ETV Bharat / state

उफान पर बूढ़ी गंडकः तिलावे और सिकरहना नदी के रिंग बांध टूटने से कई गांव में बाढ़ का खतरा

जिले में नदियों का तांडव शुरु है. सुगौली में सिकरहना नदी का रिंगबांध टूट गया है. जबकि बंजरिया में तिलावे नदी का बांध नदी बहा ले गई. दोनों प्रखंडों के दर्जनों गांव पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.

बूढ़ी गंडक
बूढ़ी गंडक
author img

By

Published : Jul 22, 2020, 2:07 PM IST

मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिला में नदियां अब कहर ढा रही है. नेपाल से निकलने वाली पहाड़ी नदी तिलावे का बांध बंजरिया प्रखंड के चितहा के पास टूट गया है. जबकि सिकरहना नदी का रिंग बांध धुमनी टोला के पास क्षतिग्रस्त हो गया है.

बूढ़ी गंडक यानी सिकरहना नदी का रिंग बांध टूटने से सुगौली प्रखंड के कई गांव पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. दोनों नदियों का बांध टूटने से सुगौली और बंजरिया प्रखंड के लोग दहशत में हैं. नदियों के टूटे हुए तटबंध से पानी का तेज बहाव जारी है.

टूटा हुआ बांध
टूटा हुआ बांध

रिंगबांध की मरम्मती के नाम पर खानापूर्त्ति
सुगौली में सिकरहना नदी का रिंग बांध टूटने के कारण लालपरसा, बड़हड़वा, वेलवतिया, शीतलपुर, करमवा समेत कई गांव पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. बता दें कि सिकरहना नदी के रिंग बांध की मरम्मती हर साल होती है. ग्रामीणों के अनुसार रिंग बांध की मरम्मती के नाम पर केवल कागजी खानापूर्त्ति ही होती है.

टूटे बांध को देखते लोग
टूटे बांध को देखते लोग

ग्रामीणों का आरोप है कि इस साल भी मनरेगा से रिंग बांध पर काम कराया गया था. लेकिन वह महज खानापूर्त्ति ही थी. यही वजह है कि बूढ़ी गंडक पर बना रिंग बांध टूट गया.

ये भी पढ़ेंः बेतिया: चनपटिया-नरकटियागंज सड़क पर बह रहा 4-5 फीट पानी, बढ़ा खतरा

बंजरिया में तिलावे नदी का बांध टूटा
वहीं, बंजरिया प्रखंड से होकर बहने वाली तिलावे नदी पर भी दो महीने पहले ही मनरेगा से तटबंध की मरम्मति हुई थी. जो तिलावे नदी के वेग को बर्दाश्त नहीं कर सका और चितहा गांव के पास नदी ने बांध को तोड़ दिया. इस कारण प्रखंड क्षेत्र के सेमरहिया, फुलवार, फुलवार टोला, चितहा, गम्हरिया, रोहिनिया समेत कई गांव में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. यहां के लोग भी अब घर बेघर होने के कगार पर हैं.

खेतों में फैला बाढ़ का पानी
खेतों में फैला बाढ़ का पानी

कोरोना और बाढ़ दोनों से जूझ रहा बिहार
बता दें कि नेपाल में हो रही लगातार बारिश के कारण हर साल की तरह इस साल भी उत्तर बिहार की तमाम नदियां उफान पर हैं. नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का पानी कई गांवों में लोगों पर आफत ढा रहा है. लोगों के सामने विकट स्थिति उत्पन्न हो गई है. एक तरफ बिहार कोरोना जैसी महामारी से उबर नहीं पाया है. वहीं, दूसरी तरफ बाढ़ ने भी अपना कहर पूरी तरह ढाना शुरू कर दिया है. पूरे उत्तर बिहार में इस वक्त भयावह स्थिति बनी हुई है.

मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिला में नदियां अब कहर ढा रही है. नेपाल से निकलने वाली पहाड़ी नदी तिलावे का बांध बंजरिया प्रखंड के चितहा के पास टूट गया है. जबकि सिकरहना नदी का रिंग बांध धुमनी टोला के पास क्षतिग्रस्त हो गया है.

बूढ़ी गंडक यानी सिकरहना नदी का रिंग बांध टूटने से सुगौली प्रखंड के कई गांव पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. दोनों नदियों का बांध टूटने से सुगौली और बंजरिया प्रखंड के लोग दहशत में हैं. नदियों के टूटे हुए तटबंध से पानी का तेज बहाव जारी है.

टूटा हुआ बांध
टूटा हुआ बांध

रिंगबांध की मरम्मती के नाम पर खानापूर्त्ति
सुगौली में सिकरहना नदी का रिंग बांध टूटने के कारण लालपरसा, बड़हड़वा, वेलवतिया, शीतलपुर, करमवा समेत कई गांव पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. बता दें कि सिकरहना नदी के रिंग बांध की मरम्मती हर साल होती है. ग्रामीणों के अनुसार रिंग बांध की मरम्मती के नाम पर केवल कागजी खानापूर्त्ति ही होती है.

टूटे बांध को देखते लोग
टूटे बांध को देखते लोग

ग्रामीणों का आरोप है कि इस साल भी मनरेगा से रिंग बांध पर काम कराया गया था. लेकिन वह महज खानापूर्त्ति ही थी. यही वजह है कि बूढ़ी गंडक पर बना रिंग बांध टूट गया.

ये भी पढ़ेंः बेतिया: चनपटिया-नरकटियागंज सड़क पर बह रहा 4-5 फीट पानी, बढ़ा खतरा

बंजरिया में तिलावे नदी का बांध टूटा
वहीं, बंजरिया प्रखंड से होकर बहने वाली तिलावे नदी पर भी दो महीने पहले ही मनरेगा से तटबंध की मरम्मति हुई थी. जो तिलावे नदी के वेग को बर्दाश्त नहीं कर सका और चितहा गांव के पास नदी ने बांध को तोड़ दिया. इस कारण प्रखंड क्षेत्र के सेमरहिया, फुलवार, फुलवार टोला, चितहा, गम्हरिया, रोहिनिया समेत कई गांव में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. यहां के लोग भी अब घर बेघर होने के कगार पर हैं.

खेतों में फैला बाढ़ का पानी
खेतों में फैला बाढ़ का पानी

कोरोना और बाढ़ दोनों से जूझ रहा बिहार
बता दें कि नेपाल में हो रही लगातार बारिश के कारण हर साल की तरह इस साल भी उत्तर बिहार की तमाम नदियां उफान पर हैं. नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का पानी कई गांवों में लोगों पर आफत ढा रहा है. लोगों के सामने विकट स्थिति उत्पन्न हो गई है. एक तरफ बिहार कोरोना जैसी महामारी से उबर नहीं पाया है. वहीं, दूसरी तरफ बाढ़ ने भी अपना कहर पूरी तरह ढाना शुरू कर दिया है. पूरे उत्तर बिहार में इस वक्त भयावह स्थिति बनी हुई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.