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भगवान भी गर्मी से परेशान! धार्मिक नगरी गया के इस मंदिर में लगाना पड़ा AC

बिहार के गया में भगवान श्री कृष्ण और राधा को भी गर्मी लग रही है. मंदिर प्रबंधन ने गर्मी से बचाव के लिए मंदिर में एसी (AC for God in Gaya) और पंखे का इंतजाम किया है. पढ़ें पूरी खबर..

AC for God to save from heat in ISKCON temple
AC for God to save from heat in ISKCON temple
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Published : Apr 19, 2022, 7:21 PM IST

गया: बिहार में प्रचंड गर्मी (Heat in bihar) है. बढ़ते पारे ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. धार्मिक नगरी गया की बात करें तो यहां तापमान 37 डिग्री (Gaya temperature) के आसपास है. ऐसे में लोग खुद को गर्मी से बचाने के लिए तरह-तरह के जतन कर रहे हैं लेकिन धर्म की इस नगरी में कई प्राचीन मंदिर हैं और मंदिरों में कई देवताओं की प्रतिमा स्थापित हैं. ऐसे में भगवान को गर्मी से बचाने के लिए भी कई कदम उठाए जा रहे हैं. मामला गया के इस्कॉन मंदिर (ISKCON Temple Gaya) का है, जहां भगवान को गर्मी से बचाने के लिए 24 घंटे एसी और पंखे की सेवा दी जा रही है.

पढ़ें- बिहार में प्रचंड गर्मी से हाहाकार, बक्सर में पड़ रही उबाल देने वाली गर्मी, पारा पहुंचा 46 डिग्री के पार

मंदिर में एसी : यहां भीषण गर्मी के प्रकोप से भगवान श्री कृष्ण, राधा और अन्य देवी-देवता को बचाने के लिए और उन्हें शीतलता प्रदान करने के लिए खास इंतजाम किए गए है. जिसमें मुख्य रुप से भगवान को चंदन का लेप लगाया जा रहा है. साथ ही मंदिर के गर्भ गृह में भगवान की प्रतिमा के आस-पास अत्याधुनिक एसी लगाए गए हैं. जो भगवान को शीतलता व ठंडक प्रदान कर रहे हैं. अगर मंदिर में कोई व्यक्ति न भी हो, फिर भी 24 घंटे भगवान को एयर कंडीशनर व पंखे की सेवा दी जाती है.

माता तुलसी को बचाने के लिए जलदान: शहर के गेवालबिगहा मोड़ के समीप इस्कॉन मंदिर स्थित है. इस मंदिर में जहां भगवान को गर्मी और लू से बचाने के लिए एयर कंडीशनर की सुविधा है, तो वहीं इसी मंदिर में माता तुलसी को गर्मी से बचाने के लिए जलदान किया जा रहा है. बनाए गए पीतल के बर्तन से जलदान की व्यवस्था की गई है. जिससे ठंढा पानी माता तुलसी पर बूंद-बूंद टपकता है. इस तरह से मंदिर में माता तुलसी को भी गर्मी से बचाने के लिए मंदिर प्रबंधक पूरी व्यवस्था कर चुके हैं.

'ईश्वर से प्रेम जताने का यह एक तरीका है': इस संबंध में इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष सह मुख्य पुजारी जगदीश श्याम दास बताते हैं कि हमारे यहां मंदिर में भगवान जी के लिए एयर कंडीशनर और पंखे की सेवा दी जाती है. भगवान भी एक व्यक्ति हैं. वे प्रेम का स्वरूप हैं. उसी भाव से हम उनकी सेवा करते हैं. यह मंदिर भगवान का है, तो पहला अधिकार उन्हीं का है. भगवान कृपा करके विग्रह रूप में आते हैं और हमलोग से प्रेम करते हैं और सेवा लेते हैं. अध्यक्ष सह मुख्य पुजारी जगदीश श्यामदास दास बताते हैं कि भगवान जी की सेवा करने के लिए करोड़ों लक्ष्मीयां अग्रसर रहती हैं.

ठंड के दिन में हीटर-ब्लोअर की करते हैं व्यवस्था: साथ ही मंदिर के अध्यक्ष ने कहा कि ठंड के दिनों में भी भगवान के लिए भी व्यवस्था रहती है. हर मौसम के अनुसार अलग-अलग सेवा की जाती है. ठंड में हीटर और ब्लोअर लगाए जाते हैं. गर्मी के दिनों में एयर कंडीशनर और पंखे की सेवा दी जाती है. ठंडे पानी का उपयोग भगवान के लिए किया जाता है. गौरतलब हो कि गया के कुछ और मंदिरों में भी गर्मी से भगवान को बचाने के लिए अलग-अलग तरीकों से व्यवस्था की जाती है.

"भगवान जी ठंढ-गर्मी से ऊपर हैं, परंतु भगवान कृपा करके विग्रह रूप में आते हैं और हम लोग मौसम अनुकूल ऐसी सेवा करते हैं. जब हम भोजन करते हैं तो उससे पहले भगवान को भोग लगाया जाता है. पांचों पहर अलग-अलग तरीकों से भोग लगाया जाता है. भगवान से प्रेम का ये स्वरूप है. भगवान प्रेम के भूखे हैं. यह सब एक तरीका है ईश्वर के प्रति अपने प्रेम और श्रद्धा को दिखाने का."- जगदीश श्याम दास,अध्यक्ष, इस्कॉन मंदिर

पढ़ें- बाबा महाकाल को गर्मी के मौसम में ठंडक पहुंचाने लगाए गए मिट्टी के 11 कलश

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गया: बिहार में प्रचंड गर्मी (Heat in bihar) है. बढ़ते पारे ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. धार्मिक नगरी गया की बात करें तो यहां तापमान 37 डिग्री (Gaya temperature) के आसपास है. ऐसे में लोग खुद को गर्मी से बचाने के लिए तरह-तरह के जतन कर रहे हैं लेकिन धर्म की इस नगरी में कई प्राचीन मंदिर हैं और मंदिरों में कई देवताओं की प्रतिमा स्थापित हैं. ऐसे में भगवान को गर्मी से बचाने के लिए भी कई कदम उठाए जा रहे हैं. मामला गया के इस्कॉन मंदिर (ISKCON Temple Gaya) का है, जहां भगवान को गर्मी से बचाने के लिए 24 घंटे एसी और पंखे की सेवा दी जा रही है.

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मंदिर में एसी : यहां भीषण गर्मी के प्रकोप से भगवान श्री कृष्ण, राधा और अन्य देवी-देवता को बचाने के लिए और उन्हें शीतलता प्रदान करने के लिए खास इंतजाम किए गए है. जिसमें मुख्य रुप से भगवान को चंदन का लेप लगाया जा रहा है. साथ ही मंदिर के गर्भ गृह में भगवान की प्रतिमा के आस-पास अत्याधुनिक एसी लगाए गए हैं. जो भगवान को शीतलता व ठंडक प्रदान कर रहे हैं. अगर मंदिर में कोई व्यक्ति न भी हो, फिर भी 24 घंटे भगवान को एयर कंडीशनर व पंखे की सेवा दी जाती है.

माता तुलसी को बचाने के लिए जलदान: शहर के गेवालबिगहा मोड़ के समीप इस्कॉन मंदिर स्थित है. इस मंदिर में जहां भगवान को गर्मी और लू से बचाने के लिए एयर कंडीशनर की सुविधा है, तो वहीं इसी मंदिर में माता तुलसी को गर्मी से बचाने के लिए जलदान किया जा रहा है. बनाए गए पीतल के बर्तन से जलदान की व्यवस्था की गई है. जिससे ठंढा पानी माता तुलसी पर बूंद-बूंद टपकता है. इस तरह से मंदिर में माता तुलसी को भी गर्मी से बचाने के लिए मंदिर प्रबंधक पूरी व्यवस्था कर चुके हैं.

'ईश्वर से प्रेम जताने का यह एक तरीका है': इस संबंध में इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष सह मुख्य पुजारी जगदीश श्याम दास बताते हैं कि हमारे यहां मंदिर में भगवान जी के लिए एयर कंडीशनर और पंखे की सेवा दी जाती है. भगवान भी एक व्यक्ति हैं. वे प्रेम का स्वरूप हैं. उसी भाव से हम उनकी सेवा करते हैं. यह मंदिर भगवान का है, तो पहला अधिकार उन्हीं का है. भगवान कृपा करके विग्रह रूप में आते हैं और हमलोग से प्रेम करते हैं और सेवा लेते हैं. अध्यक्ष सह मुख्य पुजारी जगदीश श्यामदास दास बताते हैं कि भगवान जी की सेवा करने के लिए करोड़ों लक्ष्मीयां अग्रसर रहती हैं.

ठंड के दिन में हीटर-ब्लोअर की करते हैं व्यवस्था: साथ ही मंदिर के अध्यक्ष ने कहा कि ठंड के दिनों में भी भगवान के लिए भी व्यवस्था रहती है. हर मौसम के अनुसार अलग-अलग सेवा की जाती है. ठंड में हीटर और ब्लोअर लगाए जाते हैं. गर्मी के दिनों में एयर कंडीशनर और पंखे की सेवा दी जाती है. ठंडे पानी का उपयोग भगवान के लिए किया जाता है. गौरतलब हो कि गया के कुछ और मंदिरों में भी गर्मी से भगवान को बचाने के लिए अलग-अलग तरीकों से व्यवस्था की जाती है.

"भगवान जी ठंढ-गर्मी से ऊपर हैं, परंतु भगवान कृपा करके विग्रह रूप में आते हैं और हम लोग मौसम अनुकूल ऐसी सेवा करते हैं. जब हम भोजन करते हैं तो उससे पहले भगवान को भोग लगाया जाता है. पांचों पहर अलग-अलग तरीकों से भोग लगाया जाता है. भगवान से प्रेम का ये स्वरूप है. भगवान प्रेम के भूखे हैं. यह सब एक तरीका है ईश्वर के प्रति अपने प्रेम और श्रद्धा को दिखाने का."- जगदीश श्याम दास,अध्यक्ष, इस्कॉन मंदिर

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