मोतिहारी : पड़ोसी देश नेपाल के एक तस्कर द्वारा भारत में "कोरोना बम" के रुप में लोगों को भेजे जाने की तैयारी किए जाने के खुलासा के बाद भारतीय सीमा को पूर्णतः सील कर दिया गया है. एसएसबी और पुलिस के जवान सीमा पर घुसपैठ का प्रयास करने वालों पर नजर रख रहे है. बावजूद इसके भारत नेपाल की खुली सीमा पर निगरानी करना काफी परेशानियों से भरा हुआ है. पूर्वी चम्पारण के सीमा पर देनों देशो के गांव पूरी तरह से सटे हुए है. लिहाजा इसका लाभ घुसपैठिया उठा सकते है. जिसके मद्देनजर अब तीसरी आँख के सहारे निगरानी करने का फैसला जिला प्रशासन ने लिया है.
रक्सौल और सिकरहना अनुमंडल के सीमाई क्षेत्र में लगेंगे कैमरा
पूर्वी चम्पारण के डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने रक्सौल और सिकरहना के अनुमंडल पदाधिकारी को नेपाल से सटे भारत के सीमावर्ती स्थानों पर सीसीटीवी कैमरा लगाने का आदेश दिया है, ताकि लॉकडाउन के दौरान बॉर्डर पार करने का प्रयास करने वालों पर नजर रखी जा सके. बता दें कि पूर्वी चम्पारण जिले की 104 किलोमीटर की लंबी सीमा नेपाल से लगती है. इसी खुली सीमा का फायदा उठाकर जालिम मुखिया के पचास "कोरोना फिदायीन" भेजने का खुलासा एसएसबी ने किया है. जिसके बाद सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है और एसएसबी के साथ हीं जिला पुलिस के जवान लगातार गश्त लगा रहे हैं. बावजूद इसके जालिम मुखिया के साजिश को नाकाम करने के लिए भारत-नेपाल सीमा पर भारतीय परिक्षेत्र में सीसीटीवी कैमरा लगाने का निर्णय जिला प्रशासन ने लिया है.
भारत-नेपाल सीमा पर चौदह जगह लगेंगे सीसीटीवी कैमरा
डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि सरकार के निर्देश पर लॉकडाउन को लेकर अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ हीं जिले से लगने वाली दूसरे जिला के सभी सीमा को सील कर दिया गया है, ताकि कोरोना संक्रमण को रोका जा सका. उन्होंने बताया कि रक्सौल और सिकरहना के एसडीओ व एसडीपीओ ने नेपाल बॉर्डर पर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाने की अनुशंसा की है. दोनों अनुमंडल क्षेत्र से लगने वाले नेपाल सीमा के चौदह जगहों पर तत्काल सीसीटीवी कैमरा लगाया जाएगा. जिसके लिए अनुमंडल के अधिकारी जगह को चयनित करेंगे.