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एड्स को लेकर हाई रिस्क जोन में पूर्वी चंपारण, टीनएजर्स हो रहे संक्रमित

पूर्वी चंपारण जिला एचआईवी पॉजिटिव मरीजों के मामले में हाई रिस्क जोन बनने की कगार पर पहुंच गया है. स्कूल और कॉलेज गोईंग छात्रों का एड्स संक्रमित होना नई चिंता को जन्म दे रहा है. संक्रमित मरीजों में 60 प्रतिशत पुरुष, 25 प्रतिशत महिलाएं और 15 प्रतिशत टीनएजर्स हैं.

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Published : Dec 1, 2020, 11:00 PM IST

मोनिका कश्यप
मोनिका कश्यप

मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिला एचआईवी पॉजिटिव मरीजों के मामले में हाई रिस्क जोन बनने की कगार पर पहुंच गया है. नई पीढ़ी के स्कूल और कॉलेज गोईंग छात्रों का एड्स संक्रमित होना नई चिंता को जन्म दे रहा है. जिले में सबसे अधिक ढाका प्रखंड में एड्स मरीज हैं. संक्रमित मरीजों में 60 प्रतिशत पुरुष, 25 प्रतिशत महिलाएं और 15 प्रतिशत टीनएजर्स हैं.

टीनएजर्स में एड्स संक्रमण चिंता का विषय
सदर अस्पताल स्थित एआरटी के वरीय चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. चंद्र सुभाष ने बताया कि लोगों में एड्स के प्रति जागरुकता आई है. इसके कारण रजिस्टर्ड मरीजों की संख्या बढ़ रही है. जिले में 8300 एड्स के सक्रिय मरीज हैं. प्रवासी मजदूरों के साथ नई उम्र (14 से 21 वर्ष) के लड़कों में एड्स का संक्रमण मिल रहा है. यह चिंता का विषय है.

देखें रिपोर्ट

सिलेबस में एड्स को शामिल करे सरकार
एआरटी की काउंसलर मोनिका कश्यप ने माता-पिता से अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखने की अपील की. उन्होंने कहा कि सरकार को बच्चों के सिलेबस में एड्स को शामिल करना चाहिए ताकि बच्चे एड्स होने के कारण और उससे होने वाले नुकसान के बारे में जान सकें.

कोरोना के कारण एचआईवी जांच में आई कमी
इस साल 57 हजार लोगों ने एचआईवी जांच कराई है. इसमें 17 हजार महिला और 40 हजार पुरुष हैं. कोरोना के कारण पिछले वर्षों की तुलना में इस साल एचआइवी जांच में कमी आई है.

मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिला एचआईवी पॉजिटिव मरीजों के मामले में हाई रिस्क जोन बनने की कगार पर पहुंच गया है. नई पीढ़ी के स्कूल और कॉलेज गोईंग छात्रों का एड्स संक्रमित होना नई चिंता को जन्म दे रहा है. जिले में सबसे अधिक ढाका प्रखंड में एड्स मरीज हैं. संक्रमित मरीजों में 60 प्रतिशत पुरुष, 25 प्रतिशत महिलाएं और 15 प्रतिशत टीनएजर्स हैं.

टीनएजर्स में एड्स संक्रमण चिंता का विषय
सदर अस्पताल स्थित एआरटी के वरीय चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. चंद्र सुभाष ने बताया कि लोगों में एड्स के प्रति जागरुकता आई है. इसके कारण रजिस्टर्ड मरीजों की संख्या बढ़ रही है. जिले में 8300 एड्स के सक्रिय मरीज हैं. प्रवासी मजदूरों के साथ नई उम्र (14 से 21 वर्ष) के लड़कों में एड्स का संक्रमण मिल रहा है. यह चिंता का विषय है.

देखें रिपोर्ट

सिलेबस में एड्स को शामिल करे सरकार
एआरटी की काउंसलर मोनिका कश्यप ने माता-पिता से अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखने की अपील की. उन्होंने कहा कि सरकार को बच्चों के सिलेबस में एड्स को शामिल करना चाहिए ताकि बच्चे एड्स होने के कारण और उससे होने वाले नुकसान के बारे में जान सकें.

कोरोना के कारण एचआईवी जांच में आई कमी
इस साल 57 हजार लोगों ने एचआईवी जांच कराई है. इसमें 17 हजार महिला और 40 हजार पुरुष हैं. कोरोना के कारण पिछले वर्षों की तुलना में इस साल एचआइवी जांच में कमी आई है.

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