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आमरण अनशन पर बैठे टोला सेवक और स्वयंसेवकों की हालत बिगड़ी, सुध लेने नहीं आया कोई अधिकारी

इस लिखित समझौता के बाद भी टोला सेवकों और तालिमी मरकज के स्वयंसेवकों का समायोजन नहीं हो पाया. अधिकारी इनके समायोजन के बात पर टाल मटोल करते रहे. जिसको लेकर स्वयंसेवकों ने आमरण अनशन का ऐलान कर दिया.

अनशन की तस्वीर
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Published : Sep 18, 2019, 11:51 PM IST

मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ हुए समझौते के बावजूद खाली हाथ रहे टोला सेवक और तालिमी मरकज के स्वयं सेवक एक बार फिर से आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. 16 तारीख से आमरण अनशन पर बैठे सेवकों की सुध लेने अभी तक कोई अधिकारी नहीं आया है. आलम यह है कि अब अनशनकर्ता की हालत बिगड़ने लगी है.

motihari
अनशन पर बैठे स्वयंसेवकों

क्या है मामला?
दरअसल, वित्तीय वर्ष 2014-15 में बहाल 112 टोला सेवकों की बहाली नियम के खिलाफ बताते हुए 16 महीना सेवा देने के बाद उन्हें चयनमुक्त कर दिया गया था. इसके अलावा उनके 16 महीने का मानदेय भी नहीं दिया गया. इसको लेकर चयनमुक्त 112 टोला सेवक हाईकोर्ट गए और कोर्ट ने समायोजन का आदेश जिला के शिक्षा विभाग को दिया. लेकिन, शिक्षा विभाग के अधिकारी टोला सेवकों की बात को सुनने को तैयार नहीं हुए. लिहाजा, टोला सेवकों ने 19 अगस्त से डीईओ कार्यालय के सामने आमरण अनशन शुरू किया था. एक सप्ताह तक चले अनशन के बाद आरजेडी विधायक के सामने शिक्षा विभाग के अधिकारियों और टोला सेवकों के बीच 15 दिनों के अंदर समायोजन का समझौता हुआ था.

मोतिहारी से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

अनशन पर बैठे स्वयं सेवक
इस लिखित समझौता के बाद भी टोला सेवकों और तालिमी मरकज के स्वयंसेवकों का समायोजन नहीं हो पाया. अधिकारी इनके समायोजन के बात पर टाल मटोल करते रहे. इस कारण टोला सेवक और तालिमी मरकज के पांच स्वयंसेवक एक बार फिर से आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. अनशन पर बैठे स्वयं सेवकों की स्थिति बिगड़ रही है. लेकिन, उनकी सुध कोई भी अधिकारी नहीं ले रहा है.

मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ हुए समझौते के बावजूद खाली हाथ रहे टोला सेवक और तालिमी मरकज के स्वयं सेवक एक बार फिर से आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. 16 तारीख से आमरण अनशन पर बैठे सेवकों की सुध लेने अभी तक कोई अधिकारी नहीं आया है. आलम यह है कि अब अनशनकर्ता की हालत बिगड़ने लगी है.

motihari
अनशन पर बैठे स्वयंसेवकों

क्या है मामला?
दरअसल, वित्तीय वर्ष 2014-15 में बहाल 112 टोला सेवकों की बहाली नियम के खिलाफ बताते हुए 16 महीना सेवा देने के बाद उन्हें चयनमुक्त कर दिया गया था. इसके अलावा उनके 16 महीने का मानदेय भी नहीं दिया गया. इसको लेकर चयनमुक्त 112 टोला सेवक हाईकोर्ट गए और कोर्ट ने समायोजन का आदेश जिला के शिक्षा विभाग को दिया. लेकिन, शिक्षा विभाग के अधिकारी टोला सेवकों की बात को सुनने को तैयार नहीं हुए. लिहाजा, टोला सेवकों ने 19 अगस्त से डीईओ कार्यालय के सामने आमरण अनशन शुरू किया था. एक सप्ताह तक चले अनशन के बाद आरजेडी विधायक के सामने शिक्षा विभाग के अधिकारियों और टोला सेवकों के बीच 15 दिनों के अंदर समायोजन का समझौता हुआ था.

मोतिहारी से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

अनशन पर बैठे स्वयं सेवक
इस लिखित समझौता के बाद भी टोला सेवकों और तालिमी मरकज के स्वयंसेवकों का समायोजन नहीं हो पाया. अधिकारी इनके समायोजन के बात पर टाल मटोल करते रहे. इस कारण टोला सेवक और तालिमी मरकज के पांच स्वयंसेवक एक बार फिर से आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. अनशन पर बैठे स्वयं सेवकों की स्थिति बिगड़ रही है. लेकिन, उनकी सुध कोई भी अधिकारी नहीं ले रहा है.

Intro:मोतिहारी।पूर्वी चंपारण जिला के शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ हुए समझौते के बावजूद खाली हाथ रहे टोला सेवक और तालिमी मरकज के स्वयं सेवक एक बार फिर से आमरण अनशन पर बैठे हैं।अंबेदकर भवन के गेट पर 16 सितंबर से अनशन पर बैठे स्वयं सेवकों का सुधि लेने कोई अधिकारी नहीं आया है और अनशन के तीसरे दिन अनशन कारियों की हालत बिगड़ने लगी है।


Body:दरअसल,वित्तीय बर्ष 2014-15 में बहाल 112 टोला सेवकों की बहाली नियम विरुद्ध बताते हुए 16 महीना सेवा देने के बाद उन्हे चयन मुक्त कर दिया गया था।इसके अलावा उनका 16 महीने का मानदेय भी नहीं दिया गया।चयनमुक्त 112 टोला सेवक हाईकोर्ट गए और कोर्ट ने समायोजन का आदेश जिला के शिक्षा विभाग को दिया।लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी टोला सेवकों की बात को सुनने को तैयार नहीं हुए।लिहाजा,टोला सेवकों ने विगत 19 अगस्त से डीईओ कार्यालय के सामने आमरण अनशन शुरु किया था।एक सप्ताह चले अनशन के बाद राजद विधायक के समक्ष शिक्षा विभाग के अधिकारियों और टोला सेवकों के बीच 15 दिनों के अंदर समायोजन कर लेने का समझौता हुआ था।


Conclusion:लिखित समझौता होने के बावजूद टोला सेवकों और तालिमी मरकज के स्वयं सेवकों का समायोजन नहीं हो सका।अधिकारी इनके समायोजन के बात पर टाल मटोल करते रहे हैं।लिहाजा,एक बार फिर टोला सेवक और तालिमी मरकज के पांच स्वयं सेवक आमरण अनशन पर बैठ गए हैं।अनशन पर बैठे स्वयं सेवकों की स्थिति बिगड़ रही है।लेकिन उनकी सुधि कोई भी अधिकारी नहीं ले रहा है।
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