पूर्वी चंपारण: जिले के मोतिहारी में अनंत चतुर्दशी को लेकर शहर भगवान शिव के रंग में रंगा हुआ है. कांवरियों का जत्था शिवहर जिले के बेलवा घाट से जिले के अरेराज स्थित सोमेश्वर नाथ महादेव मंदिर के शिवलिंग पर जलाभिषेक करने निकला. 95 किलोमीटर की इस यात्रा में जिला प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं.
आकर्षण का केंद्र रहता है डाकबम
अनंत चतुर्दशी के मौके पर बिहार के विभिन्न जिलों के शिव भक्तों के अलावा नेपाल, बंगाल और उत्तर प्रदेश से अरेराज स्थित पंचमुखी शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए आते हैं. इस दौरान शिवभक्तों में गजब का उत्साह रहता है. लेकिन डाक बम का निकलने वाला जत्था विशेष आकर्षण का केंद्र होता है. जगह-जगह पर स्थानीय लोग शिवभक्तों की सेवा के लिए तत्पर रहते हैं.
आपसी सौहार्द और भाईचारे के साथ मनाएं त्योहार- डीएम
डाक बम बागमती नदी के उतरायण बेलवा घाट से जल उठाते हैं. सुरक्षा के लिए जगह-जगह प्रशासनिक स्तर पर कंट्रोल रूम बनाये गए हैं. जिले के डीएम और एसपी खुद से पूरे कांवरियां पथ की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. उन्होंने लोगों से अपील की कि आपसी सौहार्द और भाईचारे के साथ त्योहार मनाएं.
जिला पुलिस के अलावा अर्द्ध सैनिक बल भी है तैनात
अनंत चतुर्दशी और मोहर्रम एक साथ होने के कारण जिला प्रशासन के लिए चुनौतियां बढ़ गई. जिस वजह से जिले के डीएम खुद से पूरी सुरक्षा व्यवस्था को देख रहे हैं. इस बाबत उन्होंने कहा कि जगह-जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. कांवरिया पथ में जिला पुलिस के अलावा अर्द्ध सैनिक बल की टुकड़ियों की भी प्रतिनियुक्ति की गई है.
मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
दंतकथाओं कि मानें तो स्कन्द पुराण में इस पंचमुखी महादेव मंदिर का जिक्र है. बताया जाता है कि जब गौतम मुनी अहिल्या पत्नी प्रकरण में चन्द्रमा शापित हुए थे. तब अगस्त मुनि ने शाप से मुक्ति के लिए चंद्रमा को गण्डकी नदी के तट पर स्थित अरण्यराज में गह्वर में शिवलिंग की स्थापना करने की सलाह दी थी. जिसकी स्थापना और पूजा के बाद चंद्रमा शाप से मुक्त हुए थे. दरअसल, चंद्रमा का पर्यावाची शब्द सोम होता है. इसीलिए इन्हें सोमेश्वर नाथ मनोकामना महादेव कहा जाता है. यहां सच्चे मन से मांगने वाले लोगों की मनोकामना अवश्य पूरी होती है. इसे मनोकामना नाथ भी कहा जाता है.