पूर्वी चम्पारण: जिले के रक्सौल में पार्षदों ने कहा कि मांस, मछली और चिकन की दुकानों के लिए भूमि का सरकारी दर पर मूल्यांकन नहीं कर अधिक मूल्यांकन कर करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया है. जिसकी जांच की मांग डीएम से करने पर डीएम द्वारा जांच कमिटी का गठन किया गया है.
ये भी पढ़ें- मोतिहारी: DPRO ने किया पदभार ग्रहण, कर्मियों को बेहतर कार्य करने की दी नसीहत
पार्षदों ने लगाया घोटाले का आरोप
बता दें कि रक्सौल के आधे दर्जन पार्षदों का साथ वार्ड नंबर 10 के पार्षद रवि गुप्ता ने दिया. सभी ने आरोप लगाया कि नगर परिषद द्वारा गुपचुप तरीके से 5 अक्टूबर 2020 को 3.23 डीसमील जमीन का मूल्यांकन 1 करोड़ 13 लाख 5 हजार रुपए में ख़रीदगी के लिए एक एग्रीमेन्ट पेपर बनवाया. दूसरा एग्रीमेंट उसी रोज 32.28 डीसमील जमीन के लिए मूल्यांकन 12 करोड़ 75 लाख 12 का एग्रीमेन्ट बनवाया गया.
'जांच करने पर घोटाले का पर्दाफाश'
उन्होंने बताया कि दोनों भूस्वामी के साथ बनवाए गए एग्रीमेंट में भूमि का मूल्यांकन और सरकारी मूल्यांकन में काफी अंतर है, जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि नगर परिषद द्वारा सरकारी राशि का दुरुपयोग कर बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया है, जो कि जांच का विषय है. एग्रीमेन्ट का जांच करने पर घोटाले का पर्दाफाश होगा.
उन्होंने बताया कि खाता सं 107 खेसरा 1622 नेशनल हाइवे में है, जबकि दूसरी जमीन जिसका खाता 24 खेसरा 1627 काफी पीछे तरफ है. जहां जाने का कोई रास्ता नहीं है. जिसका मूल्यांकन भी काफी कम है. एग्रीमेन्ट के बाद विज्ञापन निकाला गया. बिना भूस्वामी प्रमाण पत्र लिए सेड आवंटन का विज्ञापन आनन-फानन में गुपचुप तरीके से निकाल दिया गया.
उच्च स्तरीय जांच की मांग
पूरे मामले की लिखित शिकायत पूर्वी चम्पारण के जिलाधिकारी को देकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की गयी है. जिसे गंभीरता से लेकर डीएम द्वारा जांच कमिटी का गठन किया गया है. जांच से ही वास्तविक मूल्यांकन क्या है और कितना मूल्यांकन किया गया है और बुचड़खाने के नाम पर नगर परिषद के पदाधिकारियों ने घोटाला किया है. नगर परिषद द्वारा इसके लिए 4 फरवरी 2021 को बुचड़खाने के सेड के लिए विज्ञापन निकाला गया था.