बेतिया: थरूहट के सबसे बड़े सुभद्रा मेला पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. कोरोना वायरस की दूसरी लहर मेला के आयोजन में लगातार दूसरी बार बाधा बन रही है. आलम यह है कि अभी तक मेला का डाक नहीं हो पाया है.
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दुकानदारों में रोष का माहौल
कोरोना काल में लगातार दो सालों से सुभद्रा मेला का आयोजन नहीं होने के कारण दुकानदारों में रोष का माहौल है. पिछले साल कोरोना महामारी के कारण सुभद्रा मेले के आयोजन पर पूर्ण रुप से रोक लगा दी गई थी. इस साल भी सुभद्रा मेला का आयोजन 20 अप्रैल से होना था. लेकिन स्कूल, काॅलेज के 11 अप्रैल तक बंद होने के कारण मेला लगने पर ग्रहण लग गया है.
वहीं, अभी तक कोई दुकनदार मेला परिसर में दुकान नहीं लाएं हैं. पिछले साल से ही तीन-चार दुकान मेला लगने के आस में अभी भी मेला परीसर में रुकी हुई है. मेला के आयोजन नहीं होने के कारण स्थानीय दुकानदारों के साथ बाहरी दुकनादार भी परेशान हैं. मेला के लिए सामान की खरीदारी करें या ना करें, उसी सोच में फंसे हुए हैं.
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क्या कहते हैं दुकानदार
स्थानीय मिठाई के दुकानदार चंद्रमोहन साह, आनंद कुमार, दिनानाथ साह, फल- फुल विक्रेता मिथलेश भगत, गुड्डु कुमार, शिव महतो, इंद्रदेव महतो, कृष्णा गोसाई, अच्छेलाल टिकुलिहार, किराना दुकनदार राजकिशोर कुमार, पिन्टू कुमार, सुनिल कुमार, जाकिर हुसैन आदि लोगों ने बताया कि पिछले साल मेला का आयोजन नहीं होने के कारण लाखों का नुकसान हुआ था. उसी के डर से इस साल सामान लाने के उपापोह में फंसे हुए हैं.
हजारों लोग पहुंचते हैं नवमी के दिन, एक माह तक लगता है मेला
सुभद्रा मेला का आयोजन होने के साथ ही हर साल हजारों लोग नवमी के दिन पहुंच कर मां सुभद्रा के पास श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं. एक माह तक चलने वाले मेले में दूर-दूर से मां के भक्त पहुंचते हैं. मेला में लाखों का व्यवसाय होता है. वहीं, तरह-तरह के झुला, मौत का कुंआ मेला में पहुंचें सैलानियों का मनोरंजन कराते हैं.
टल सकता है मेला का आयोजन
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कारण राज्य सरकार ने स्कूल, काॅलेज और भीड़ भाड़ वालें जगहों को 11 अप्रैल तक बंद कर दिया है. लोग कयास लगा रहें हैं कि जिस तरह से कोरोना वायरस अपना रफ्तार पकड़ रहा है. उसको देखते हुए इस तरह की बंदी आगें भी जारी रहेगी. जिसके कारण मेला का आयोजन नहीं हो सकता है.