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वाल्मीकिनगर जंगल से बाढ़ में बहकर रिहायशी इलाके में पहुंचा 3 हिरण, एक की हुई मौत - bihar news

इलाके में एक हिरण को ग्रामीणों द्वारा मारकर खा लिए जाने की बात भी बताई जा रही है. जिसकी जांच वन विभाग कर रही है. विभाग ने कहा है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद हिरण को मारने वालों पर कार्रवाई की जाएगी.

वन विभाग के साथ बरामद हिरण
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Published : Aug 5, 2019, 9:27 AM IST

Updated : Aug 5, 2019, 1:08 PM IST

मोतिहारी: पश्चिमी चंपारण के वाल्मीकिनगर का जंगल गंडक नदी के पानी से भर गया था. जंगल में बाढ़ का पानी घुसने से 3 हिरण पानी के साथ बहकर मोतिहारी आ गए थे. उनमें से दो को बचा लिया गया, जबकि एक हिरण की मौत हो गई. ग्रामीणों के सहयोग से बचाये गए हिरणों को प्राथमिक उपचार के बाद वन विभाग की टीम ने वाल्मीकिनगर के जंगलों में छोड़ दिया.

वाल्मीकिनगर से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने वाली गंडक नदी पूर्वी चंपारण जिले के कई प्रखंडों से होकर गुजरती है. बारिश के समय में जब बाढ़ आती है. तब गंडक नदी उफान पर होती है. जंगल में पानी के तेज बहाव के कारण अमूमन जंगली जानवर नदी के बहाव के साथ बहते हुए जिले की ओर आ जाते हैं. अधिकांश जानवरों को ग्रामीण वन विभाग को सौंप देते हैं.

वाल्मीकि नगर जंगल के हिरण

सांभर प्रजाति के थे हिरण
गंडक के तेज बहाव में बहकर आये हिरण सांभर प्रजाति के थे. उन तीन हिरणों को केसरिया और कल्याणपुर क्षेत्र में ग्रामीणों ने पकड़कर वन विभाग को सूचना दी. लेकिन केवल दो हिरण ही जीवित मिल सके. जबकि एक हिरण की मौत हो गई, जीवित दो हिरणों को वन विभाग की टीम ने वाल्मीकिनगर के जंगलों में छोड़ दिया. जबकि मृत हिरण का पोस्टमार्टम कराया गया है.

'हिरण मारने वालों पर होगी कार्रवाई'
वहीं, इलाके में एक हिरण को ग्रामीणों द्वारा मारकर खा लिए जाने की बात भी बताई जा रही है. जिसकी जांच वन विभाग कर रही है. विभाग ने कहा है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद हिरण को मारने वालों पर कार्रवाई की जाएगी.

मोतिहारी: पश्चिमी चंपारण के वाल्मीकिनगर का जंगल गंडक नदी के पानी से भर गया था. जंगल में बाढ़ का पानी घुसने से 3 हिरण पानी के साथ बहकर मोतिहारी आ गए थे. उनमें से दो को बचा लिया गया, जबकि एक हिरण की मौत हो गई. ग्रामीणों के सहयोग से बचाये गए हिरणों को प्राथमिक उपचार के बाद वन विभाग की टीम ने वाल्मीकिनगर के जंगलों में छोड़ दिया.

वाल्मीकिनगर से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने वाली गंडक नदी पूर्वी चंपारण जिले के कई प्रखंडों से होकर गुजरती है. बारिश के समय में जब बाढ़ आती है. तब गंडक नदी उफान पर होती है. जंगल में पानी के तेज बहाव के कारण अमूमन जंगली जानवर नदी के बहाव के साथ बहते हुए जिले की ओर आ जाते हैं. अधिकांश जानवरों को ग्रामीण वन विभाग को सौंप देते हैं.

वाल्मीकि नगर जंगल के हिरण

सांभर प्रजाति के थे हिरण
गंडक के तेज बहाव में बहकर आये हिरण सांभर प्रजाति के थे. उन तीन हिरणों को केसरिया और कल्याणपुर क्षेत्र में ग्रामीणों ने पकड़कर वन विभाग को सूचना दी. लेकिन केवल दो हिरण ही जीवित मिल सके. जबकि एक हिरण की मौत हो गई, जीवित दो हिरणों को वन विभाग की टीम ने वाल्मीकिनगर के जंगलों में छोड़ दिया. जबकि मृत हिरण का पोस्टमार्टम कराया गया है.

'हिरण मारने वालों पर होगी कार्रवाई'
वहीं, इलाके में एक हिरण को ग्रामीणों द्वारा मारकर खा लिए जाने की बात भी बताई जा रही है. जिसकी जांच वन विभाग कर रही है. विभाग ने कहा है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद हिरण को मारने वालों पर कार्रवाई की जाएगी.

Intro:मोतिहारी।वाल्मीकिनगर के जंगल से गंडक नदी में बाढ़ के पानी के साथ बहकर आए तीन हिरणों में से दो को बचा लिया गया है।जबकि एक हिरण की मौत मौत हो गई।ग्रामीणों के सहयोग से बचाये गए हिरणों को प्राथमिक उपचार के बाद वन विभाग की टीम ने वाल्मीकिनगर के जंगलों में छोड़ दिया।Body:दरअसल,वाल्मीकिनगर से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने वाली गंडक नदी पूर्वी चंपारण जिले के कई प्रखंडों से होकर गुजरती है।बारिश के समय में जब बाढ़ आता है।तो गंडक नदी के उफान और जंगल में पानी के तेज बहाव के कारण अकसरहां जंगली जानवर नदी के बहाव के साथ बहते हुए जिले की ओर आ जाते हैं।अधिकांश जानवरों को ग्रामीण वन विभाग को सौंप देते हैं।इस बार भी गंडक के तेज बहाव में बहकर आये सांभर प्रजाति के तीन हिरणों को केसरिया और कल्याणपुर क्षेत्र में ग्रामीणों ने पकड़ कर वन विभाग को सूचना दी।लेकिन केवल दो हिरण हीं जीवित मिल सके।जबकि एक हिरण की मौत हो गई।बचाये गए हिरणों को वन विभाग की टीम ने वाल्मीकिनगर के जंगलों में छोड़ दिया।जबकि मृत हिरण का पोस्टमार्टम कराया गया।Conclusion:इसके अलावा एक हिरण को ग्रामीणों द्वारा मारकर खा लिए जाने की बात भी बताई जा रही है।जिसकी जांच वन विभाग कर रही है।सच्चाई
और सबूत सामने आने के बाद हिरण को मारने वालों पर कार्रवाई करने की बात वन विभाग कह रही है।
बाईट.....प्रभाकर झा....वन प्रमंडल पदाधिकारी
Last Updated : Aug 5, 2019, 1:08 PM IST
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