गया: 50 विदेशी मेहमानों ने फल्गु नदी के तट पर पूर्वजों का किया पिंडदान - धार्मिक रीति-रिवाज
गया में बुधवार को रूस से आए 50 विदेशी मेहमानों ने पूर्वजों के लिए फल्गु नदी पर पिंडदान किया. वहीं, स्थानीय पंडा ने धार्मिक मंत्रोच्चारण के साथ पूरे विधि-विधान से पिंडदान की प्रक्रिया संपन्न कराई.
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गया: रूस से आए 50 विदेशी श्रद्धालुओं ने अपने पूर्वजों के मोक्ष की कामना को लेकर फल्गु नदी के तट पर पिंडदान किया. वहीं, स्थानीय पंडा नरेंद्र लाल कटियार ने धार्मिक मंत्रोच्चारण के साथ पूरे विधि-विधान से पिंडदान की प्रक्रिया संपन्न कराई.
50 विदेशी मेहमानों ने किया अपने पूर्वजों के लिए पिंडदान
इस दौरान रूसी महिला एलिना ने कहा कि भारतीय संस्कृति के बारे में काफी कुछ सुन रखा था. पूर्वजों को गयाजी में पिंडदान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसी को ध्यान में रखकर हम लोग आज गयाजी पहुंचे और फल्गु नदी के तट पर पिंडदान किया. रूसी महिला ने कहा कि भारतीय संस्कृति काफी अच्छी है, जो कुछ सुना था, उससे ज्यादा देखने को मिला. यही वजह है कि भारतीय संस्कृति के अनुसार वेशभूषा में हम लोगों ने धार्मिक विधि-विधान के अनुसार पिंडदान किया है, ताकि हमारे पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति हो सके.
पूरे विधि-विधान से पिंडदान पूरी हुई पिंडदान की प्रक्रिया
वहीं, स्थानीय पंडा नरेंद्र लाल कटियार ने बताया कि 50 विदेशी मेहमानों ने पिंडदान किया है. ये सभी रूस देश से आए हैं. भारतीय विधि-विधान और धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार सभी को पिंडदान कर्मकांड की प्रक्रिया संपन्न कराई गई है. उन्होंने कहा कि शास्त्रों में भी लिखा है कि जिनके पुत्र जीवित हैं. उन्हें अपने पूर्वजों का पिंडदान करना चाहिए. इससे पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है.