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अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थली बोधगया में होटल व्यवसाय पर ग्रहण! 30 करोड़ का सालाना नुकसान - ईटीवी न्यूज बिहार

बोधगया के होटल व्यवसाय (Hotel Business In Bodh Gaya) की स्थिति चौंकाने वाली है. यहां कोरोना काल के पहले होटल व्यवसाय करीब 30 करोड़ से अधिक का होता था, जो कि अब एक से दो करोड़ के बीच सिमट कर रह गया है. कई होटलों में ताले लग चुके हैं, तो कई बंदी की कगार पर हैं. पढ़ें पूरी खबर...

बोधगया में होटल व्यवसाय पर ग्रहण
बोधगया में होटल व्यवसाय पर ग्रहण
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Published : Aug 8, 2022, 11:27 AM IST

Updated : Aug 8, 2022, 12:48 PM IST

गयाः अंतर्राष्ट्रीय धर्मस्थली बोधगया के होटल व्यवसाय पर ग्रहण (30 Crore Annual Loss To Hotel Business In Gaya) लगता नजर आ रहा है. बोधगया केवल बिहार ही नहीं, बल्कि देश और दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर महत्वपूर्ण पहचान स्थापित करता है लेकिन इंटरनेशनल फ्लाइट बंद रहने के कारण ये नौबत आई है. कई होटलों में ताले लग चुके हैं तो कईयों में लगने वाले हैं. वहीं, इस बीच राजद के बोधगया विधायक कुमार सर्वजीत (MLA Kumar Sarvjeet) ने बिहार सरकार पर इस दिशा में उपेक्षा का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि यही स्थिति बनी रही तो बोधगया का होटल व्यवसाय बंद हो जाएगा. बोधगया में सरकार को नई पर्यटन पॉलिसी बनानी चाहिए.

ये भी पढ़ेंः इंग्लैंड से आए अतिथियों का जोरदार स्वागत, बोधगया में चलाते हैं 'मम्मी जी एजुकेशनल चैरिटेबल ट्रस्ट'

बोधगया के होटल कारोबार में घाटाः बोधगया का होटल व्यवसाय कोरोना काल के पूर्व के वर्षों में करीब 30 करोड़ से अधिक का होता था, जो कि अब एक से दो करोड़ के बीच सिमट कर रह गया है. इस तरह धीरे-धीरे बोधगया का होटल व्यवसाय दम तोड़ता प्रतीत हो रहा है. खास बात यह है कि कोरोना काल के पूर्व के 2 वर्षों में यहां करीब 5 लाख विदेशी पर्यटक आए थे. विभिन्न पूजा समारोह में बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटकों का आगमन होता है, लेकिन कोरोना काल के बाद से जो इंटरनेशनल फ्लाइट बंद हुई, उसके कारण यहां विदेशी पर्यटकों का आना एक तरह से थम गया है और यही वजह है कि बोधगया का होटल कारोबार समेत अन्य व्यवसाय चरमरा गया है.


विदेशी पर्यटक नहीं आने से टूटी कमरः इस संबंध में बोधगया होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष जय सिंह ने बताया कि कोरोना काल में काफी असर होटल व्यवसाय पर पड़ा है. कई होटल बंद के कगार पर जा रहे हैं. तो कई नीलामी पर चढ़ चुके हैं. विदेशी पर्यटक नहीं आने से काफी असर पड़ा है. होटल व्यवसाय को किसी प्रकार का अनुदान सरकार द्वारा नहीं दिया गया. होल्डिंग टैक्स, बिजली टैक्स आदि पर छूट की मांग की गई थी. अगर होटल व्यवसाय पर सब्सिडी सरकार दे तो इस व्यवसाय को बचाया जा सकता है.

"बोधगया का होटल व्यवसाय विदेशी पर्यटकों पर निर्भर है. यहां विकास कार्य राजगीर की तरह नहीं कराया गया है. अभी यहां मास्टर प्लान बनाकर डेवलप करने की जरूरत है. यहां सबसे ज्यादा श्रीलंका, म्यानमार, वियतनाम, ताइवान, थाईलैंड समेत अन्य देशों से विदेशी पर्यटक आते हैं. श्रीलंका और वर्मा से पूरी तरह से पर्यटन बंद है. सबसे ज्यादा इन 2 देशों से पर्यटक आया करते थे. विदेशी पर्यटकों के एक दम से नहीं आने से करोड़ों का नुकसान हो रहा है. यही स्थिति रही तो होटल व्यवसाय चौपट हो जाएगा"- जय सिंह, अध्यक्ष, होटल एसोसिएशन बोधगया

नई टूरिज्म पॉलिसी बनाने की जरूरत: वहीं, राजद विधायक कुमार सर्वजीत कहते हैं कि पूरे देश में सभी एयरपोर्ट पर इंटरनेशनल फ्लाइट आ रही है. लेकिन गया एयरपोर्ट पर ऐसा नहीं हो रहा है. उन्होंने नीतीश सरकार पर आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने बोधगया के पर्यटन को लेकर आज तक गंभीरता से कोई चर्चा नहीं की. सरकार कुछ सुनने को तैयार नहीं है. सरकार को चाहिए कि बोधगया के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई पॉलिसी बनाए. यहां कई देश के लोग होटल-मंदिर बनाना चाहते हैं लेकिन दुर्भाग्य है कि 5 साल से बोधगया में नक्शा अप्रूवल नहीं हो सका है.

"हमने बिहार के मुख्यमंत्री का कई बार इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया है. उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन को भी बोधगया की स्थिति से अवगत कराया है. कई बार लिखा गया है कि बोधगया के व्यापार को बचा लिया जाए. होटल बिकने के कगार पर हैं. हर प्रकार का बिजनेस यहां प्रभावित हो रहा है. इंटरनेशनल फ्लाइट नहीं आने से यह नौबत हुई है. कोविड-19 के समय का बिजली होल्डिंग टैक्स माफ कर दिया जाए"- कुमार सर्वजीत, राजद विधायक

ये भी पढ़ेंः बिहार में 'पर्यटन पुलिस' : बोधगया व राजगीर में नीली जैकेट में संभालेगी सुरक्षा की कमान

'बोधगया को राजगीर की तर्ज पर डिवेलप किया जाए' : विधायक कुमार सर्वजीत ने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं, कि एक बार मुख्यमंत्री खुद यहां आए और बोधगया के महाबोधि मंदिर समेत सभी मंदिरों के प्रतिनिधियों होटल प्रतिनिधियों के साथ वार्ता करें. अगर कोई नई पॉलिसी नहीं बनती है तो बोधगया के व्यापारी बर्बाद हो जाएगें. साथ ही मांग किया कि बोधगया को राजगीर की तर्ज पर डिवेलप किया जाए.

गयाः अंतर्राष्ट्रीय धर्मस्थली बोधगया के होटल व्यवसाय पर ग्रहण (30 Crore Annual Loss To Hotel Business In Gaya) लगता नजर आ रहा है. बोधगया केवल बिहार ही नहीं, बल्कि देश और दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर महत्वपूर्ण पहचान स्थापित करता है लेकिन इंटरनेशनल फ्लाइट बंद रहने के कारण ये नौबत आई है. कई होटलों में ताले लग चुके हैं तो कईयों में लगने वाले हैं. वहीं, इस बीच राजद के बोधगया विधायक कुमार सर्वजीत (MLA Kumar Sarvjeet) ने बिहार सरकार पर इस दिशा में उपेक्षा का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि यही स्थिति बनी रही तो बोधगया का होटल व्यवसाय बंद हो जाएगा. बोधगया में सरकार को नई पर्यटन पॉलिसी बनानी चाहिए.

ये भी पढ़ेंः इंग्लैंड से आए अतिथियों का जोरदार स्वागत, बोधगया में चलाते हैं 'मम्मी जी एजुकेशनल चैरिटेबल ट्रस्ट'

बोधगया के होटल कारोबार में घाटाः बोधगया का होटल व्यवसाय कोरोना काल के पूर्व के वर्षों में करीब 30 करोड़ से अधिक का होता था, जो कि अब एक से दो करोड़ के बीच सिमट कर रह गया है. इस तरह धीरे-धीरे बोधगया का होटल व्यवसाय दम तोड़ता प्रतीत हो रहा है. खास बात यह है कि कोरोना काल के पूर्व के 2 वर्षों में यहां करीब 5 लाख विदेशी पर्यटक आए थे. विभिन्न पूजा समारोह में बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटकों का आगमन होता है, लेकिन कोरोना काल के बाद से जो इंटरनेशनल फ्लाइट बंद हुई, उसके कारण यहां विदेशी पर्यटकों का आना एक तरह से थम गया है और यही वजह है कि बोधगया का होटल कारोबार समेत अन्य व्यवसाय चरमरा गया है.


विदेशी पर्यटक नहीं आने से टूटी कमरः इस संबंध में बोधगया होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष जय सिंह ने बताया कि कोरोना काल में काफी असर होटल व्यवसाय पर पड़ा है. कई होटल बंद के कगार पर जा रहे हैं. तो कई नीलामी पर चढ़ चुके हैं. विदेशी पर्यटक नहीं आने से काफी असर पड़ा है. होटल व्यवसाय को किसी प्रकार का अनुदान सरकार द्वारा नहीं दिया गया. होल्डिंग टैक्स, बिजली टैक्स आदि पर छूट की मांग की गई थी. अगर होटल व्यवसाय पर सब्सिडी सरकार दे तो इस व्यवसाय को बचाया जा सकता है.

"बोधगया का होटल व्यवसाय विदेशी पर्यटकों पर निर्भर है. यहां विकास कार्य राजगीर की तरह नहीं कराया गया है. अभी यहां मास्टर प्लान बनाकर डेवलप करने की जरूरत है. यहां सबसे ज्यादा श्रीलंका, म्यानमार, वियतनाम, ताइवान, थाईलैंड समेत अन्य देशों से विदेशी पर्यटक आते हैं. श्रीलंका और वर्मा से पूरी तरह से पर्यटन बंद है. सबसे ज्यादा इन 2 देशों से पर्यटक आया करते थे. विदेशी पर्यटकों के एक दम से नहीं आने से करोड़ों का नुकसान हो रहा है. यही स्थिति रही तो होटल व्यवसाय चौपट हो जाएगा"- जय सिंह, अध्यक्ष, होटल एसोसिएशन बोधगया

नई टूरिज्म पॉलिसी बनाने की जरूरत: वहीं, राजद विधायक कुमार सर्वजीत कहते हैं कि पूरे देश में सभी एयरपोर्ट पर इंटरनेशनल फ्लाइट आ रही है. लेकिन गया एयरपोर्ट पर ऐसा नहीं हो रहा है. उन्होंने नीतीश सरकार पर आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने बोधगया के पर्यटन को लेकर आज तक गंभीरता से कोई चर्चा नहीं की. सरकार कुछ सुनने को तैयार नहीं है. सरकार को चाहिए कि बोधगया के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई पॉलिसी बनाए. यहां कई देश के लोग होटल-मंदिर बनाना चाहते हैं लेकिन दुर्भाग्य है कि 5 साल से बोधगया में नक्शा अप्रूवल नहीं हो सका है.

"हमने बिहार के मुख्यमंत्री का कई बार इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया है. उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन को भी बोधगया की स्थिति से अवगत कराया है. कई बार लिखा गया है कि बोधगया के व्यापार को बचा लिया जाए. होटल बिकने के कगार पर हैं. हर प्रकार का बिजनेस यहां प्रभावित हो रहा है. इंटरनेशनल फ्लाइट नहीं आने से यह नौबत हुई है. कोविड-19 के समय का बिजली होल्डिंग टैक्स माफ कर दिया जाए"- कुमार सर्वजीत, राजद विधायक

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'बोधगया को राजगीर की तर्ज पर डिवेलप किया जाए' : विधायक कुमार सर्वजीत ने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं, कि एक बार मुख्यमंत्री खुद यहां आए और बोधगया के महाबोधि मंदिर समेत सभी मंदिरों के प्रतिनिधियों होटल प्रतिनिधियों के साथ वार्ता करें. अगर कोई नई पॉलिसी नहीं बनती है तो बोधगया के व्यापारी बर्बाद हो जाएगें. साथ ही मांग किया कि बोधगया को राजगीर की तर्ज पर डिवेलप किया जाए.

Last Updated : Aug 8, 2022, 12:48 PM IST
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