मोतिहारी: पूर्वी चंपारण का चिरैया विधानसभा क्षेत्र जिले में हॉट सीट बना हुआ है. इस विधानसभा क्षेत्र से दो पूर्व विधायक के साथ वर्तमान विधायक की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. आरजेडी से बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चिरैया विधानसभा क्षेत्र से किस्मत अजमा रहे पूर्व विधायक लक्ष्मी नारायण यादव अपने जीत के प्रति आश्वस्त दिख रहे हैं. लक्ष्मी नारायण यादव लगातार जनसंपर्क अभियान में लगे हुए हैं. साथ ही मतदाताओं को गोलबंद करने में जुटे हैं.
'भारी अंतर से जीत का दावा'
आरजेडी के पूर्व विधायक लक्ष्मी नारायण यादव ने बताया कि चिरैया विधानसभा क्षेत्र के पार्टी कार्यकर्त्ताओं में काफी आक्रोश है. आरजेडी कार्यकर्त्ताओं के साथ सभी समुदाय के लोग भी उनके समर्थन में खड़े हैं. उन्होंने बताया कि चिरैया विधानसभा क्षेत्र में वह सबसे आगे हैं और भारी अंतर से जीत दर्ज करेंगे.
लक्ष्मी यादव निर्दलीय जीत चुके हैं चुनाव
बता दें कि लक्ष्मी नारायण यादव वर्ष 2000 में घोड़ासहन विधानसभा सीट से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीत चुके हैं. फिर फरवरी 2005 और अक्टूबर 2005 के चुनाव में उन्होंने आरजेडी के टिकट पर जीत दर्ज किया. उसके बाद नए परिसीमन से अस्तित्व में आए चिरैया विधानसभा क्षेत्र से 2010 में वह चुनाव हार गए. वर्ष 2014 के उपचुनाव में वह एक फिर निर्वाचित हुए और 2015 के चुनाव में हार गए, लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी ने लक्ष्मी नारायण यादव को टिकट नहीं दिया. जिससे नाराज होकर वह निर्दलीय चिरैया विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतरे हुए हैं.