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मोतिहारी: अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डाटा एंट्री ऑपरेटर, चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था

अस्पताल प्रबंधक विजय झा ने बताया कि डाटा इंट्री ऑपरेटर्स के हड़ताल पर चले जाने के कारण सिस्टम को थोड़ी परेशानी जरूर हुई है. लेकिन मरीजों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. मरीजों को कोई परेशानी नहीं होने दी जा रही है.

मोतिहारी
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Published : Jul 6, 2020, 10:45 PM IST

पूर्वी चंपारण (मोतिहारी): बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर हमेशा ही सवाल उठते रहे हैं. कोरोना वायरस मुंह बाए खड़ा है. हालांकि सरकार इस महामारी से निजात दिलाने के लिए कई दावे कर रही है. लेकिन सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले डाटा इंट्री ऑपरेटरों के हड़ताल पर चले जाने के बाद, उपजे हालातों ने बिहार सरकार की तैयारियों की पोल-खोल कर रख दी है.

डाटा इंट्री ऑपरेटर्स के हड़ताल पर चले जाने के बाद हर रोज मरीजों को परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है. हड़ताल ने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को बेपटरी कर दिया है. हालांकि, अस्पातल प्रबंधन ने ऑनलाइन का तोड़ निकालते हुए मैनुअल तरीके से कार्य शुरू तो करवाया है. लेकिन, अव्यवस्था कम नहीं हुई है. मरीजों के घंटों लाइन में खड़े रहने के बाद रजिस्ट्रेशन हो पा रहा है. जब तक मरीज रजिस्ट्रेशन कराकर ओपीडी पहुंचते हैं. तब तक ओपीडी के डॉक्टरों की ड्यूटी टाईम समाप्त हो चुकी होती है.

मोतिहारी से बृजेश की रिपोर्ट

'घंटों बाद हो पा रहा निबंधन'
अस्पताल में इलाज कराने आई सीमा देवी ने बताया कि लाइन में घंटो खड़े रहने के बाद उनका निबंधन हुआ. इलाज के लिए वे पांच घंटे से अस्पताल में बैठी हुई है. कोई सुध लेने वाला नहीं है. वहीं, एक अन्य मरीज सीताराम सिंह ने बताया कि संक्रमण के खतरे के बीच वे वे दो घंटे से लाइन में लगे हुए हैं. फिर भी उनका नंबर नहीं आया है.

निबंधन काउंटर पर मरीजों की भीड़
निबंधन काउंटर पर मरीजों की भीड़

'मैनुअल तरीके से हो रहा काम'
डाटा इंट्री ऑपरेटर्स के हड़ताल पर चले जाने के कारण निबंधन काउंटर पर अस्पताल के दूसरे कर्मियों से काम लिया जा रहा है. निबंधन काउंटर पर बैठे स्वास्थ्यकर्मी सुभाष कुमार ने बताया कि हॉस्पीटल मैनेजर के निर्देश पर वे मरीजों का रजिस्ट्रेशन करने का काम कर रहे है. मैनुअल तरीके से निबंधन किया जा रहा है. जिस वजह से कार्य प्रभाव जरूर पड़ा है.

अस्पताल में इलाज कराने के लिए आई हुई महिला मरीज
अस्पताल में इलाज कराने के लिए आई हुई महिला मरीज

अव्यवस्था के इस आलम से जूझ रहे मरीजों की परेशानी यहीं पर खत्म नहीं होती है. मरीजों को इलाज के बाद दवा काउंटर सिस्टम से दो-चार होना पर रहा है. दवा वितरण काउंटर पर काम करे रहे स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि वह अकेले दवा का वितरण कर रहे है. मरीजों को घंटो लाइन में खड़ा रहने के बाद दवा मिल पा रही है.

हड़ताल कर रहे कर्मी
हड़ताल कर रहे कर्मी

'मरीजों को नहीं हो रही परेशानी'
इस मामले पर जब ईटीवी भारत संवाददाता ने अस्पताल प्रबंधक विजय झा से बात की तो उन्होंने बताया कि डाटा इंट्री ऑपरेटर्स के हड़ताल पर चले जाने के कारण सिस्टम को थोड़ी परेशानी जरूर हुई है. लेकिन मरीजों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. मरीजों को कोई परेशानी नहीं होने दी जा रही है. उन्होने बताया कि ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन समेत आयुष्मान भारत, जननी सुरक्षा कार्यक्रम के डाटा अपलोडिंग में परेशानी हो रही है.

सदर अस्पताल मोतिहारी
सदर अस्पताल मोतिहारी

क्या है मामला?
हड़ताल पर डटे डाटा ऑपरेटर्स का कहना है कि मरीजों को परेशानी तो जरूर हो रही है. लेकिन वे लाचार हैं. हड़ताली कर्मी दिवाकर कुमार ने बताया कि उनलोगों के सामने नौकरी का सवाल है. उनकी सेवा प्रदाता कंपनी बदल गई है. जिस वजह से उनकी नौकरी खतरे में है. जिस वजह से वे अपनी मांगो को लेकर हड़ताल करने को मजहबूर हैं.

पूर्वी चंपारण (मोतिहारी): बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर हमेशा ही सवाल उठते रहे हैं. कोरोना वायरस मुंह बाए खड़ा है. हालांकि सरकार इस महामारी से निजात दिलाने के लिए कई दावे कर रही है. लेकिन सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले डाटा इंट्री ऑपरेटरों के हड़ताल पर चले जाने के बाद, उपजे हालातों ने बिहार सरकार की तैयारियों की पोल-खोल कर रख दी है.

डाटा इंट्री ऑपरेटर्स के हड़ताल पर चले जाने के बाद हर रोज मरीजों को परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है. हड़ताल ने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को बेपटरी कर दिया है. हालांकि, अस्पातल प्रबंधन ने ऑनलाइन का तोड़ निकालते हुए मैनुअल तरीके से कार्य शुरू तो करवाया है. लेकिन, अव्यवस्था कम नहीं हुई है. मरीजों के घंटों लाइन में खड़े रहने के बाद रजिस्ट्रेशन हो पा रहा है. जब तक मरीज रजिस्ट्रेशन कराकर ओपीडी पहुंचते हैं. तब तक ओपीडी के डॉक्टरों की ड्यूटी टाईम समाप्त हो चुकी होती है.

मोतिहारी से बृजेश की रिपोर्ट

'घंटों बाद हो पा रहा निबंधन'
अस्पताल में इलाज कराने आई सीमा देवी ने बताया कि लाइन में घंटो खड़े रहने के बाद उनका निबंधन हुआ. इलाज के लिए वे पांच घंटे से अस्पताल में बैठी हुई है. कोई सुध लेने वाला नहीं है. वहीं, एक अन्य मरीज सीताराम सिंह ने बताया कि संक्रमण के खतरे के बीच वे वे दो घंटे से लाइन में लगे हुए हैं. फिर भी उनका नंबर नहीं आया है.

निबंधन काउंटर पर मरीजों की भीड़
निबंधन काउंटर पर मरीजों की भीड़

'मैनुअल तरीके से हो रहा काम'
डाटा इंट्री ऑपरेटर्स के हड़ताल पर चले जाने के कारण निबंधन काउंटर पर अस्पताल के दूसरे कर्मियों से काम लिया जा रहा है. निबंधन काउंटर पर बैठे स्वास्थ्यकर्मी सुभाष कुमार ने बताया कि हॉस्पीटल मैनेजर के निर्देश पर वे मरीजों का रजिस्ट्रेशन करने का काम कर रहे है. मैनुअल तरीके से निबंधन किया जा रहा है. जिस वजह से कार्य प्रभाव जरूर पड़ा है.

अस्पताल में इलाज कराने के लिए आई हुई महिला मरीज
अस्पताल में इलाज कराने के लिए आई हुई महिला मरीज

अव्यवस्था के इस आलम से जूझ रहे मरीजों की परेशानी यहीं पर खत्म नहीं होती है. मरीजों को इलाज के बाद दवा काउंटर सिस्टम से दो-चार होना पर रहा है. दवा वितरण काउंटर पर काम करे रहे स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि वह अकेले दवा का वितरण कर रहे है. मरीजों को घंटो लाइन में खड़ा रहने के बाद दवा मिल पा रही है.

हड़ताल कर रहे कर्मी
हड़ताल कर रहे कर्मी

'मरीजों को नहीं हो रही परेशानी'
इस मामले पर जब ईटीवी भारत संवाददाता ने अस्पताल प्रबंधक विजय झा से बात की तो उन्होंने बताया कि डाटा इंट्री ऑपरेटर्स के हड़ताल पर चले जाने के कारण सिस्टम को थोड़ी परेशानी जरूर हुई है. लेकिन मरीजों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. मरीजों को कोई परेशानी नहीं होने दी जा रही है. उन्होने बताया कि ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन समेत आयुष्मान भारत, जननी सुरक्षा कार्यक्रम के डाटा अपलोडिंग में परेशानी हो रही है.

सदर अस्पताल मोतिहारी
सदर अस्पताल मोतिहारी

क्या है मामला?
हड़ताल पर डटे डाटा ऑपरेटर्स का कहना है कि मरीजों को परेशानी तो जरूर हो रही है. लेकिन वे लाचार हैं. हड़ताली कर्मी दिवाकर कुमार ने बताया कि उनलोगों के सामने नौकरी का सवाल है. उनकी सेवा प्रदाता कंपनी बदल गई है. जिस वजह से उनकी नौकरी खतरे में है. जिस वजह से वे अपनी मांगो को लेकर हड़ताल करने को मजहबूर हैं.

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