मोतिहारी: भारत और नेपाल के बीच बेटी और रोटी का संबंध माना जाता है. पिछले दिनों इंडो-नेपाल बॉर्डर पर नेपाल की तरफ से हुई फायरिंग के बाद से इन संबंधों में थोड़ा खटास जरूर देखने को मिल रहा है. लोगों की मानें तो चीन के बहकावे में आकर नेपाली सेना ने सीतामढ़ी में भारतीय किसानों पर फायरिंग की थी.
हालांकि, भारत और नेपाल के लोगों को विश्वास है कि जल्द ही हालात सामन्य हो जाएंगे. साथ ही भारत और नेपाल के बीच बेटी-रोटी के संबंध पर ग्रहण लगाने वालों को मुंहकी खानी पड़ेगी. इसका परिणाम भी दूरगामी होगा. ईटीवी भारत की टीम भारत-नेपाल सीमा पर भारतीय परिक्षेत्र में स्थित रक्सौल पहुंची. यहां हमारे संवाददाता ने भारत-नेपाल के बीच शुरू हुए तल्खी के कारण उत्पन्न परिस्थिति पर लोगों से बात की.
छद्मराष्ट्रवाद को दिया जा रहा हवा
भारत-नेपाल के सांस्कृतिक, राजनीतिक और वैचारिक संबंधों को अपने मुकाम पर ले जाने में अपना योगदान देने वाले सीमा जागरण मंच के प्रदेश अध्यक्ष महेश अग्रवाल ने बताया कि नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने अपने डगमगा रहे कुर्सी को बचाने के लिए छद्मराष्ट्रवाद को हवा देना शुरू किया है. इसलिए वे नेपाल के नए नक्शे को लेकर आ गए हैं. लेकिन ये ज्यादा दिनों तक चलने वाला नहीं है.
नेपाल को तिब्बत बना देगा चीन
वहीं, पिछले कई सालों से नेपाल की राजनीति पर रिपोर्टिंग कर रहे स्थानीय संवाददाता और बॉर्डर फॉर मीडिया हार्मोनी के सचिव दीपक अग्निरथ ने बताया कि चीन अपने जाल में फंसाकर नेपाल को तिब्बत बनाने की साजिश रच रहा है. नेपाल की सरकार इसे समझ नहीं पा रही है और वह चीन के हाथों की कठपुतली बनती जा रही है.
भारत में नेपाली नागरिक करते हैं काम
बता दें कि भारत के कई हिस्सों में नेपाल के नागरिक काम करते हैं. गोवा में काम करने वाले नेपाली नागरिक लॉकडाउन के बाद नेपाल लौट रहे हैं. ट्रेन से रक्सौल स्टेशन उतरे मनोज कुमार ने बताया कि उसे सीमा पर जारी तल्खी के बारे में जानकारी है. लेकिन उससे भारत-नेपाल के लोगों के आपसी संबंध पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है.
भारत-नेपाल की है खुली सीमा
बहरहाल, भारत और नेपाल की लगभग 1,751 किलोमीटर की खुली सीमा है. जिससे होकर निर्बाध रूप से लोगों की आवाजाही रही है. लेकिन नेपाल सरकार की तरफ से नक्शा विवाद को हवा देने के बाद भारत-नेपाल सीमा पर बेवजह तल्खी को बढ़ाया गया है. जिसका खामियाजा भारत और नेपाल के लोगों को भुगतना पड़ रहा है. लेकिन लोगों को विश्वास है कि यह ज्यादा दिनों तक चलने वाला नहीं है.