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गया: कांग्रेस ने पितृपक्ष मेला को अंतरराष्ट्रीय घोषित करने की मांग की, किया प्रदर्शन

कांग्रेस का कहना है कि प्रत्येक वर्ष पितृपक्ष मेला के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री मंच से घोषणा करते हैं, मेला को अंतरराष्ट्रीय दर्जा दिलवाएंगे. लेकिन आज तक इस मेले को अंतरराष्ट्रीय दर्जा नहीं मिला.

गया कांग्रेस दल ने किया प्रदर्शन
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Published : Sep 12, 2019, 10:54 AM IST

गया: विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला को राजकीय मेला से अंतरराष्ट्रीय मेला घोषित करवाने को लेकर गुरुवार को कांग्रेस नेताओं ने जमकर प्रदर्शन किया. वहीं, इस पर जदयू ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधाओं में कोई कमी नहीं है. इस मांग को मनवाने से पहले कांग्रेस अपने शासन काल के मेले की तस्वीर देखकर मूल्यांकन करे.

कांग्रेस दल ने किया प्रदर्शन
दरअसल, पितरों के तर्पण-अपर्ण करने देश-विदेश के श्रद्धालु गया में आते हैं. युगों युग से यहां पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए पिंडदान किया जा रहा है. वर्ष में पिंडदान का पितृ पक्ष के 15 या 17 दिन के अवधि में करने का बड़ा महत्व होता है. लाखों की संख्या में श्रद्धालु पितृपक्ष के समय में पिंडदान करने आते हैं. इस महीने में राज्य सरकार मेला का आयोजन करती है. मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के कार्यकाल में इस मेला को राजकीय मेला घोषित किया गया था. लेकिन अब जिला कांग्रेस दल ने इस मुद्दे को दोबारा उठाया है. गुरुवार को दल के लोगों ने प्रशासन से विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला को राजकीय मेला से अंतरराष्ट्रीय मेला घोषित करवाने के लिए जमकर नारेबाजी की.

gaya
कांग्रेस ने जमकर की नारेबाजी

पितृपक्ष मेला को अंतरराष्ट्रीय मेला बनाने की मांग
मगध क्षेत्र के कांग्रेस प्रवक्ता विजय कुमार मिट्ठू ने बताया कि कांग्रेस इकाई ने राजकीय पितृपक्ष मेला को अंतरराष्ट्रीय मेला घोषित करने के लिए जनजागरण कार्यक्रम का आयोजन किया है. प्रत्येक वर्ष पितृपक्ष मेला के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री मंच से घोषणा करते हैं, मेला को अंतरराष्ट्रीय दर्जा दिलवाएंगे. लेकिन आज तक इस मेले को अंतरराष्ट्रीय दर्जा नहीं मिला. साथ ही सीताकुंड को भी रामायण सर्किट में शामिल नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि इस वर्ष राजकीय मेला को अंतरराष्ट्रीय दर्जा दिया जाए और सीताकुंड को रामायण सर्किट में शामिल किया जाएगा.

कांग्रेस ने किया पितृपक्ष मेला के लिए प्रदर्शन

पहले अपनी तस्वीर देखे कांग्रेस- जदयू
इसको लेकर जदयू प्रवक्ता चंदन यादव ने बताया कि श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए सरकार ने सारी व्यवस्था अच्छे से की है. श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी नहीं हो इसके लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज से 20 वर्ष पहले के पितृपक्ष मेले की तस्वीर कांग्रेस पार्टी को देखकर मूल्यांकन करना चाहिए. उस वक़्त श्रद्धालुओं और मेला के लिए क्या किया जाता था, ये देखना चाहिए. अभी राजकीय मेला है आगे चलकर अंतराष्ट्रीय भी होगा. इसके प्रयास में हमलोग भी लगे हैं.

गया: विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला को राजकीय मेला से अंतरराष्ट्रीय मेला घोषित करवाने को लेकर गुरुवार को कांग्रेस नेताओं ने जमकर प्रदर्शन किया. वहीं, इस पर जदयू ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधाओं में कोई कमी नहीं है. इस मांग को मनवाने से पहले कांग्रेस अपने शासन काल के मेले की तस्वीर देखकर मूल्यांकन करे.

कांग्रेस दल ने किया प्रदर्शन
दरअसल, पितरों के तर्पण-अपर्ण करने देश-विदेश के श्रद्धालु गया में आते हैं. युगों युग से यहां पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए पिंडदान किया जा रहा है. वर्ष में पिंडदान का पितृ पक्ष के 15 या 17 दिन के अवधि में करने का बड़ा महत्व होता है. लाखों की संख्या में श्रद्धालु पितृपक्ष के समय में पिंडदान करने आते हैं. इस महीने में राज्य सरकार मेला का आयोजन करती है. मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के कार्यकाल में इस मेला को राजकीय मेला घोषित किया गया था. लेकिन अब जिला कांग्रेस दल ने इस मुद्दे को दोबारा उठाया है. गुरुवार को दल के लोगों ने प्रशासन से विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला को राजकीय मेला से अंतरराष्ट्रीय मेला घोषित करवाने के लिए जमकर नारेबाजी की.

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कांग्रेस ने जमकर की नारेबाजी

पितृपक्ष मेला को अंतरराष्ट्रीय मेला बनाने की मांग
मगध क्षेत्र के कांग्रेस प्रवक्ता विजय कुमार मिट्ठू ने बताया कि कांग्रेस इकाई ने राजकीय पितृपक्ष मेला को अंतरराष्ट्रीय मेला घोषित करने के लिए जनजागरण कार्यक्रम का आयोजन किया है. प्रत्येक वर्ष पितृपक्ष मेला के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री मंच से घोषणा करते हैं, मेला को अंतरराष्ट्रीय दर्जा दिलवाएंगे. लेकिन आज तक इस मेले को अंतरराष्ट्रीय दर्जा नहीं मिला. साथ ही सीताकुंड को भी रामायण सर्किट में शामिल नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि इस वर्ष राजकीय मेला को अंतरराष्ट्रीय दर्जा दिया जाए और सीताकुंड को रामायण सर्किट में शामिल किया जाएगा.

कांग्रेस ने किया पितृपक्ष मेला के लिए प्रदर्शन

पहले अपनी तस्वीर देखे कांग्रेस- जदयू
इसको लेकर जदयू प्रवक्ता चंदन यादव ने बताया कि श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए सरकार ने सारी व्यवस्था अच्छे से की है. श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी नहीं हो इसके लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज से 20 वर्ष पहले के पितृपक्ष मेले की तस्वीर कांग्रेस पार्टी को देखकर मूल्यांकन करना चाहिए. उस वक़्त श्रद्धालुओं और मेला के लिए क्या किया जाता था, ये देखना चाहिए. अभी राजकीय मेला है आगे चलकर अंतराष्ट्रीय भी होगा. इसके प्रयास में हमलोग भी लगे हैं.

Intro:विश्वप्रसिद्ध पितृपक्ष मेला को राजकीय मेला से अंतरराष्ट्रीय मेला का दर्जा देने का मांग कांग्रेस सेवा दल गया इकाई ने किया, वही जदयू ने कहा श्रद्धालुओं के सुविधाएं में कोई कमी नही है, कांग्रेस अपने शासन काल का मेला का तस्वीर देखकर मूल्यांकन करे।


Body:पितरों के तर्पण अपर्ण करने देश-विदेश के श्रद्धालु गया में आते हैं। युगों युग से यहाँ पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए पिंडदान करते हैं।वर्ष में पिंडदान का पितृ पक्ष के 15 या 17 दिन के अवधि में करने का बड़ा महत्व है। लाखो के संख्या में श्रद्धालु पितृपक्ष के अवधि में पिंडदान करने आते हैं। इस अवधि में राज्य सरकार मेला का आयोजन करता है। मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के कार्यकाल में इस मेला को राजकीय मेला घोषित किया गया था।

मगध क्षेत्र के प्रवक्ता कांग्रेस नेता विजय कुमार मिट्ठू ने बताया आज कांग्रेस इकाई राजकीय पितृपक्ष मेला को अंतरराष्ट्रीय मेला घोषित करने के लिए जनजागरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। प्रत्येक वर्ष पितृपक्ष मेला के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री मंच से घोषणा करते हैं मेला को अंतरराष्ट्रीय दर्जा दिलवाए गए। लेकिन आज तक इस मेला को।अंतरराष्ट्रीय दर्जा नही मिला। साथ ही सीताकुंड को रामायण सर्किट में शामिल नही किया गया। कांग्रेस पार्टी मांग करता है इस वर्ष राजकीय मेला को अंतरराष्ट्रीय दर्जा दिया जाए और सीताकुंड को रामायण सर्किट में शामिल किया जाएगा।

इस मामले को लेकर जदयू प्रवक्ता चंदन यादव ने बताया श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए सरकार सारी व्यवस्था किया है। श्रद्धालुओं को किसी तरह का परेशानी नही हो इसके लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। आज से 20 वर्ष पहले के पितृपक्ष मेला का तस्वीर कांग्रेस पार्टी को देखकर मूल्यांकन करना चाहिए। उस वक़्त श्रद्धालुओं और मेला के लिए क्या किया जाता था देखना चाहिए। अभी राजकीय मेला है आगे चलकर अंतराष्ट्रीय भी होगा। इसके प्रयास में हमलोग भी लगे हैं।


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