मोतिहारी: उत्क्रमित नगर निगम मोतिहारी ( Motihari Nagar Nigam ) की मेयर अंजू देवी ( Mayor Anju Devi ) की कुर्सी सुरक्षित करने के लिए संविधान विरोधी कार्य करने का आरोप स्थानीय भाजपा विधायक और विधि मंत्री प्रमोद कुमार ( Pramod Kumar ) पर विक्षुब्ध गुट के पार्षदों ने लगाया है. जिसे लेकर विक्षुब्ध गुट के पार्षदों ने गन्ना उद्योग और विधि मंत्री प्रमोद कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
शनिवार से नीतीश कुमार के मंत्री प्रमोद कुमार के खिलाफ आंदोलन शुरू करने का ऐलान भी किया है. विक्षुब्ध पार्षदों ने मंत्री पर स्वजातीय मेयर को बचाने के लिए अनैतिक कार्य करने और सरकार को बदनाम करने का आरोप लगाया है.
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विक्षुब्ध वार्ड पार्षदों के अनुसार मोतिहारी नगर परिषद् को उत्क्रमित कर नगर निगम बना दिया गया है।नगर निगम की अधिसूचना जारी होने के बाद विगत 16 जुलाई को 32 वार्ड पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव की चिट्ठी देकर 2 अगस्त को बैठक बुलाया था.
लेकिन 2 अगस्त के पहले 29 जुलाई को विधि मंत्री प्रमोद कुमार के पहल पर नगर विकास विभाग ने असंवैधानिक पत्र जारी कर दिया, जो किसी सूरत में मोतिहारी नगर निगम के पार्षदों पर लागू नहीं होता है.
विक्षुब्ध पार्षदों ने बताया कि गन्ना उद्योग व विधि मंत्री प्रमोद कुमार ने अपने स्वजातीय मेयर को बचाने के लिए नगर निगम में गंदी राजनीति शुरू कर दी है और नगर निगम के विकास को प्रभावित करने में लगे हैं.
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बता दें कि मोतिहारी नगर निगम में 38 वार्ड पार्षद हैं।जिसमें से 32 विक्षुब्ध वार्ड पार्षदों ने विगत 16 जुलाई को मेयर अंजू देवी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर विशेष बैठक बुलाने के लिए अधियाचना पत्र दिया था.
लेकिन विधि विभाग के परामर्श से मेयर अंजू देवी के ऊपर लगे अविश्वास प्रस्ताव को रद्द करने से संबंधित नगर विकास एवं आवास विभाग के उपनिदेशक बुद्ध प्रकाश के जारी पत्र ने नगर निगम की राजनीति में उबाल ला दिया है. विधि विभाग के परामर्श से उपनिदेशक के जारी पत्र को गैर संवैधानिक बताते हुए विक्षुब्ध गुट ने स्थानीय विधायक और विधि मंत्री प्रमोद कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.