मोतिहारी: हिमालय के तराई इलाके के साथ ही पूर्वी चंपारण जिले में पीछले दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. ढाका और पताही प्रखंड के गांवों में 15 दिनों के अंदर दोबारा बाढ़ आ गयी है. जिसकी वजह से ग्रामीण डरे सहमे हुए हैं.
पानी बढ़ने से हुआ सुराग
जिले के पताही प्रखंड के जिहुली, खोरीपाकड़ सहित दर्जनों पंचायतो में बाढ़ का प्रकोप बढ़ने लगा है. बागमती और बूढ़ी गंडक नदी ने तबाही मचा रखी है. बूढ़ी गंडक नदी के बांध में पानी बढ़ने के साथ एकाएक सुराग बन गया है. जिसकी वजह से ग्रामीण काफी परेशान हैं.
दहशत में ग्रामीण
बांध में बने सुराग के कारण ग्रामीण दहशत में जीने को मजबूर हैं. कहीं रात में बांध टूट न जाए इस डर के कारण ग्रामीणों की रात की नींद भी हराम हो गई है. वहीं, अधिकारी बांध टूटने के खतरे से इनकार कर रहे हैं.
लापरवाही का आरोप
लालबकेया और बागमती का जलस्तर बढ़ने से खोरीपाकड़ गांव के पास तटबंध पर बड़ा सुराग बन गया है. यहां ग्रामीणों ने एकजुट होकर शुरु में खुद ही तटबंध की मरम्मत की. देर से जागे जलसंसाधन विभाग के अधिकारी बाद में पहुंचे. जिसपर ग्रामीणों ने जलसंसाधन अधिकारियों पर तटबंध की मरम्मत में लापरवाही करने का आरोप लगाया है.
क्या बोले जिलाधिकारी
नदियों के तटबंध में बन रहे सुराग को लेकर जिलाधिकारी ने बताया कि सभी तटबंध सुरक्षित हैं. तटबंधों पर लगतार पेट्रॉलिंग की जा रही है. ऐसी किसी सूचना पर कई जगह तत्काल मरम्मत भी कराई गई है.