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दिवंगत साहित्यकारों की याद में चंपारण महोत्सव समिति ने आयोजित की काव्यांजलि

चंपारण महोत्सव समिति के संयोजक और रंगकर्मी प्रसाद रत्नेश्वर ने बताया कि प्रो. महेश्वर प्रसाद सिंह उर्फ कवि जी और राजेंद्र अनल चंपारण की धरती के महान कवि थे. उन्होंने बताया कि दोनों दिवंगत साहित्यकारों को काव्यांजलि के माध्यम से काव्य-शब्द पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई.

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Published : Feb 2, 2020, 8:54 PM IST

काव्यांजलि
काव्यांजलि

मोतिहारी: चंपारण ने जनवरी के महीने में साहित्य के क्षेत्र में काफी कुछ खो दिया है. दो महान साहित्कारों के दिवंगत हो जाने से एक शून्यता सी आ गई है. प्रो. महेश्वर प्रसाद सिंह उर्फ कवि जी और राजेंद्र अनल का स्वर्गवास हो गया. साहित्य के क्षेत्र के इन दोनों महान विभूतियों की स्मृति में चंपारण महोत्सव समिति ने काव्यांजलि का आयोजन किया. शहर के एलएनडी कॉलेज में इस काव्यांजलि में पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण के कवियों ने हिस्सा लिया.

दिवंगत साहित्यकारों को दी गई श्रद्धांजलि
चंपारण महोत्सव समिति के संयोजक और रंगकर्मी प्रसाद रत्नेश्वर ने बताया कि प्रो. महेश्वर प्रसाद सिंह उर्फ कवि जी और राजेंद्र अनल चंपारण की धरती के महान कवि थे. उन्होंने बताया कि दोनों दिवंगत साहित्यकारों को काव्यांजलि के माध्यम से काव्य-शब्द पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई.

चंपारण महोत्सव समिति ने आयोजित की काव्यांजलि

कई कविताएं हो चुकी हैं प्रकाशित
प्रो. महेश्वर प्रसाद सिंह और राजेंद्र अनल की कई रचनाएं प्रकाशित हुई हैं. जबकि कई प्रकाशित होने की कतार में है. दोनों साहित्यकारों की कई चर्चित कविताओं का जिक्र साहित्यिक मंचों पर लोग करते हैं.

मोतिहारी: चंपारण ने जनवरी के महीने में साहित्य के क्षेत्र में काफी कुछ खो दिया है. दो महान साहित्कारों के दिवंगत हो जाने से एक शून्यता सी आ गई है. प्रो. महेश्वर प्रसाद सिंह उर्फ कवि जी और राजेंद्र अनल का स्वर्गवास हो गया. साहित्य के क्षेत्र के इन दोनों महान विभूतियों की स्मृति में चंपारण महोत्सव समिति ने काव्यांजलि का आयोजन किया. शहर के एलएनडी कॉलेज में इस काव्यांजलि में पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण के कवियों ने हिस्सा लिया.

दिवंगत साहित्यकारों को दी गई श्रद्धांजलि
चंपारण महोत्सव समिति के संयोजक और रंगकर्मी प्रसाद रत्नेश्वर ने बताया कि प्रो. महेश्वर प्रसाद सिंह उर्फ कवि जी और राजेंद्र अनल चंपारण की धरती के महान कवि थे. उन्होंने बताया कि दोनों दिवंगत साहित्यकारों को काव्यांजलि के माध्यम से काव्य-शब्द पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई.

चंपारण महोत्सव समिति ने आयोजित की काव्यांजलि

कई कविताएं हो चुकी हैं प्रकाशित
प्रो. महेश्वर प्रसाद सिंह और राजेंद्र अनल की कई रचनाएं प्रकाशित हुई हैं. जबकि कई प्रकाशित होने की कतार में है. दोनों साहित्यकारों की कई चर्चित कविताओं का जिक्र साहित्यिक मंचों पर लोग करते हैं.

Intro:"चंपारण महोत्सव समिति के संयोजक व रंगकर्मी प्रसाद रत्नेश्वर ने बताया कि प्रो. महेश्वर प्रसाद सिंह उर्फ कवि जी और राजेंद्र अनल चंपारण की धरती के महान कवि थे।"

मोतिहारी।चंपारण ने जनवरी माह में साहित्य के क्षेत्र काफी कुछ खो दिया है।दो महान साहित्कारों के जनवरी माह में दिवंगत हो जाने से एक शून्यता सी आ गई है।प्रो. महेश्वर प्रसाद सिंह उर्फ कवि जी और राजेंद्र अनल का जनवरी माह में स्वर्गारोहण हुआ।लिहाजा,साहित्य के क्षेत्र के इन दोनो महान विभूतियों की स्मृति में चंपारण महोत्सव समिति ने काव्यांजलि का आयोजन किया।शहर के एलएनडी कॉलेज में चंपारण महोत्सव समिति द्वारा आयोजित काव्यांजलि में पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण के कवियों ने हिस्सा लिया।


Body:"दिवंगत साहित्यकारों को दी गई श्रद्धांजलि"

वीओ...1....चंपारण महोत्सव समिति के संयोजक व रंगकर्मी प्रसाद रत्नेश्वर ने बताया कि प्रो. महेश्वर प्रसाद सिंह उर्फ कवि जी और राजेंद्र अनल चंपारण की धरती के महान कवि थे।उन्होने बताया कि दोनो दिवंगत साहित्यकारों को काव्यांजलि के माध्यम से काव्य-शब्द-पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई है।

बाईट....प्रसाद रत्नेश्वर.....रंगकर्मी


Conclusion:"कई कविताएं हो चुकी है प्रकाशित"

वीओएफ....दरअसल,प्रो. महेश्वर प्रसाद सिंह और राजेंद्र अनल की कई रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।जबकि कई प्रकाशित होने की कतार में है।दोनो साहित्यकारों की कई चर्चित कविताओं का जिक्र साहित्यिक मंचों पर लोग करते हैं।
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