मोतिहारी: बिहार और झारखंड में इन दिनों राज्यसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज है. बिहार के सभी राजनीतिक दलों के घोषित प्रत्याशियों को लेकर राजनीतिक गलियारों में बयानबाजी का दौर शुरु है. वहीं, झारखंड में भी दो सीटों पर होने वाले राज्यसभा के चुनाव को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है.
झारखंड में होने वाले राज्यसभा चुनाव में वोटिंग को लेकर जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक के लिए भी सियासी गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं चल रही है. हालांकि, खुद सरयू राय ने राज्यसभा चुनाव में किसी भी उम्मीदवार को वोट देने के लिए स्वतंत्र होने की बात कह कर सियासत के बिसात पर लगाये जाने वाले कयासों को और हवा दे दिया.
कुछ भी करने को स्वतंत्र हैं-सरयू राय
बता दें कि जिले के पकड़ीदयाल प्रखंड स्थित चैता में कृषि मंडी का शिलान्यास करने जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक सरयू राय पहुंचे हुए थे. सरयू राय से झारखंड में होने वाले राज्यसभा चुनाव में वोटिंग करने से संबंधित सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो निर्दलीय विधायक है. वह कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र हैं. उन्होंने कहा कि वे अब दलीय नहीं बल्कि सर्वदलीय हो गए हैं. साथ ही उन्होंने झारखंड के सभी राजनीतिक दलों से अपील किया कि झारखंड की दो सीटों के लिए सर्वसम्मति से दो उम्मीदवार दें. ताकि स्वस्थ राजनीतिक की परंपरा जारी रह सके.
राज्यसभा चुनाव को लेकर सरयू राय नहीं खोल रहे हैं पत्ता
बीजेपी की ओर से टिकट काटे जाने पर सरयू राय ने झारखंड के जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय विधायक के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया. इससे वो काफी चर्चा में आए. उन्होंने झारखंड विधानसभा चुनाव में जमशेदपुर पूर्वी सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा और मुख्यमंत्री रघुवर दास को भारी मतो से हराया. लिहाजा, सरयू राय के निर्दलीय होने के कारण राज्यसभा सीट के लिए घोषित प्रत्याशियों ने उनसे संपर्क साधने का प्रयास शुरु कर दिया है. लेकिन सरयू राय राज्यसभा चुनाव में वोट देने को लेकर अपना पत्ता नहीं खोल रहे हैं.
"राजनीतिक दलों में नीति है गौण"
सरयू राय ने मध्यप्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रम पर सभी राजनीतिक दलों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आजकल सभी राजनीतिक दलों की नीति गौण है. उनके लिए रणनीति महत्त्वपूर्ण हो गई है. सरयू राय ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने पर कहा कि बातचीत का दौर जारी रखने से बहुत सी चीजों को रोका जा सकता है. लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया की आलाकमान से बातचीत समाप्त हो जाने का परिणाम हीं आज सामने आया है.