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Motihari News: इन टैबलेट का होता है नशे के रूप इस्तेमाल, आपूर्ति और ब्रिकी की जांच में जुटे अधिकारी

जो दवा बीमारी को दूर करने के लिए बनाई गई उसका उपयोग युवा नशे के लिए भी करने लगे हैं. ऐसे में इन दवाओं की डिमांड भी ज्यादा होती है. मोतिहारी के नगर थाना क्षेत्र में ड्रग कंट्रोलर और उत्पाद विभाग की टीम ने एक गोदाम में छापा मारा. दवाओं की आपूर्ति और बिक्री की जांच में मामला संदेहास्पद निकला है. पढ़ें पूरी खबर.

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Published : Jan 24, 2023, 2:10 PM IST

drugs used in intoxication in motihari
drugs used in intoxication in motihari
मोतिहारी में दवा गोदाम में छापा

मोतिहारी: राज्य में शराबबंदी कानून को सफल बनाने के लिए अब नशा के लिए उपयोग होने वाली दवाओं की आपूर्ति और बिक्री की जानकारी लेने में उत्पाद विभाग के साथ ड्रग कंट्रोल से जुड़े अधिकारी लगे हुए हैं. इसको लेकर पूर्वी चंपारण जिला के विभिन्न दवा दुकानों में दवाओं के स्टॉक और बिक्री (investigation of supply and sale of drugs) को खंगाला जा रहा है. वहीं विभिन्न ट्रांसपोर्ट कंपनी से मंगवायी गयी दवाओं की जांच गोदामों में की जा रही है.

ये भी पढे़ं- '70 में खरीदा.. 100 में बेचा' : तस्करों की जुबानी सुनिए.. किस तरह बिहार में होता है 'शराब का खेल'


मोतिहारी में दवा गोदाम में छापा: इसी क्रम में नगर थाना क्षेत्र के नकछेद टोला स्थित एक गोदाम में ड्रग कंट्रोलर के साथ उत्पाद विभाग की टीम ने छापेमारी की. बाहर से मंगवाई गई दवाओं की मात्रा और प्रस्तुत किए गए कागजों की जांच की गई. जांच में भारी गड़बड़ी की बात सामने आई है. कुछ दवा दुकानों के मंगाए गए दवाओं की मात्रा और ट्रांसपोर्ट कंपनी से मिले कागजों में काफी अंतर दिखा.

नशे के लिए दवाओं का हो रहा इस्तेमाल: ड्रग कंट्रोलर विकास शिरोमणी ने बताया कि उत्पाद विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के निर्देश पर जांच किया जा रहा है.चीफ सेक्रटरी का निर्देश है कि जो भी नशा के रूप में इस्तेमाल होता है, उन सबकी जांच की जाए. चाहे वह गोदाम में हो या किसी मेडिकल स्टोर में हो. इसी आदेश के आलोक में जांच की जा रही है.

"जांच में मंगवाए गए दवाओं की मात्रा और ट्रांसपोर्ट के कागज में काफी अंतर है. जांच की जा रही है. मामला संदिग्ध है. दुकानदार अगर सही कागजात पेश करेंगे तो उन्हें दवायें मिल जाएंगी अन्यथा उसे जब्त कर लिया जाएगा."- विकास शिरोमणी, ड्रग कंट्रोल इंस्पेक्टर

शराबबंदी के बाद बढ़ा कारोबार: राज्य में शराबबंदी कानून को सफल बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से दवा दुकानदारों में हड़कम्प मचा हुआ है. बिल में दवा की मात्रा और मंगाए गए दवाओं में काफी अंतर देखने को मिल रहा है. यह ऐसी दवाओं के मामले में दिख रहे हैं जो नशा के रूप में इस्तेमाल होती है. गोदाम में जांच के दौरान इस तरह की अनियमितता मिलने से उत्पाद विभाग और ड्रग कंट्रोल के अधिकारियों के कान खड़े हो गए हैं.

नशे के रूप में इनका होता है इस्तेमाल: एलप्रेक्स ट्राइका, एटीवान, लोराजीपाम, रिवोट्रील क्लोनाजीपाम दवाओं का उपयोग नशे के लिए किया जाने लगा है. इन दवाओं को ज्यादातर नींद न आने या दर्द या फिर तनाव दूर करने के लिए मरीज को दिया जाता है. लोग इन दवाओं को अपनी सहूलियत के लिए तो लेते हैं, साथ ही इनका प्रचार-प्रसार करने से भी पीछे नहीं हटते हैं.

मोतिहारी में दवा गोदाम में छापा

मोतिहारी: राज्य में शराबबंदी कानून को सफल बनाने के लिए अब नशा के लिए उपयोग होने वाली दवाओं की आपूर्ति और बिक्री की जानकारी लेने में उत्पाद विभाग के साथ ड्रग कंट्रोल से जुड़े अधिकारी लगे हुए हैं. इसको लेकर पूर्वी चंपारण जिला के विभिन्न दवा दुकानों में दवाओं के स्टॉक और बिक्री (investigation of supply and sale of drugs) को खंगाला जा रहा है. वहीं विभिन्न ट्रांसपोर्ट कंपनी से मंगवायी गयी दवाओं की जांच गोदामों में की जा रही है.

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मोतिहारी में दवा गोदाम में छापा: इसी क्रम में नगर थाना क्षेत्र के नकछेद टोला स्थित एक गोदाम में ड्रग कंट्रोलर के साथ उत्पाद विभाग की टीम ने छापेमारी की. बाहर से मंगवाई गई दवाओं की मात्रा और प्रस्तुत किए गए कागजों की जांच की गई. जांच में भारी गड़बड़ी की बात सामने आई है. कुछ दवा दुकानों के मंगाए गए दवाओं की मात्रा और ट्रांसपोर्ट कंपनी से मिले कागजों में काफी अंतर दिखा.

नशे के लिए दवाओं का हो रहा इस्तेमाल: ड्रग कंट्रोलर विकास शिरोमणी ने बताया कि उत्पाद विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के निर्देश पर जांच किया जा रहा है.चीफ सेक्रटरी का निर्देश है कि जो भी नशा के रूप में इस्तेमाल होता है, उन सबकी जांच की जाए. चाहे वह गोदाम में हो या किसी मेडिकल स्टोर में हो. इसी आदेश के आलोक में जांच की जा रही है.

"जांच में मंगवाए गए दवाओं की मात्रा और ट्रांसपोर्ट के कागज में काफी अंतर है. जांच की जा रही है. मामला संदिग्ध है. दुकानदार अगर सही कागजात पेश करेंगे तो उन्हें दवायें मिल जाएंगी अन्यथा उसे जब्त कर लिया जाएगा."- विकास शिरोमणी, ड्रग कंट्रोल इंस्पेक्टर

शराबबंदी के बाद बढ़ा कारोबार: राज्य में शराबबंदी कानून को सफल बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से दवा दुकानदारों में हड़कम्प मचा हुआ है. बिल में दवा की मात्रा और मंगाए गए दवाओं में काफी अंतर देखने को मिल रहा है. यह ऐसी दवाओं के मामले में दिख रहे हैं जो नशा के रूप में इस्तेमाल होती है. गोदाम में जांच के दौरान इस तरह की अनियमितता मिलने से उत्पाद विभाग और ड्रग कंट्रोल के अधिकारियों के कान खड़े हो गए हैं.

नशे के रूप में इनका होता है इस्तेमाल: एलप्रेक्स ट्राइका, एटीवान, लोराजीपाम, रिवोट्रील क्लोनाजीपाम दवाओं का उपयोग नशे के लिए किया जाने लगा है. इन दवाओं को ज्यादातर नींद न आने या दर्द या फिर तनाव दूर करने के लिए मरीज को दिया जाता है. लोग इन दवाओं को अपनी सहूलियत के लिए तो लेते हैं, साथ ही इनका प्रचार-प्रसार करने से भी पीछे नहीं हटते हैं.

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