गया: जिला ही नहीं, प्रदेश और देश को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आयी है. गया से 5 साल की बच्ची को गोद लेकर गए अमेरिकी दंपति ने, जब बच्ची की दिन प्रतिदिन खराब हालत देख मेडिकल जांच करवायी तो चौंकाने वाला मामला सामने आया. दरअसल, मेडिकल जांच में बच्ची के साथ हुई हैवानियत का उजागर हुआ है.
18 अगस्त को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के लखीबाग मुहल्ले में एनजीओ इकोविक के चालित विशिष्ट दत्तक केन्द्र से अमेरिकी दंपति ने पांच वर्षीय बच्ची को गोद लिया था. अमेरिका जाने के बाद बच्ची बीमार बनी रहती थी. इसके बाद जब दंपती ने उसका मेडिकल टेस्ट करवाया, तो रिपोर्ट में बच्ची के प्राइवेट पार्ट में सूजन के साथ-साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया.
भारतीय दूतावास को दी जानकारी...
अमेरिकी दंपति ने इस बाबत भारतीय दूतावास को जानकारी दी. वहीं, शिकायत के बाद बाल संरक्षण इकाई ने दत्तक केंद्र पर छापेमारी कर केंद्र से जुड़े सभी लोगों को गिरफ्तार कर पॉक्सो एक्ट के तहत जेल भेज दिया. टीम ने केंद्र को सील कर दिया.
पांच नामजद अभियुक्त
इस मामले में स्थानीय थाने में एफआईआर दर्ज करायी गयी है. बाल संरक्षण इकाई गया के सहायक निदेशक राजन कुमार के लिखित आवेदन पर दत्तक केन्द्र के की महिलाएं समेत पांच लोगों को अभियुक्त बनाया है. पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार शनिवार को जेल भेज दिया. इसमें विनोद कुमार,पूनम कुमारी, खुशबू राय,पवन कुमार और सुरेन्द्र कुमार शामिल हैं.
क्या बोले एसएसपी....
इस बाबत एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि बाल संरक्षण इकाई ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इस प्राथमिकी के बाद दत्तक केंद्र से सभी बच्चों को कड़ी सुरक्षा के साथ बिहार के अलग-अलग केंद्रों में ले जाया गया है. एसएसपी ने बताया कि सभी बच्चों का मेडि3कल करवाया गया है. वहीं, उन्होंने ये भी बताया कि अमेरिका से बच्ची को वापस भारत लाया जाएगा. उसके बाद बच्ची के बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
संस्था के निर्देशक का बयान...
- संस्था के निर्देशक विनोद कुमार के मुताबिक 18 अगस्त को अमेरिकी दंपति बच्ची को देखने दत्तक केन्द्र आये थे.
- 19 अगस्त को सारी प्रक्रिया पूरी कर बच्ची को अपने साथ ले गये.
- बच्ची का पासपोर्ट बनाने के लिए 20 अगस्त को केन्द्र की पूनम कुमारी पटना गयी थी.
- 23 अगस्त को पासपोर्ट मिला, इसी बीच दो बार पटना केन्द्र के कर्मी गये लेकिन दंपति परिवार द्वारा कोई शिकायत नहीं की गयी.
- अमेरिका जाने के पहले दिल्ली में मेडिकल जांच भी की गयी. उस समय मेडिकल जांच के दौरान बच्ची स्वस्थ थी.
- 30 अगस्त को दिल्ली से अमेरिका गये, तो 31 अगस्त को अमेरिका में बच्ची बीमार हुई. बच्ची को अमेरिका में दर्द हुई, इसकी जिम्मेदारी गया के दत्तक केन्द्र को देना अन्याय है.