मोतिहारी: बिहार के कई जिलों में गरीबों को फ्री में दवा लेने के लिए अस्पतालों और डॉक्टरों के चक्कर लगाने पड़ते है. वहीं, पूर्वी चंपारण जिले में स्वास्थ्य विभाग की कारगुजारियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं. जहां सीएचसी में गरीबों को बांटे जाने वाली दवाओं को जला देने (Medicines Burnt in East Champaran) और कूड़े में फेंक देने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. ताजा मामला रामगढ़वा सीएचसी का है. जहां गरीबों को बांटे जाने वाली दवाओं को जला दिया गया है. सीएचसी कर्मियों की लापरवाही (Negligence of Ramgarhwa CHC personnel) से एक्सपायर हो गयी दवाओं के साथ जिनका एक्सपायरी डेट बाकी था, उसे भी जला दिया गया. भारी मात्रा में दवा जलाये जाने से उठी आग की लपटें आसपास के कई पेड़ को भी पूरी तरह झुलसा दिया.
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वहीं, मामला सामने आने के बाद रामगढ़वा सीएचसी प्रभारी (Ramgarhwa CHC in East Champaran) ने अपना पल्ला झाड़ते हुए अपनी अनभिज्ञता जाहिर की. हालांकि, सीएचसी प्रभारी के दवा जलाने के मामले में अनभिज्ञता प्रकट करने से कई तरह के सवाल भी खड़े हो रहे हैं. इस मामले की जानकारी होने पर डीएम शीर्षत कपिल अशोक को होने पर उन्होंने जांच टीम गठित करने की बात कही है. डीएम ने कहा कि मेडिकल वेस्ट को इस तरह विनष्ट करने के मामले में सीएस और डीपीएम को जांच टीम बनाने के लिए कहा गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि रामगढ़वा सीएचसी में दवा जलाकर कर्मियों ने लापरवाही के अपने सबूत को मिटाने का जो प्रयास किया है. यह जिले की पहली घटना नहीं है. इसके पहले जिले के तुरकौलिया, कोटवा और पताही समेत कई सीएचसी से ऐसी घटनायें सामने आयी है. जिसके बाद जांच टीम भी बनाई गई, लेकिन कार्रवाई के नाम पर अभी तक कुछ भी नहीं हुआ. अब देखना है कि इस घटना के सामने आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई हो पाती है या नहीं.
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