मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिला से होकर बहने वाली नदियों का जलस्तर कम (Low Water Level of Rivers) होने के साथ हीं कटाव शुरु हो गया है. सुगौली प्रखंड में सिकरहना नदी की धारा के कटाव से गोरीगावां गांव के अस्तित्व पर संकट आ गया है. प्रखंड के गोरीगावां में शिव मंदिर को नदी की तेज धारा काटने लगी है. बाढ़ के बाद अब कटाव से लोगों की परेशानियां बढ़ गई है. जिससे ग्रामीण दहशत में हैं.
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गोरीगावां के ग्रामीणों ने बताया कि नदी की धारा खेती की जमीन काटते-काटते मंदिर के करीब पहुंच गई है और मंदिर का कटाव करने लगी है. ग्रामीणों के अनुसार नदी कटाव करते-करते उनके घरों के करीब पहुंच गई है. स्थानीय ग्रामीणों ने नदी के कटाव को रोकने के लिए कटावरोधी कार्य कराने की मांग सरकार और जिला प्रशासन से की है. ताकि उनके घर सुरक्षित रह सके.
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दरअसल, सुगौली प्रखंड के गोरीगावां में सिकरहना नदी की धारा गांव की ओर मुड़कर कटाव करने लगी है. जिससे पूरे गांव के लोग दहशत में हैं. जिसकी जानकारी ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन को भी दी है. लेकिन स्थानीय प्रशासन ने ग्रामीणों की गुहार को अनसुना कर दिया है.
इधर नदी की तेज बहती धारा गांव के समीप आ गई है. सिकरहना नदी के दक्षिणी किनारे पर बसे इस गांव का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है. गांव के पुराने शिव मंदिर के कुछ हिस्से को नदी ने काट लिया है और नदी का कटाव लगातार जारी है.
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बता दें कि बिहार में नदियों के बढ़ते जलस्तर और कई इलाकों में पानी भरने के बाद लोग निचले स्थानों को छोड़कर ऊंचे इलाकों पर जा रहे हैं. आम लोगों के साथ-साथ बाढ़ के कारण मवेशियों के लिए भी संकट पैदा हो गया है, जिनके लिए चारे की व्यवस्था से लेकर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना भी एक चुनौती बनी हुई है.
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