मोतिहारी: पश्चिमी चंपारण के वाल्मीकिनगर का जंगल गंडक नदी के पानी से भर गया था. जंगल में बाढ़ का पानी घुसने से 3 हिरण पानी के साथ बहकर मोतिहारी आ गए थे. उनमें से दो को बचा लिया गया, जबकि एक हिरण की मौत हो गई. ग्रामीणों के सहयोग से बचाये गए हिरणों को प्राथमिक उपचार के बाद वन विभाग की टीम ने वाल्मीकिनगर के जंगलों में छोड़ दिया.
वाल्मीकिनगर से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने वाली गंडक नदी पूर्वी चंपारण जिले के कई प्रखंडों से होकर गुजरती है. बारिश के समय में जब बाढ़ आती है. तब गंडक नदी उफान पर होती है. जंगल में पानी के तेज बहाव के कारण अमूमन जंगली जानवर नदी के बहाव के साथ बहते हुए जिले की ओर आ जाते हैं. अधिकांश जानवरों को ग्रामीण वन विभाग को सौंप देते हैं.
सांभर प्रजाति के थे हिरण
गंडक के तेज बहाव में बहकर आये हिरण सांभर प्रजाति के थे. उन तीन हिरणों को केसरिया और कल्याणपुर क्षेत्र में ग्रामीणों ने पकड़कर वन विभाग को सूचना दी. लेकिन केवल दो हिरण ही जीवित मिल सके. जबकि एक हिरण की मौत हो गई, जीवित दो हिरणों को वन विभाग की टीम ने वाल्मीकिनगर के जंगलों में छोड़ दिया. जबकि मृत हिरण का पोस्टमार्टम कराया गया है.
'हिरण मारने वालों पर होगी कार्रवाई'
वहीं, इलाके में एक हिरण को ग्रामीणों द्वारा मारकर खा लिए जाने की बात भी बताई जा रही है. जिसकी जांच वन विभाग कर रही है. विभाग ने कहा है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद हिरण को मारने वालों पर कार्रवाई की जाएगी.