच्च न्यायलाय में तीन जजों की पीठ ने सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि रथ यात्रा का आयोजन मंदिर समिति, राज्य और केंद्र सरकार के आपसी सामंजस्य के साथ होगा. इस दौरान स्वास्थ्य मुद्दे को लेकर कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा.