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शिवरात्रि पर शिव की आराधना से मिलता है कई गुणा अधिक फल

महाशिवरात्रि के दिन कुंवारी लड़कियां मनचाहा वर पाने के लिए पूरा दिन व्रत रखती हैं और विशेष पूजा अर्चना करती हैं. यदि विवाह में कोई बाधा आ रही हो, तो भगवान शिव और जगत जननी के विवाह दिवस यानी महामहाशिवरात्रि पर इनकी पूजा-अर्चना करने से मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती हैं. दिन व्रती को चारों प्रहर की पूजा करनी चाहिए.

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Published : Feb 21, 2020, 5:42 PM IST

शिव की आराधना
शिव की आराधना

रक्सौल: महाशिव रात्रि को लेकर शहर के सातों माई स्थान मंदिर परिसर स्थित शिव मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली. हजारों की संख्या में भक्तों ने बाबा धर्म नाथ का विधि-विधान से जलाभिषेक किया. वहीं, नवनिर्मित राजकीय रेल थाना आवासीय परिसर में भी भगवान भोलेनाथ के मंदिर का वैदिक मंत्रोचार के साथ विधिवत रूप से शुभारंभ किया गया. मंदिर को उद्धाटन के बाद स्टेशन रोड दुकानदारों और जीआरपी स्टाफ ने संयुक्त रूप से महाप्रसाद का वितरण किया.

'कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की रात में शिव विवाह'
इसको लेकर आचार्य पं बृजकिशोर तिवारी ने बताया कि महाशिवरात्रि पर सर्वार्थसिद्धि नाम का शुभ योग भी बन रहा है. यह दुर्लभ महासंयोग 112साल में केवल एक बार आता है. इस दुर्लभ संयोग मे पूजन करने वाले सभी भक्तों की मन्नतें आवश्य पूरी होती है. उन्होंने बताया कि सनातन मान्यता के अनुसार शिवरात्रि की रात आराधना का पर्व है. इसमें पूरी रात शिवलिंग का अभिषेक और विशेष पूजन होता है. मंदिरों में दर्शन और पूजन के लिए दिनभर मुहूर्त रहेंगे.

पेश है एक रिपोर्ट

'कुंवारी लड़कियों को मिलता है मनचाहा वर'
आचार्य पं बृजकिशोर तिवारी ने कहा कि महाशिवरात्रि के दिन कुंवारी लड़कियां मनचाहा वर पाने के लिए पूरा दिन व्रत रखती हैं और विशेष पूजा अर्चना करती हैं. उन्होंने बताया कि महामहाशिवरात्रि का पावन दिन सभी कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर और विवाहित महिलाओं को अखंड सुहाग का वरदान दिलाने वाला सुअवसर प्रदान करता है. यदि विवाह में कोई बाधा आ रही हो, तो भगवान शिव और जगत जननी के विवाह दिवस यानी महामहाशिवरात्रि पर इनकी पूजा-अर्चना करने से मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती हैं. दिन व्रती को फल, पुष्प, चंदन, बेल पत्र, धतूरा, धूप, दीप और नैवेद्य से चारों प्रहर की पूजा करनी चाहिए.

रक्सौल: महाशिव रात्रि को लेकर शहर के सातों माई स्थान मंदिर परिसर स्थित शिव मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली. हजारों की संख्या में भक्तों ने बाबा धर्म नाथ का विधि-विधान से जलाभिषेक किया. वहीं, नवनिर्मित राजकीय रेल थाना आवासीय परिसर में भी भगवान भोलेनाथ के मंदिर का वैदिक मंत्रोचार के साथ विधिवत रूप से शुभारंभ किया गया. मंदिर को उद्धाटन के बाद स्टेशन रोड दुकानदारों और जीआरपी स्टाफ ने संयुक्त रूप से महाप्रसाद का वितरण किया.

'कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की रात में शिव विवाह'
इसको लेकर आचार्य पं बृजकिशोर तिवारी ने बताया कि महाशिवरात्रि पर सर्वार्थसिद्धि नाम का शुभ योग भी बन रहा है. यह दुर्लभ महासंयोग 112साल में केवल एक बार आता है. इस दुर्लभ संयोग मे पूजन करने वाले सभी भक्तों की मन्नतें आवश्य पूरी होती है. उन्होंने बताया कि सनातन मान्यता के अनुसार शिवरात्रि की रात आराधना का पर्व है. इसमें पूरी रात शिवलिंग का अभिषेक और विशेष पूजन होता है. मंदिरों में दर्शन और पूजन के लिए दिनभर मुहूर्त रहेंगे.

पेश है एक रिपोर्ट

'कुंवारी लड़कियों को मिलता है मनचाहा वर'
आचार्य पं बृजकिशोर तिवारी ने कहा कि महाशिवरात्रि के दिन कुंवारी लड़कियां मनचाहा वर पाने के लिए पूरा दिन व्रत रखती हैं और विशेष पूजा अर्चना करती हैं. उन्होंने बताया कि महामहाशिवरात्रि का पावन दिन सभी कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर और विवाहित महिलाओं को अखंड सुहाग का वरदान दिलाने वाला सुअवसर प्रदान करता है. यदि विवाह में कोई बाधा आ रही हो, तो भगवान शिव और जगत जननी के विवाह दिवस यानी महामहाशिवरात्रि पर इनकी पूजा-अर्चना करने से मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती हैं. दिन व्रती को फल, पुष्प, चंदन, बेल पत्र, धतूरा, धूप, दीप और नैवेद्य से चारों प्रहर की पूजा करनी चाहिए.

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