मोतिहारी: बिहार के पूर्वी चंपारण में नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से जिले से होकर बहने वाली तमाम नदियों का जल स्तर बढ़ने लगा है. गंडक नदी खतरे के निशान से उपर बह रही (Flood like situation in east champaran) है. जबकि सिकरहना, लालबकेया समेत अन्य पहाड़ी नदियां अभी खतरे के निशान से नीचे हैं. वाल्मीकिनगर गंडक बराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी से जिला से होकर बहने वाली गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान के उपर है. जिससे जिला के कई प्रखंडों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. गंडक के पेट में बसे अरेराज और संग्रामपुर प्रखंड के कई गांव के रास्ते पानी में डूब गए हैं और लोग जान जोखिम में डालकर आ-जा रहे हैं. कुछ जगहों पर आने-जाने का साधन केवल नाव है. जबकि केसरिया प्रखंड के कई गांवों में भी बाढ़ का खतरा बना हुआ है.
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मोतिहार में बाढ़ जैसे हालात : शुक्रवार को वाल्मीकिनगर गंडक बराज से 4 लाख 32 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है. और गंडक नदी के आस-पास के गांव के लोगों के लिए एडवाइजरी भी जारी की गई है. क्योंकि गंडक बराज से छोड़ा गया पानी, शनिवार सुबह तक जिला में आने की संभावना है. जिला से होकर बहने वाली गंडक नदी का जलस्तर डुमरियाघाट में 62.58 मीटर है. जो 0.56 मीटर उपर है. जबकि चटिया में गंडक का जलस्तर 66.83 मीटर है जो खतरे के निशान से 2.317 मीटर नीचे है. वहीं, लालबकेया नदी का जलस्तर गुआबारी में 69.60 मीटर है जो खतरे के निशान से 1.52 मीटर नीचे है.
पूर्वी चंपारण के कई नदियों का जलस्तर बढ़ा : सिकरहना नदी का जलस्तर लालबेगिया में 59.10 मीटर है जो खतरे के निशान से 4.095 मीटर नीचे है. वहीं बूढ़ी गंडक का जलस्तर अहिरौलिया में 53.30 मीटर है, जो खतरे के निशान से 6.32 मीटर नीचे है. गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने से संग्रामपुर प्रखंड इजरा,नवादा, बीनटोली, बरियरिया, पूछरिया, भवानीपुर मल्लाह टोली समेत कई गांवों का आवागमन ठप है. जबकि अरेराज प्रखंड के चटिया, सिकटिया, पांडे टोला और मननपुर समेत कई गांव पानी से घिर गए हैं. वहीं, डुमरिया का दुबौलिया भी गंडक के बढ़े जलस्तर से प्रभावित है. जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने गंडक,सिकरहना, बूढ़ी गंडक, लालबकेया नदियों के तटबंध की लगातार निगरानी का निर्देश सिचाई विभाग के अधिकारियों को दिया है. पानी के दबाब वाले जगहों पर फ्लड फाइटिंग की सारी तैयारी पूरी रखने का निर्देश दिया है. साथ हीं गंडक नदी के आसपास के गांवों के लोगों को उंचे स्थान पर शरण लेने के लिए कहा गया गया है. स्थानीय प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखा गया है.