नवादा: अभ्रक उत्खनन के दौरान नवादा में चाल धंसा है. जिले के रजौली थाना क्षेत्र के सवैयाटांड़ पंचायत के कड़रूआ माइंस पर माइका उत्खनन करने के दौरान चाल धंसने से तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि दो लोगों के घायल होने की सूचना मिली है. हालांकि यह नहीं पता चल सका है कि घटना में कितनी महिला और कितने पुरुष शामिल हैं. वहीं, पुलिस के पहुंचने से पहले ही तीनों शवों को गायब कर दिया.
चाल धंसने से 3 मजदूरों की मौत: सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कड़रूआ माइंस का संचालन सिमरातरी गांव निवासी महेंद्र तुरिया के द्वारा किया जा रहा था. जहां पर थाना क्षेत्र के धमनी पंचायत के गिरगी गांव के मजदूर खनन का कार्य कर रहे थे. इसी दौरान अचानक चाल धंस गई और तीन लोगों की मौत और दो लोगों की बुरी तरह से जख्मी होने की सूचना मिली थी.
तीनों शव मौके से गायब: घटना के बाद रजौली थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर राजेश कुमार के निर्देश पर रजौली अपर थाना अध्यक्ष सह एसआई अजय कुमार पुलिस बलों के साथ घटनास्थल का मुआयना किया लेकिन खबर लिखे जाने तक न तो शव की बरामदगी हो पाई और न ही घायल लोगों की पहचान हो पाई है, क्योंकि माइका माफिया लोग पुलिस के पहुंचने से पहले ही शवों और घायलों को गायब कर दिया था. जिसके कारण पुलिस देर शाम तक खाक छानती रही. अपर थानाध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है.
"एक मजदूर के मृत्यु और दो मजदूरों के घायल होने की सूचना मिली है. सूचना के आलोक में माइंस और मजदूरों के परिजनों से संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है. माइंस से कुछ सामग्री को जब्त किया गया है. पुलिस अग्रतर कार्रवाई में जुटी हुई है." - अजय कुमार, अपर थानाध्यक्ष, रजौली थाना
सूचना मिली कि रजौली थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम झलकडीहा में अभ्रक के खदान के धंसने से एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई है।
— Nawada Police (@nawadapolice) December 2, 2024
सूचना मिलने पर पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए तत्क्षण घटनास्थल पर पहुंच आसपास के लोगों से पूछताछ कर@bihar_police #nawadapolice #Nawada #नवादा
धड़ल्ले से होती है ब्लास्टिंग: आपको बताएं कि सवैयाटांड़ पंचायत के शारदा, कड़रुआ, सेठवा और फगुनी समेत दर्जनों माइका खदान पर दर्जनों खनन माफियाओं द्वारा दिन के उजाले में ही जिलेटिन और डेटोनेटर की मदद से ब्लास्टिंग कर बेरोकटोक माइका खनन किया जा रहा है. घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने भी माइका माइंस से खून के धब्बे देखे हैं. साथ ही ब्लास्टिंग में इस्तेमाल होने वाले स्विच बोर्ड और सोलर पैनल को बरामद किया है.
ग्रामीणों के गंभीर आरोप: ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार प्रतिदिन ब्लास्टिंग होती है, जिसकी खबर सपही स्थित चेक नाका पर मौजूद वनकर्मियों को भी है. ब्लास्टिंग के कारण मजदूरों और ग्रामीणों के जान-माल को नुकसान पहुंचता रहता है. वहीं बड़ी घटनाओं के बाद वन विभाग और पुलिस कुम्भकर्णी निद्रा से जागते हैं और कार्रवाई कर अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर लेते हैं.
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