मोतिहारी: पिछले कई दिनों से हो रही बारिश के कारण (Heavy Rain) पूर्वी चंपारण जिला में (Flood In East Champaran) बाढ़ ने एक बार फिर से दस्तक दे दी है. बाढ़ से हर साल तबाह होने वाले बंजरिया प्रखंड में चौथी बार बाढ़ ने कहर बरपाना शुरु कर दिया है. प्रखंड क्षेत्र के जटवा-फुलवार मुख्य मार्ग के बुढ़वा नासी पुल का संपर्क पथ लगभग सौ फीट में बाढ़ का पानी बहा ले गया.
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आवागमन जारी रखने के लिए स्थानीय लोगों ने दो-दो बार चचरी पुल भी क्षतिग्रस्त सड़क पर बनाया. लेकिन पानी के तेज बहाव में वह टिक नहीं पाया और चचरी पुल भी बह गया. चैलाहां से जटवा होते हुए फुलवार तक जाने वाली मुख्य सड़क पर हीं बुढ़वा नासी पुल है. जो सड़क रामगढ़वा और रक्सौल हाईवे में जाकर मिलती है. इस सड़क प्रखंड कार्यालय के पास से ही लगभग 5 किलोमीटर तक पानी में डूबा हुआ है.
बुढ़वा नासी पुल टूटने से इस क्षेत्र के कई दर्जन गांव का सम्पर्क प्रखंड और अनुमंडल मुख्यालय से टूट गया है. अभी तक अधिकारियों ने पुल के क्षतिग्रस्त एप्रोच रोड का मरम्मत कर तत्काल आवागमन बहाल करने का कोई प्रयास शुरु नहीं किया है. जिस कारण क्षेत्र के लोगों में काफी आक्रोश है. प्रशासन के उदासीन रवैया को देख स्थानीय ग्रामीणों ने क्षतिग्रस्त एप्रोच रोड पर चचरी पुल बनाकर आवागमन जारी रखने का प्रयास शुरु किया है. लेकिन बाढ़ का पानी चचरी पुल को दो बार बहा ले गई है.
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बता दें कि इस वर्ष 2021 में अब तक के आंकड़ों के अनुसार बिहार में बाढ़ से लगभग 16 जिले प्रभावित हुए हैं. इसके साथ ही करोड़ों की आबादी समस्याओं का दंश झेल रही हैं. उत्तर बिहार में 76% आबादी बाढ़ के खतरे में रहती है. देश में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का 16.5% बिहार में है. उत्तर बिहार के जिले में मॉनसून के दौरान कम से कम पांच प्रमुख नदियों महानंदा, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक और गंडक लगभग हर साल बाढ़ लाती हैं. इसके अलावा दक्षिण बिहार भी पुनपुन और फल्गु नदी से बाढ़ की चपेट में आ जाता है.