गया: बुद्ध जयंती के अवसर पर बोधगया में पहली बार सार्वजनिक समारोह का आयोजन नहीं किया जा रहा है. भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली बोधगया में हर साल बुद्ध जयंती धूमधाम से मनाया जाता रहा है, जहां पूरे विश्व से लाखों श्रद्धालु आते हैं. लेकिन इस साल वैश्विक महामारी कोरोना के कारण ये अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक स्थल सूनसान पड़ा है.
इस बार बुद्ध जयंती 7 मई को है. यह तिथि बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसी तिथि को भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था. इसी तिथि को उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और इसी तिथि को उन्हें महापरिनिर्वाण मिला था, यानी उनकी मृत्यु हुई थी. इसलिए बौद्ध धर्मावलंबी बुद्ध जयंती को त्रिविध जयंती के रूप में मनाते हैं, क्योंकि भगवान बुद्ध के जीवनकाल की तीनों घटनाएं एक ही तिथि को हुई थीं.
इस बार नहीं होगा कोई कार्यक्रम
हर साल बोधगया में बुद्ध जयंती के मौके पर अंतर्राष्ट्रीय पीस मार्च का आयोजन किया जाता रहा है, जिसमें विश्व के कई देशों के बौद्ध धर्मगुरु, दलाई लामा, श्रद्धालु और पर्यटक शामिल होते हैं. लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण बोधगया में वीरानी छाई हुई है. सड़कें सुनसान हैं. इस बार बुद्ध जयंती के मौके पर कोई भी सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं होगा.
सिर्फ बौद्ध भंते होंगे शामिल
इस संबंध में बोधगया टेंपल मैनेजमेंट कमिटी के सचिव एन. दोरजे बताते हैं कि इस बार सिर्फ भगवान बुद्ध के उपदेशों का पालन किया जाएगा. अहले सुबह महाबोधि मंदिर में प्रार्थना की जाएगी और देर शाम दीप जलाए जाएंगे. इन कार्यक्रमों में महाबोधि मंदिर के कुछ बौद्ध भंते ही भाग लेंगे. वह भी सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करेंगे. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर प्रार्थना की जाएगी, ताकि इस वायरस का प्रभाव और ना बढ़े.