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मोतिहारी में पुलिस पर छापेमारी के दौरान डीलर की पीट पीटकर हत्या करने का लगा आरोप

मोतिहारी पुलिस पर छापेमारी के दौरान डीलर की पीट पीटकर हत्या का आरोप लगाया गया है. घटना जिले के पिपरा थाना क्षेत्र की है. हालांकि पुलिस ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Aug 24, 2022, 8:45 PM IST

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मोतिहारी: पूर्वी चंपारण पुलिस (East Champaran Police) पर छापेमारी के दौरान एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर देने का आरोप (Motihari police accused of dealer Murder) लगा है. पुलिस अपने उपर लगे आरोप को सिरे से खारिज कर रही है. मामला जिला के पिपरा थाना क्षेत्र स्थित कुंअरपुर गांव की है. जहां 307 के अभियुक्त और जन वितरण प्रणाली के विक्रेता केदार सिंह की गिरफ्तारी के लिए बीती रात पिपरा पुलिस वज्र टीम के साथ पहुंची थी. गिरफ्तारी के दौरान पुलिस द्वारा केदार सिंह को छत से धक्का देकर गिराने का आरोप परिजन लगा रहे हैं.

ये भी पढ़ें-सिवान पुलिस ने दो कुख्यातों को दबोचा.. शहाबुद्दीन के करीबी की हत्या का आरोप

पुलिस पर हत्या का आरोप: मृतक केदार सिंह के पुत्र अवनीश सिंह ने आवेदन देकर पिपरा थानाध्यक्ष प्रमोद पासवान सहित अन्य पुलिस टीम पर आरोप लगाया है. पीड़ित ने दिए आवेदन में पुलिस द्वारा उसके पिता की बेरहमी से पिटाई की बात कही है. जिससे उनकी मौत हो गई. बताया जाता है कि मृतक केदार सिंह जनवितरण प्रणाली के दुकानदार थे. उनका वर्ष 2020 में पड़ोसी पवन सिंह के साथ किसी बात को लेकर मारपीट हुआ था. इस मामले में डीलर पर पिपरा थाना में प्राथमिकी दर्ज हुआ था.

छापेमारी करने गई थी पुलिस: इस मामले के अनुसंधान में धारा 307 के तहत पुलिस ने घटना को सत्य पाया. जिसके बाद से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी. उसी मामले में गिरफ्तार करने वज्र टीम के साथ पिपरा पुलिस गई थी. पुलिस ने डीलर को गिरफ्तार किया. इस दौरान केदार सिंह बेहोश हो गए. पुलिस ने उन्हें शहर के रहमानिया नर्सिंग होम में भर्ती कराया. जहां उनकी मौत हो गई.

परिजनों ने दिया आवेदन: परिजन के अनुसार पिपरा थानाध्यक्ष समेत अन्य पुलिसकर्मियों ने केदार सिंह को छत से फेंक दिया और नीचे गिरने के बाद उन्हें गाली देते हुए घसीटकर जीप पर लाई. उसके बाद उन्हें उसी हालत में उठा कर रहमानिया नर्सिंग होम लेकर आई. जहां उनको छोड़कर कर पिपरा पुलिस फरार हो गई और घर पर फोन कर दिया.

घटना के बाद से थानाध्यक्ष का फोन बंद: घटना के बाद पिपरा थानाध्यक्ष प्रमोद पासवान का पर्सनल और सरकारी दोनों मोबाइल नंबर बंद है. जिस कारण घटना की जानकरी नहीं मिल पा रही है. वहीं, थाना के मेन गेट में ताला बंद कर सभी पुलिसकर्मी गायब हैं. वहीं, चकिया डीएसपी संजय कुमार थाना पर पहुंचे. उन्होंने बताया कि पिपरा पुलिस डीलर केदार सिंह को गिरफ्तार करने गई थी. पुलिस को देख कर केदार सिंह छत से कूद गया.

पुलिस ने आरोप किया खारिज: डीएसपी ने बताया कि छत से कुदने के कारण वह गंभीर रूप से घायल हो गया. पिपरा पुलिस इलाज के लिए उसको मोतिहारी ले गई. जहां उसकी मौत हो गई. बता दें कि 22 जून को राजेपुर थाना क्षेत्र के सोनौल गांव में और 25 जुलाई को पलनवा थाना क्षेत्र के खरकटवा गांव में छापेमारी के दौरान दो लोगो की मौत हुई थी. इन दोनो मामलों में भी पुलिस पर हत्या का आरोप लगा था.

"पुलिस अचानक आई और उनके ग्रील को तोड़ दिया. ग्रील को तोड़ने के बाद पुलिस छत पर चढ़ी, वो सोए हुए थे. आपसी झगड़ा उ चावल और दाल के वे डीलर हैं. हमलोग आपस में फरिया लिए थे. वही केस है. उसी केस में पुलिस चढ़ा और उनको गिरा दिया. जब बेहोश हो गये तो उठाकर हॉस्पीटल के गेट पर छोड़कर चली गई और घर पर फोन कर बताए की यहां आईए लाश पड़ी हुई है. अब तो पुलिस ही बताएगी की उन्हें हॉस्पीटल के गेट पर क्यों फेंका."- जितेंद्र सिंह, परिजन

ये भी पढ़ें-सुपौल की फ्रेंडली Police गंभीर आरोप, बेटे को पकड़ने गई पुलिस ने मां को डांटकर दिया धक्का, मौत

मोतिहारी: पूर्वी चंपारण पुलिस (East Champaran Police) पर छापेमारी के दौरान एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर देने का आरोप (Motihari police accused of dealer Murder) लगा है. पुलिस अपने उपर लगे आरोप को सिरे से खारिज कर रही है. मामला जिला के पिपरा थाना क्षेत्र स्थित कुंअरपुर गांव की है. जहां 307 के अभियुक्त और जन वितरण प्रणाली के विक्रेता केदार सिंह की गिरफ्तारी के लिए बीती रात पिपरा पुलिस वज्र टीम के साथ पहुंची थी. गिरफ्तारी के दौरान पुलिस द्वारा केदार सिंह को छत से धक्का देकर गिराने का आरोप परिजन लगा रहे हैं.

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पुलिस पर हत्या का आरोप: मृतक केदार सिंह के पुत्र अवनीश सिंह ने आवेदन देकर पिपरा थानाध्यक्ष प्रमोद पासवान सहित अन्य पुलिस टीम पर आरोप लगाया है. पीड़ित ने दिए आवेदन में पुलिस द्वारा उसके पिता की बेरहमी से पिटाई की बात कही है. जिससे उनकी मौत हो गई. बताया जाता है कि मृतक केदार सिंह जनवितरण प्रणाली के दुकानदार थे. उनका वर्ष 2020 में पड़ोसी पवन सिंह के साथ किसी बात को लेकर मारपीट हुआ था. इस मामले में डीलर पर पिपरा थाना में प्राथमिकी दर्ज हुआ था.

छापेमारी करने गई थी पुलिस: इस मामले के अनुसंधान में धारा 307 के तहत पुलिस ने घटना को सत्य पाया. जिसके बाद से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी. उसी मामले में गिरफ्तार करने वज्र टीम के साथ पिपरा पुलिस गई थी. पुलिस ने डीलर को गिरफ्तार किया. इस दौरान केदार सिंह बेहोश हो गए. पुलिस ने उन्हें शहर के रहमानिया नर्सिंग होम में भर्ती कराया. जहां उनकी मौत हो गई.

परिजनों ने दिया आवेदन: परिजन के अनुसार पिपरा थानाध्यक्ष समेत अन्य पुलिसकर्मियों ने केदार सिंह को छत से फेंक दिया और नीचे गिरने के बाद उन्हें गाली देते हुए घसीटकर जीप पर लाई. उसके बाद उन्हें उसी हालत में उठा कर रहमानिया नर्सिंग होम लेकर आई. जहां उनको छोड़कर कर पिपरा पुलिस फरार हो गई और घर पर फोन कर दिया.

घटना के बाद से थानाध्यक्ष का फोन बंद: घटना के बाद पिपरा थानाध्यक्ष प्रमोद पासवान का पर्सनल और सरकारी दोनों मोबाइल नंबर बंद है. जिस कारण घटना की जानकरी नहीं मिल पा रही है. वहीं, थाना के मेन गेट में ताला बंद कर सभी पुलिसकर्मी गायब हैं. वहीं, चकिया डीएसपी संजय कुमार थाना पर पहुंचे. उन्होंने बताया कि पिपरा पुलिस डीलर केदार सिंह को गिरफ्तार करने गई थी. पुलिस को देख कर केदार सिंह छत से कूद गया.

पुलिस ने आरोप किया खारिज: डीएसपी ने बताया कि छत से कुदने के कारण वह गंभीर रूप से घायल हो गया. पिपरा पुलिस इलाज के लिए उसको मोतिहारी ले गई. जहां उसकी मौत हो गई. बता दें कि 22 जून को राजेपुर थाना क्षेत्र के सोनौल गांव में और 25 जुलाई को पलनवा थाना क्षेत्र के खरकटवा गांव में छापेमारी के दौरान दो लोगो की मौत हुई थी. इन दोनो मामलों में भी पुलिस पर हत्या का आरोप लगा था.

"पुलिस अचानक आई और उनके ग्रील को तोड़ दिया. ग्रील को तोड़ने के बाद पुलिस छत पर चढ़ी, वो सोए हुए थे. आपसी झगड़ा उ चावल और दाल के वे डीलर हैं. हमलोग आपस में फरिया लिए थे. वही केस है. उसी केस में पुलिस चढ़ा और उनको गिरा दिया. जब बेहोश हो गये तो उठाकर हॉस्पीटल के गेट पर छोड़कर चली गई और घर पर फोन कर बताए की यहां आईए लाश पड़ी हुई है. अब तो पुलिस ही बताएगी की उन्हें हॉस्पीटल के गेट पर क्यों फेंका."- जितेंद्र सिंह, परिजन

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