मोतिहारी: जिले में दूसरों को न्याय दिलाने वाले महरुम अधिवक्ता का परिवार न्याय के लिए संघर्ष कर रहा है. पूरा परिवार अधिवक्ता संघ के कार्यालय के सामने बैठकर धरना दे रहा है. अपने पति के लाभांश को जिला विधिज्ञ संघ से लेने के लिए वह हक की लड़ाई लड़ रही है.
पूरा मामला
दरअसल, मोतिहारी व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता उमाशंकर प्रसाद पिछले कई वर्षों से बीमार चल रहे थे. उमाशंकर प्रसाद की मृत्यु 28 जून को हो गई. लेकिन, अधिवक्ता संध से मृतक के परिवार को मिलने वाला लाभांश अब तक नहीं मिला है. जिस कारण उनकी विधवा पत्नी मनोरमा वर्मा अपने दो पुत्रों के साथ न्याय की भीख मांग रही है. विधवा मनोरमा हाथों में तख्ती लिए न्याय की मांग को लेकर जिला विधिज्ञ संघ कार्यालय के सामने धरना दे रही है.
'धरना रहेगा जारी'
मनोर्मा वर्मा ने कहा कि उनके पति अपनी पूरी जिन्दगी इस कोर्ट में लोगों की हक के लिए लड़ते रहे. लोगों को न्याय दिलाने में उन्होंने अपनी जिन्दगी तक को कुर्बान कर दिया. लेकिन, जब उनको न्याय मिलने की बारी आई तो जिला विधिज्ञ संघ बातों को दरकिनार कर रहा है. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांग को पूरा नहीं किया जाएगा तब तक वह बच्चों के साथ बैठकर धरना देती रहेंगी.
संघ पर मनमानी का आरोप
इस मामले में अधिवक्ता रमाकांत सिंह राकेश ने बताया कि मनोरमा देवी के मामले में विधिज्ञ संघ के पदाधिकारियों ने संघ के चुनाव को लेकर जारी किए गए आचार संहिता के कारण कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि जिस इन्सान ने पूरी जिन्दगी खुद को कोर्ट को समर्पित कर दिया. उसका परिवार आज इन्साफ के लिए भटक रहा है. जिला विधिज्ञ संघ मनमानी कर रहा है.
इस कारण कतरा रहा विभाग
आपको बता दें कि उमाशंकर प्रसाद का स्वास्थ्य 2002 से ही खराब था. इस दौरान जिला विधिज्ञ संघ ने ईलाज कराने के लिए संघ के कोष से पैसा दिया था. बताया जा रहा है कि साल 2006 से उमाशंकर प्रसाद ने अपनी सदस्यता शुल्क जमा नहीं कराया था. जिस कारण उमाशंकर सिंह के मृत्यु के बाद जिला विधिज्ञ संघ लाभांश देने से कतरा रहा है.