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बिहार सरकार के मंत्री मदन सहनी 6 से 12 दिसंबर तक करेंगे आरक्षण अधिकार यात्रा

बिहार सरकार के मंत्री मदन साहनी 6 दिसंबर से 12दिसंबर तक आरक्षण अधिकार यात्रा करेंगे. अनुसूचित जाति के श्रेणी में कई अन्य जातियों को सम्मिलित करने (demand for inclusion in scheduled caste) की मांग को लेकर चंपारण से यात्रा की शुरुआत होगी. मदन सहनी ने केंद्र सरकार पर ये आरोप भी लगाये.

मदन साहनी
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Published : Nov 24, 2022, 10:26 PM IST

पटना : बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के मंत्री मदन सहनी (Social Welfare Minister Madan Sahni) के आवास पर आरक्षण अधिकार पदयात्रा को लेकर चर्चा की गई. मंत्री मदन सहनी केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ पदयात्रा निकालेंगे. यह पदयात्रा 6 दिसम्बर से 12दिसम्बर तक होगी. पदयात्रा चंपारण से पटना तक की जाएगी. समाज कल्याण विभाग के मंत्री मदन साहनी ने कहा कि हमारे समाज की स्थिति काफी खराब है. हम लोग काफी पिछड़े हुए हैं इसलिए बिहार सरकार ने जो रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी है, उसी रिपोर्ट के आधार पर काम किया जाए.

इसे भी पढ़ेंः भाजपा धीरे धीरे खत्म करना चाहती आरक्षण: मुकेश सहनी

मदन सहनी करेंगे आरक्षण अधिकार यात्रा.

अनुसूचित जाति में सम्मिलित करने की मांगः मंत्री मदन सहनी ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री पर भी हमला बोला. कहा- प्रधानमंत्री अति पिछड़ा हैं और इस समाज के दर्द को नहीं समझते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बिहार के दर्जनों जाति को अनुसूचित जाति में दर्ज करने की मांग केंद्र सरकार से की है, लेकिन अभी तक केंद्र सरकार ने इन जातियों को अनुसूचित जाति की सूची में नहीं डाला है. इन जातियों के साथ वो अन्याय कर रही है. मदन साहनी ने कहा कि बिहार में निषाद जाति को, बिंद जाति को बेलदार जाति के साथ साथ लोहार जाति को भी अनुसूचित जाति में सम्मिलित करने की मांग बिहार सरकार ने की थी.

आरक्षण अधिकार यात्रा
आरक्षण अधिकार यात्रा

केंद्र सरकार ने जवाब नहीं दियाः मंत्री ने कहा कि कई वर्ष बीत जाने के बाद भी केंद्र सरकार उसको लेकर सकारात्मक पहल नहीं की है. यही कारण है कि आज हम लोग सड़क पर उतरकर आरक्षण अधिकार यात्रा करने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि दर्जनों ऐसे जाति बिहार में है जिसकी संख्या बहुत कम है, उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब है. कहीं ना कहीं इन्हें अनुसूचित जाति में सम्मिलित करने को लेकर लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रयास कर रहे हैं इसके वाबजूद केंद्र सरकार इसको लेकर कुछ जवाब नहीं दे रही है.

इसे भी पढ़ेंः जीतन राम मांझी ने की आरक्षण का दायरा बढ़ाने की मांग- 'आबादी के हिसाब से मिले हिस्सेदारी'


यात्रा का विवरण: मदन साहनी ने कहा कि बिहार में 6 दिसंबर से अखिल भारतीय महासभा के बैनर तले आरक्षण अधिकार पदयात्रा पूर्वी चंपारण के केसरिया से आरंभ होगी. इस दौरान कई वैसे जाति के लोग भी इसमें शामिल होंगे जिन्हें आरक्षण का अधिकार अभी तक नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि यह पदयात्रा पूर्वी चंपारण से मुजफ्फरपुर आयेगी जहां जनसभा होगी. फिर 8 दिसंबर को वैशाली पहुंचेगी. वहां भी जनसभा का आयोजन किया गया है. उन्होंने कहा कि 12 दिसंबर को इस यात्रा का समापन पटना के जेपी गोलंबर पर होगा. जहां अखिल भारतीय अतिपिछड़ा महासभा शपथ लेगी कि जो जाति वास्तव में बिहार में अनुसूचित जाति के दर्जा के हकदार है उन्हें वो दिलवा के ही महासभा दम लेगी.

'प्रधानमंत्री अति पिछड़ा वर्ग से आते हैं पर इस समाज के दर्द को नहीं समझते हैं. राज्य सरकार ने बिहार के दर्जनों जातियों को अनुसूचित जाति में दर्ज करने की मांग केंद्र सरकार से की है, लेकिन अभी तक केंद्र सरकार ने इन जातियों को अनुसूचित जाति की सूची में नहीं डाला है. इन जातियों के साथ अन्याय कर रही है'-मदन सहनी, मंत्री

पटना : बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के मंत्री मदन सहनी (Social Welfare Minister Madan Sahni) के आवास पर आरक्षण अधिकार पदयात्रा को लेकर चर्चा की गई. मंत्री मदन सहनी केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ पदयात्रा निकालेंगे. यह पदयात्रा 6 दिसम्बर से 12दिसम्बर तक होगी. पदयात्रा चंपारण से पटना तक की जाएगी. समाज कल्याण विभाग के मंत्री मदन साहनी ने कहा कि हमारे समाज की स्थिति काफी खराब है. हम लोग काफी पिछड़े हुए हैं इसलिए बिहार सरकार ने जो रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी है, उसी रिपोर्ट के आधार पर काम किया जाए.

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मदन सहनी करेंगे आरक्षण अधिकार यात्रा.

अनुसूचित जाति में सम्मिलित करने की मांगः मंत्री मदन सहनी ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री पर भी हमला बोला. कहा- प्रधानमंत्री अति पिछड़ा हैं और इस समाज के दर्द को नहीं समझते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बिहार के दर्जनों जाति को अनुसूचित जाति में दर्ज करने की मांग केंद्र सरकार से की है, लेकिन अभी तक केंद्र सरकार ने इन जातियों को अनुसूचित जाति की सूची में नहीं डाला है. इन जातियों के साथ वो अन्याय कर रही है. मदन साहनी ने कहा कि बिहार में निषाद जाति को, बिंद जाति को बेलदार जाति के साथ साथ लोहार जाति को भी अनुसूचित जाति में सम्मिलित करने की मांग बिहार सरकार ने की थी.

आरक्षण अधिकार यात्रा
आरक्षण अधिकार यात्रा

केंद्र सरकार ने जवाब नहीं दियाः मंत्री ने कहा कि कई वर्ष बीत जाने के बाद भी केंद्र सरकार उसको लेकर सकारात्मक पहल नहीं की है. यही कारण है कि आज हम लोग सड़क पर उतरकर आरक्षण अधिकार यात्रा करने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि दर्जनों ऐसे जाति बिहार में है जिसकी संख्या बहुत कम है, उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब है. कहीं ना कहीं इन्हें अनुसूचित जाति में सम्मिलित करने को लेकर लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रयास कर रहे हैं इसके वाबजूद केंद्र सरकार इसको लेकर कुछ जवाब नहीं दे रही है.

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यात्रा का विवरण: मदन साहनी ने कहा कि बिहार में 6 दिसंबर से अखिल भारतीय महासभा के बैनर तले आरक्षण अधिकार पदयात्रा पूर्वी चंपारण के केसरिया से आरंभ होगी. इस दौरान कई वैसे जाति के लोग भी इसमें शामिल होंगे जिन्हें आरक्षण का अधिकार अभी तक नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि यह पदयात्रा पूर्वी चंपारण से मुजफ्फरपुर आयेगी जहां जनसभा होगी. फिर 8 दिसंबर को वैशाली पहुंचेगी. वहां भी जनसभा का आयोजन किया गया है. उन्होंने कहा कि 12 दिसंबर को इस यात्रा का समापन पटना के जेपी गोलंबर पर होगा. जहां अखिल भारतीय अतिपिछड़ा महासभा शपथ लेगी कि जो जाति वास्तव में बिहार में अनुसूचित जाति के दर्जा के हकदार है उन्हें वो दिलवा के ही महासभा दम लेगी.

'प्रधानमंत्री अति पिछड़ा वर्ग से आते हैं पर इस समाज के दर्द को नहीं समझते हैं. राज्य सरकार ने बिहार के दर्जनों जातियों को अनुसूचित जाति में दर्ज करने की मांग केंद्र सरकार से की है, लेकिन अभी तक केंद्र सरकार ने इन जातियों को अनुसूचित जाति की सूची में नहीं डाला है. इन जातियों के साथ अन्याय कर रही है'-मदन सहनी, मंत्री

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