गया : बिहार के गया में बड़ी लापरवाही सामने आई है. यह लापरवाही जाति आधारित गणना को लेकर है, जब एक ओर हाईकोर्ट ने जाति आधारित जनगणना को लेकर बिहार सरकार के पक्ष में फैसला दिया है, तो दूसरी ओर लचर स्थिति के कारण जाति आधारित गणना के दस्तावेज पानी से गलने लगे हैं.
ये भी पढ़ें - Bihar Caste Census: जातीय जनगणना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर, पटना हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती
गया में जातीय जनगणना की फाइल पानी में नष्ट : गया नगर निगम के सम्राट अशोक भवन में रखे जाति आधारित गणना जो हलिया में जुटाया गया था, उसका रिकॉर्ड वाला दस्तावेज वर्षा के पानी से भींग गया है या फिर गलने के जैसा है. इसे सुधारने की कोशिश हो रही है. बताया जा रहा है कि नगर निगम के 53 वार्डों का लगभग 1048 ईबी किट रखे गए थे, जिसमें से दर्जनों ईबी किट वर्षा के पानी से भींग गए हैं.
कैसे खुला मामला? : जानकारी के अनुसार, नगर निगम के अशोक भवन में जाति आधारित जनगणना को लेकर प्रगणकों को बैठक के लिए बुलाया गया था. इस दौरान प्रगणकों द्वारा जमा कराए गए गणना प्रपत्र के अपने-अपने बैग खोले गए तो भौंचक रह गए. इनमें से कई का प्रपत्र भींगा हुआ था. प्रपत्र गल भी गए थे.
ऑनलाइन की इंट्री का काम रह गया था शेष : कई प्रगणकों के अनुसार ऑनलाइन एंट्री का काम कई प्रकरण का शेष रह गया था. अब ऐसे में पर जब कई के जातीय जनगणना के दस्तावेज खराब हो गए हैं, तो यह बड़ी परेशानी वाली बात है.
''कुछ बैग भींगे हैं जिन्हें सुखाया जा रहा है. वैसे इनका ऑनलाइन एंट्री भी किया गया है. कोई बड़ी समस्या नहीं है.''- अभिलाषा शर्मा, नगर आयुक्त, गया नगर निगम
गया शहर के 53 वार्डों में किया गया था गणना का काम : बताया जा रहा है कि नगर निगम के अंतर्गत गया शहर के 53 वार्डों में जातीय जनगणना का काम किया जा रहा था. किंतु इसके बीच अब जब कई प्रगणकों के दस्तावेज भींंगने से खराब हुए हैं. ऐसे में काफी परेशानी हो सकती है, क्योंकि राज्य सरकार चाहती है कि जल्द से जल्द जातीय जनगणना का काम पूरा कर लिया जाए. ताकि भविष्य में आने वाली संभावित अड़चनों से भी बचा जाए.