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मोतिहारी: उत्पाद अधिनियम के तहत वाहनों की नीलामी में संगठित गिरोह सक्रिय, उठ रहे सवाल

पूर्वी चंपारण जिला में दो दिनों तक चली जब्त वाहनों की नीलामी (Auction Of Seized Vehicles) शुक्रवार को समाप्त हो गई है. दूसरी ओर नीलामी की प्रक्रिया में पारदर्शिता पर उत्पाद विभाग के कर्मियों पर सवाल उठने लगे हैं. पढ़ें पूरी खबर..

Auction of seized vehicles in East Champaran
जब्त वाहनों की नीलामी
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Published : Dec 25, 2021, 12:04 AM IST

पूर्वी चंपारण (मोतिहारी): उत्पाद अधिनियम के तहत पूर्वी चंपारण जिले के विभिन्न थाना और उत्पाद थाना में जब्त वाहनों की दो दिनों तक चली नीलामी (Auction Of Seized Vehicles In Motihari) समाप्त हो गई है. वाहनों की नीलामी में खूब 'खेल' हो रहा है. जिसमें उत्पाद विभाग के कर्मियों की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं. नीलामी के दौरान मौजूद लोगों के बीच आपस में ही कई बार झड़प भी हुई है. नीलामी में संगठित गिरोहों के लोग काफी सक्रिय दिखे. जिस कारण आम लोग बोली लगाने के दौरान सक्रिय सिंडिकेट के भंवरजाल में फंस कर रह गए.

यह भी पढ़ें - पूर्णिया में परिवहन विभाग की 28 पुरानी बसों की नीलामी से जगी नई बसों की उम्मीद

नीलामी की प्रक्रिया सदर एसडीओ सुमन सौरभ यादव के नेतृत्व में हुई. एसडीओ सुमन सौरभ यादव ने बताया कि दो दिनों तक चली वाहनों की नीलामी में कुल 688 समूह थे. जिसमें 365 समूह के बीड प्राप्त हुए है. बताया जाता है कि जिन पर उत्पाद अधिनियम के तहत उपर केस दर्ज हैं, वैसे लोगों ने भी नीलामी में हिस्सा लिया है. वैसे लोगों के नीलामी में हिस्सा लेने के मामले में सदर एसडीओ ने जांच की बात कही है.

देखें वीडियो

उत्पाद अधिनियम के तहत जब्त वाहनों की नीलामी के लिए 23 और 24 दिसंबर की तिथि निर्धारित की गई थी. जिसमें हिस्सा लेने वालों के लिए 20 दिसंबर तक फॉर्म जमा करने की तिथि निर्धारित थी लेकिन नीलामी में कुछ संगठित गिरोहों के हिस्सा लेने से नीलामी प्रक्रिया पर लोग सवाल उठाने लगे हैं. साथ ही नीलामी में हिस्सा लेने वाले लोगों से चेक के बदले लाखों रुपये कैश उत्पाद विभाग ने स्वीकार किया है. जिस कारण इस नीलामी प्रक्रिया के पारदर्शिता पर उत्पाद विभाग के कर्मी सवाल खड़े करने को विवश कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें - नीलामी में गये युवक से ठगी, सोने का बताकर दे दिये पीतल के जेवर

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पूर्वी चंपारण (मोतिहारी): उत्पाद अधिनियम के तहत पूर्वी चंपारण जिले के विभिन्न थाना और उत्पाद थाना में जब्त वाहनों की दो दिनों तक चली नीलामी (Auction Of Seized Vehicles In Motihari) समाप्त हो गई है. वाहनों की नीलामी में खूब 'खेल' हो रहा है. जिसमें उत्पाद विभाग के कर्मियों की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं. नीलामी के दौरान मौजूद लोगों के बीच आपस में ही कई बार झड़प भी हुई है. नीलामी में संगठित गिरोहों के लोग काफी सक्रिय दिखे. जिस कारण आम लोग बोली लगाने के दौरान सक्रिय सिंडिकेट के भंवरजाल में फंस कर रह गए.

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नीलामी की प्रक्रिया सदर एसडीओ सुमन सौरभ यादव के नेतृत्व में हुई. एसडीओ सुमन सौरभ यादव ने बताया कि दो दिनों तक चली वाहनों की नीलामी में कुल 688 समूह थे. जिसमें 365 समूह के बीड प्राप्त हुए है. बताया जाता है कि जिन पर उत्पाद अधिनियम के तहत उपर केस दर्ज हैं, वैसे लोगों ने भी नीलामी में हिस्सा लिया है. वैसे लोगों के नीलामी में हिस्सा लेने के मामले में सदर एसडीओ ने जांच की बात कही है.

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उत्पाद अधिनियम के तहत जब्त वाहनों की नीलामी के लिए 23 और 24 दिसंबर की तिथि निर्धारित की गई थी. जिसमें हिस्सा लेने वालों के लिए 20 दिसंबर तक फॉर्म जमा करने की तिथि निर्धारित थी लेकिन नीलामी में कुछ संगठित गिरोहों के हिस्सा लेने से नीलामी प्रक्रिया पर लोग सवाल उठाने लगे हैं. साथ ही नीलामी में हिस्सा लेने वाले लोगों से चेक के बदले लाखों रुपये कैश उत्पाद विभाग ने स्वीकार किया है. जिस कारण इस नीलामी प्रक्रिया के पारदर्शिता पर उत्पाद विभाग के कर्मी सवाल खड़े करने को विवश कर रहे हैं.

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