मोतिहारी: कामयाबी कभी उम्र की मोहताज नहीं होती. मोतिहारी के आदित्य राज ने इस वाक्य को सच कर दिखाया है. शहर के पंचमंदिर मुहल्ले के रहने वाले आदित्य राज ने थाईलैंड के लोकप्रिय खेल 'मय थाई' में वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतकर अपने परिवार समेत देश का नाम रोशन कर दिया है.
आदित्य के मोतिहारी लौटने पर उसका जोरदार स्वागत किया गया. पूरे परिवार में हर्ष का माहौल है. वहीं, चैंपियन आदित्य के घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. बता दें कि अब आदित्य का अगला लक्ष्य वर्ल्ड एथेलेटिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व करके मेडल जीतने का है.
अन्तरर्राष्ट्रीय ओलंपिक है आदित्य का लक्ष्य
दरअसल, कंबोडिया में विगत 19 दिसंबर से 22 दिसंबर तक 'मय थाई' विश्व चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था. जहां 14 साल के आदित्य ने भारत का प्रतिनिधित्व किया. मय थाई वर्ल्ड चैंपियनशिप में 35 देशों के खिलाड़ियों ने भाग लिया था. जिसमें आदित्य ने अपने ग्रुप के सभी खिलाड़ियों को पछाड़ते हुए चीन के खिलाड़ी को हराकर फाइनल में पहुंचा और रजत पदक जीता. आदित्य ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार को दिया. उसने बताया कि उसका अगला लक्ष्य वह विश्व ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर देश के लिए मेडल लाना है.
मां की आखों में थे खुशी के आंसू
आदित्य की मां के अलावा परिवार के महिलाओं ने माला पहनाकर और मिठाई खिलाकर उसका स्वागत किया. आदित्य की मां के आंखों में खुशी के आंसू अपने चैंपियन बेटे के स्वागत करने के दौरान छुपाए नहीं छुप रहे थे. उन्होंने बताया कि वे आदित्य को कभी भी खेलने से नहीं रोका और वह पढ़ाई के साथ-साथ अपने खेल में भी फोकस करता था.
बड़े पापा का मिला सबसे अधिक सहयोग
आदित्य को उसके बड़े पापा रामबाबू प्रसाद का सबसे अधिक सहयोग मिला. बता दें कि आदित्य परिवार वालों के सहयोग से सफलता की सीढ़ी चढ़ता गया. आदित्य के सिल्वर मेडल के साथ लौटने पर रामबाबू प्रसाद काफी खुश थे. उन्होंने कहा कि आज उनका सपना पूरा हुआ है.
आठवें वर्ग का छात्र हैं आदित्य
बता दें कि आदित्य शहर के डीएवी स्कूल में आठवें वर्ग का छात्र है. वह साल 2015 में अपने उम्र वर्ग में मय थाई का जिला चैंपियन बना. साथ हीं 2015 में हीं स्टेट लेवल के खेल में उसने जीत का परचम लहराया. साल 2016 में आदित्य मय थाई का नेशनल चैंपियन बना. उसके बाद 2017 में आदित्य ने अपने आयुवर्ग में अंतर्राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीतकर अपनी मंशा जता दी. लिहाजा, कंबोडिया में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप में अंडर फोर्टीन में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए सिल्वर मेडल जीता.