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मोतिहारी: चंपारण स्वच्छता अभियान के बैनर तले अवैध रूप से संचालित बूचड़खानों के खिलाफ धरना प्रदर्शन

चंपारण स्वच्छता अभियान के बैनर तले शहर में अवैध रूप से संचालित बूचड़खानों के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया गया. इसे विश्व हिंदू परिषद् और भीम आर्मी समेत कई सामाजिक संगठनों ने भी समर्थन दिया है.

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Published : Dec 6, 2020, 3:38 PM IST

Updated : Dec 14, 2020, 6:38 PM IST

मोतिहारी: शहर में अवैध तरीके से संचालित बूचड़खानों के खिलाफ स्थानीय लोगों में अब सुगबुगाहट शुरू हो गई है. चंपारण स्वच्छता अभियान के बैनर तले लोगों ने अवैध बूचड़खाना के खिलाफ चरखा पार्क के पास धरना प्रदर्शन किया. नासिर खान के नेतृत्व में हो रहे धरने को विश्व हिंदू परिषद् और भीम आर्मी समेत कई सामाजिक संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया.

'बूचड़खानों के बंद होने तक जारी रहेगा अभियान'
धरना का नेतृत्व कर रहे नासिर खान ने बताया कि शहर में अवैध रूप से बूचड़खाने चलाए जा रहे हैं. जिसका प्रदूषित पानी और खून शहर के नालियों से होकर मोतीझील में जाकर गिरता है. इससे मोतीझील भी प्रदूषित हो रहा है. नाले का माध्यम से बूचड़खानों के अवशेष जिन इलाकों से होकर गुजते हैं, उन इलाकों में बीमारी का भी खतरा बना हुआ है. उन्होंने नगर परिषद् और स्थानीय थाना पर अवैध बूचड़खाना को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि जबतक बूचड़खाने बंद नहीं होगें, यह अभियान जारी रहेगा.

देखें वीडियो

13 अवैध बूचड़खाने हुए हैं चिह्नित
बता दें कि शहर में अवैध रूप से संचालित 13 बूचड़खाने हैं. इसे बंद करने के लिए नगर परिषद् के कार्यपालक अधिकारी ने कई बार नोटिस जारी किया है, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ. अब स्थानीय लोगों ने इसके खिलाफ आवाज उठाना शुरू कर दिया है.

मोतिहारी: शहर में अवैध तरीके से संचालित बूचड़खानों के खिलाफ स्थानीय लोगों में अब सुगबुगाहट शुरू हो गई है. चंपारण स्वच्छता अभियान के बैनर तले लोगों ने अवैध बूचड़खाना के खिलाफ चरखा पार्क के पास धरना प्रदर्शन किया. नासिर खान के नेतृत्व में हो रहे धरने को विश्व हिंदू परिषद् और भीम आर्मी समेत कई सामाजिक संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया.

'बूचड़खानों के बंद होने तक जारी रहेगा अभियान'
धरना का नेतृत्व कर रहे नासिर खान ने बताया कि शहर में अवैध रूप से बूचड़खाने चलाए जा रहे हैं. जिसका प्रदूषित पानी और खून शहर के नालियों से होकर मोतीझील में जाकर गिरता है. इससे मोतीझील भी प्रदूषित हो रहा है. नाले का माध्यम से बूचड़खानों के अवशेष जिन इलाकों से होकर गुजते हैं, उन इलाकों में बीमारी का भी खतरा बना हुआ है. उन्होंने नगर परिषद् और स्थानीय थाना पर अवैध बूचड़खाना को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि जबतक बूचड़खाने बंद नहीं होगें, यह अभियान जारी रहेगा.

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13 अवैध बूचड़खाने हुए हैं चिह्नित
बता दें कि शहर में अवैध रूप से संचालित 13 बूचड़खाने हैं. इसे बंद करने के लिए नगर परिषद् के कार्यपालक अधिकारी ने कई बार नोटिस जारी किया है, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ. अब स्थानीय लोगों ने इसके खिलाफ आवाज उठाना शुरू कर दिया है.

Last Updated : Dec 14, 2020, 6:38 PM IST
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