पश्चिम चंपारण (मोतिहारी): वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्वी चंपारण जिला में "टीएन शेषण" के रुप में चर्चित बिजली विभाग के अधिकारी सिकंदर यादव के प्रथम पुण्यतिथि पर भावांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में उपस्थित उद्योग विभाग के सचिव नर्मदेश्वर लाल ने अपने भावपूर्ण गीतों से श्रद्धांजलि दी. नर्मदेश्वर लाल अपने मातहत अधिकारी रहे सिकंदर यादव को श्रद्धांजलि देते समय भावुक हो गए.
यह भी पढ़ें - बढ़ती जनसंख्या पर गिरिराज ने जताई चिंता, कहा- आबादी को काबू करने के लिये बने सख्त कानून
सचिव नर्मदेश्वर लाल ने कहा कि चंपारण की धरती का यह गुण है कि वह किसी भी काम करने वाले अधिकारी को उसके जाने के बाद याद रखती है. उन्होंने कहा कि सिकंदर यादव सिर्फ अपने नाम से सिकंदर नहीं थे. वह काम से भी सिकंदर थे.
प्रमंडलीय आयुक्त भी थे मौजूद
भावांजली कार्यक्रम में तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त मनीष कुमार भी मौजूद थे. आयुक्त ने भी सिकंदर यादव के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए पूर्वी चंपारण के लोगों को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि चंपारण नेपाल और बिहार का गेटवे है और यहां की धरती लोगों को काम करने के लिए प्रेरित करती है. यहां के लोगों का सहयोग प्रशासनिक अधिकारियों को मिलता रहता है.
बिजली विभाग के अधिकारी थे सिकंदर यादव
बता दें कि बिजली विभाग के दिवंगत एसडीओ सिकंदर यादव पूर्वी चंपारण जिला में पदस्थापित थे. वर्ष 2009 के चुनाव में तत्कालिन जिलाधिकारी नर्मदेश्वर लाल ने सिकंदर यादव की इमानदारी और निर्भिकता को देखकर अपना विशेष कार्य पदाधिकारी प्रतिनियुक्त कर दिया. उसके बाद सिकंदर यादव ने अपने कार्यों के बदौलत राजनीतिक दलों के नेताओं के अलावा गैर कानूनी ढ़ंग से कार्य करने वाले लोगों के बीच हड़कंप मचा दिया. जो इस जिला के दुसरे अधिकारियों के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है.
यह भी पढ़ें - संसबेरिया के पौधे से वातावरण होगा शुद्ध, लोगों को मिलेगा रोजगार- नीरज कुमार सिंह
माउथ कैंसर से हुई थी मौत
सिकंदर यादव की मौत माउथ कैंसर के कारण 9 मार्च 2020 को हुई थी. जिनके प्रथम पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए संगीतमय भावांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिस कार्यक्रम में अपने मातहत अधिकारी रहे दिवंगत सिकंदर यादव को श्रद्धांजलि देने बिहार सरकार के सचिव व तत्कालिन पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी नर्मदेश्वर लाल भी पहुंचे थे और अपने भावपूर्ण गीतों से श्रद्धांजलि देते हुए नर्मदेश्वर लाल भावुक हो गए.