पूर्वी चंपारण (मोतिहारी): कोरोना संक्रमण के बढ़ने और लगातार संक्रमित लोगों की मौतों का आंकड़ा बढ़ने से लोगों में भय बना हुआ है, लेकिन बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग हो या आम जनता कोई भी सावधानी बरतने के लिए तैयार नही है. शहर के श्मशान घाट पर संक्रमित शव का अंतिम संस्कार कर पीपीई किट वही फेंक दी गई, जिससे आने-जाने वाले लोगों को भी संक्रमण का खतरा बना हुआ है.
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पीपीई किट से पट रहा श्मशान घाट
मोतिहारी शहर के छोटा बरियारपुर में बाईपास के पास धनौती नदी के किनारे कोरोना पीड़ित मरीजों का दाह संस्कार किया जा रहा है. लेकिन वहां सरकारी स्तर पर दाह संस्कार करने के लिए आने वाले कर्मी पीपीई किट को नष्ट नहीं करते, बल्कि वहीं फेंक कर चले जाते हैं.
पूरा श्मशान घाट पीपीई किट से पटा पड़ा है जो हवा के झोंके से उड़कर इधर-उधर जा रहे हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार शव जलाने आने वाले कर्मियों को कई बार पीपीई किट नष्ट करने के लिए कहा है, लेकिन वे सुनते हीं नहीं. लोगों की इस हरकत से हवा में संक्रमण का खतरा और बढ़ सकता है. बावजूद इसके लोग पीपीई किट को डिस्पोज करने की बजाय खुलेआम फेंक रहे हैं
संक्रमण का खतरा
"एम्बुलेंस से कोरोना संक्रमित मरीज का शव लेकर आने वाले लोग शव जलाने के बाद पीपीई किट खुले में छोड़कर चले जा रहे हैं. हवा के झोंके से पीपीई किट उड़कर इधर-उधर जा रहे हैं. श्मशान घाट से सटा घर है, बच्चे बाहर खेलते रहते हैं. उनके संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है."- सीएल दास, स्थानीय
सीएल दास ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों को भी ट्वीट किया और शव लेकर आने वालों को भी कई बार पीपीई किट नष्ट करने के लिए कहा है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
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