मोतिहारी: भारत-नेपाल सीमा के पिछले 11 महीने से बंद रहने के कारण स्थानीय लोगों का सब्र अब जवाब देने लगा है. भारत और नेपाल के क्षेत्र के लोग सीमा पर आवाजाही सामान्य करने के लिए लगातार आंदोलन कर रहे हैं. जबकि कोरोना के बहाने नेपाल सरकार ने भारत से लगने वाली सीमा को बंद कर रखा है. भारत नेपाल सीमा को खोलने की मांग को लेकर पूर्वी चंपारण जिला के छौड़ादानो स्थित संतगंज बॉर्डर पर आमरण अनशन और धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. स्वतंत्रता सेनानी ज्ञानचंद प्रसाद यादव के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने आंदोलन की शुरुआत की है.
पूर्व में बॉर्डर खोलने का मिला था आश्वासन
आमरण अनशन पर बैठे ज्ञानचंद यादव ने बताया कि पूर्व में उन्होंने धरना प्रदर्शन शुरू किया था. तो उस समय नेपाल के बारा जिला के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने 10 दिनों के अंदर बॉर्डर को खोल देने का आश्वासन दिया था. लेकिन दो सप्ताह बीतने के बाद भी अभी तक बॉर्डर नहीं खोला गया है. इसलिए मजबूरन एक बार फिर आंदोलन शुरू करना पड़ रहा है.
बॉर्डर बंद रहने से लोगों को है परेशानी
दरअसल, भारत-नेपाल सीमा बंद रहने से सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों की परेशानी काफी बढ़ गयी है. दोनो देशों के लोगों के बीच होने वाली शादी, ब्याह एवं इमरजेंसी सेवाएं ठप पड़ी हुई हैं. जिस कारण दोनों देशों के लोगों का आक्रोश अब बढ़ने लगा है. आंदोलनकारियों का कहना है कि बॉर्डर खोले जाने तक उनका अनशन और धरना जारी रहेगा.