मोतिहारी : बिहार की राजनीति में तीसरे विकल्प की वकालत कर रहे यूनाईटेड डेमोक्रेटिक अलायंस नेता यशवंत सिन्हा रविवार को मोतिहारी पहुंचे. यहां एक होटल में जनता दल राष्ट्रवादी के बैनर तले आयोजित कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेन्द्र यादव और पूर्व मंत्री नागमणि को सम्मानित किया गया. साथ हीं पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में बिहार सरकार की नीति और कार्यकलाप पर सवाल खड़ा करते हुए अपने तीसरे विकल्प की राजनीति के संकल्प को दोहराया.
'बिहार चुनाव टलने से कहर नहीं टूटेगा'
संवाददाता सम्मेलन में यशवंत सिन्हा ने चुनाव को लेकर कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते इसे टाल देना चाहिए. अगर कुछ महीनों के लिए चुनाव टलते हैं, तो बिहार में कोई कहर नहीं टूटेगा. उन्होंने कहा कि बिहार में अगस्त से अक्टूबर के बीच में होने वाले चुनाव का वह हमेशा से विरोध करते आ रहे हैं. क्योंकि इन महीनों में बिहार का अधिकांश हिस्सा बाढ़ के पानी में घिरा रहता है और लोगों की समुचित भागीदारी चुनाव में नहीं पाती है. उन्होंने आगे कहा कि बिहार की राजनीति में 15 वर्ष बनाम 15 वर्ष के नाम पर जनता को बरगलाया जा रहा है, जबकि अगर एक का शासनकाल जंगल राज था, तो वर्त्तमान सरकार घोटालों के लिए जाना जाएगा.
मुझसे ज्यादा खांटी बिहारी कौन है-यशवंत सिन्हा
विरोधियों द्वारा यशवंत सिन्हा को झारखंड का बताये जाने पर उन्होंने जोर देकर कहा कि वह खांटी बिहारी हैं. बहुत से लोगों ने राज्य के बाहर से आकर बिहार में राजनीति किया है, जबकि वह पटना में पैदा हुए और पटना में पढ़ाई की. फिर बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं, तो उनसे ज्यादा खांटी बिहारी कौन होगा?
दरअसल,बिहार में यूनाईटेड डेमोक्रेटिक अलायंस के लिए जमीन तैयार करने के उद्देश्य से राज्य के विभिन्न जिला के दौरा पर यशवंत सिन्हा निकले हुए हैं. इसी क्रम में वह मोतिहारी पहुंचे और मोतिहारी के कई प्रखंडों में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यशवंत सिन्हा ने बिहार सरकार के नाकामियों को गिनाया.