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थाइलैंड में बिहार के आदित्य ने लहराया तिरंगा, पूरा देश है गदगद

आदित्य ने अपने ग्रुप के सभी खिलाड़ियों को पछाड़ते हुए चीन के खिलाड़ी को हराकर फाइनल में पहुंचा और रजत पदक जीता. आदित्य ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार को दिया.

आदित्य
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Published : Jan 1, 2020, 11:03 PM IST

मोतिहारी: कामयाबी कभी उम्र की मोहताज नहीं होती. मोतिहारी के आदित्य राज ने इस वाक्य को सच कर दिखाया है. शहर के पंचमंदिर मुहल्ले के रहने वाले आदित्य राज ने थाईलैंड के लोकप्रिय खेल 'मय थाई' में वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतकर अपने परिवार समेत देश का नाम रोशन कर दिया है.

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परिजनों में खुशी की लहर

आदित्य के मोतिहारी लौटने पर उसका जोरदार स्वागत किया गया. पूरे परिवार में हर्ष का माहौल है. वहीं, चैंपियन आदित्य के घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. बता दें कि अब आदित्य का अगला लक्ष्य वर्ल्ड एथेलेटिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व करके मेडल जीतने का है.

अन्तरर्राष्ट्रीय ओलंपिक है आदित्य का लक्ष्य
दरअसल, कंबोडिया में विगत 19 दिसंबर से 22 दिसंबर तक 'मय थाई' विश्व चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था. जहां 14 साल के आदित्य ने भारत का प्रतिनिधित्व किया. मय थाई वर्ल्ड चैंपियनशिप में 35 देशों के खिलाड़ियों ने भाग लिया था. जिसमें आदित्य ने अपने ग्रुप के सभी खिलाड़ियों को पछाड़ते हुए चीन के खिलाड़ी को हराकर फाइनल में पहुंचा और रजत पदक जीता. आदित्य ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार को दिया. उसने बताया कि उसका अगला लक्ष्य वह विश्व ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर देश के लिए मेडल लाना है.

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आदित्य को मिठाई खिलाते परिजन

मां की आखों में थे खुशी के आंसू
आदित्य की मां के अलावा परिवार के महिलाओं ने माला पहनाकर और मिठाई खिलाकर उसका स्वागत किया. आदित्य की मां के आंखों में खुशी के आंसू अपने चैंपियन बेटे के स्वागत करने के दौरान छुपाए नहीं छुप रहे थे. उन्होंने बताया कि वे आदित्य को कभी भी खेलने से नहीं रोका और वह पढ़ाई के साथ-साथ अपने खेल में भी फोकस करता था.

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माला पहनाकर आदित्य का हुआ स्वागत

बड़े पापा का मिला सबसे अधिक सहयोग
आदित्य को उसके बड़े पापा रामबाबू प्रसाद का सबसे अधिक सहयोग मिला. बता दें कि आदित्य परिवार वालों के सहयोग से सफलता की सीढ़ी चढ़ता गया. आदित्य के सिल्वर मेडल के साथ लौटने पर रामबाबू प्रसाद काफी खुश थे. उन्होंने कहा कि आज उनका सपना पूरा हुआ है.

मोतिहारी से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

आठवें वर्ग का छात्र हैं आदित्य
बता दें कि आदित्य शहर के डीएवी स्कूल में आठवें वर्ग का छात्र है. वह साल 2015 में अपने उम्र वर्ग में मय थाई का जिला चैंपियन बना. साथ हीं 2015 में हीं स्टेट लेवल के खेल में उसने जीत का परचम लहराया. साल 2016 में आदित्य मय थाई का नेशनल चैंपियन बना. उसके बाद 2017 में आदित्य ने अपने आयुवर्ग में अंतर्राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीतकर अपनी मंशा जता दी. लिहाजा, कंबोडिया में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप में अंडर फोर्टीन में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए सिल्वर मेडल जीता.

मोतिहारी: कामयाबी कभी उम्र की मोहताज नहीं होती. मोतिहारी के आदित्य राज ने इस वाक्य को सच कर दिखाया है. शहर के पंचमंदिर मुहल्ले के रहने वाले आदित्य राज ने थाईलैंड के लोकप्रिय खेल 'मय थाई' में वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतकर अपने परिवार समेत देश का नाम रोशन कर दिया है.

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परिजनों में खुशी की लहर

आदित्य के मोतिहारी लौटने पर उसका जोरदार स्वागत किया गया. पूरे परिवार में हर्ष का माहौल है. वहीं, चैंपियन आदित्य के घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. बता दें कि अब आदित्य का अगला लक्ष्य वर्ल्ड एथेलेटिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व करके मेडल जीतने का है.

अन्तरर्राष्ट्रीय ओलंपिक है आदित्य का लक्ष्य
दरअसल, कंबोडिया में विगत 19 दिसंबर से 22 दिसंबर तक 'मय थाई' विश्व चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था. जहां 14 साल के आदित्य ने भारत का प्रतिनिधित्व किया. मय थाई वर्ल्ड चैंपियनशिप में 35 देशों के खिलाड़ियों ने भाग लिया था. जिसमें आदित्य ने अपने ग्रुप के सभी खिलाड़ियों को पछाड़ते हुए चीन के खिलाड़ी को हराकर फाइनल में पहुंचा और रजत पदक जीता. आदित्य ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार को दिया. उसने बताया कि उसका अगला लक्ष्य वह विश्व ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर देश के लिए मेडल लाना है.

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आदित्य को मिठाई खिलाते परिजन

मां की आखों में थे खुशी के आंसू
आदित्य की मां के अलावा परिवार के महिलाओं ने माला पहनाकर और मिठाई खिलाकर उसका स्वागत किया. आदित्य की मां के आंखों में खुशी के आंसू अपने चैंपियन बेटे के स्वागत करने के दौरान छुपाए नहीं छुप रहे थे. उन्होंने बताया कि वे आदित्य को कभी भी खेलने से नहीं रोका और वह पढ़ाई के साथ-साथ अपने खेल में भी फोकस करता था.

motihari
माला पहनाकर आदित्य का हुआ स्वागत

बड़े पापा का मिला सबसे अधिक सहयोग
आदित्य को उसके बड़े पापा रामबाबू प्रसाद का सबसे अधिक सहयोग मिला. बता दें कि आदित्य परिवार वालों के सहयोग से सफलता की सीढ़ी चढ़ता गया. आदित्य के सिल्वर मेडल के साथ लौटने पर रामबाबू प्रसाद काफी खुश थे. उन्होंने कहा कि आज उनका सपना पूरा हुआ है.

मोतिहारी से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

आठवें वर्ग का छात्र हैं आदित्य
बता दें कि आदित्य शहर के डीएवी स्कूल में आठवें वर्ग का छात्र है. वह साल 2015 में अपने उम्र वर्ग में मय थाई का जिला चैंपियन बना. साथ हीं 2015 में हीं स्टेट लेवल के खेल में उसने जीत का परचम लहराया. साल 2016 में आदित्य मय थाई का नेशनल चैंपियन बना. उसके बाद 2017 में आदित्य ने अपने आयुवर्ग में अंतर्राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीतकर अपनी मंशा जता दी. लिहाजा, कंबोडिया में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप में अंडर फोर्टीन में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए सिल्वर मेडल जीता.

Intro:Update

"आदित्य बर्ष 2015 में अपने आयु वर्ग में "मय थाई" का जिला चैंपियन बना।साथ हीं 2015 में हीं स्टेट लेवल और बर्ष 2016 में नेशनल चैंपियन बना।बर्ष 2017 में आदित्य ने अपने आयुवर्ग में अंतर्राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीता और कंबोडिया में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप में अंडर फोर्टीन में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए सिल्वर मेडल जीता।उसका लक्ष्य ओलंपिक खेलने का है।"


मोतिहारी।छोटी सी उम्र में विश्व चैंपियन बनकर लौटे मोतिहारी के आदित्य राज और उनके परिवार की झोली में बर्ष 2019 का साल ढ़ेरों खुशियां देकर विदा हो रहा है।शहर के पंचमंदिर मुहल्ले में अपने परिवार के साथ रहने वाले आदित्य ने थाईलैंड के लोकप्रिय खेल "मय थाई" के कंबोडिया में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतकर अपने परिवार समेत देश का भी नाम रौशन किया है।आदित्य का अगला लक्ष्य वर्ल्ड एथेलेटिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व करके मेडल जीतने का है। आदित्य के मोतिहारी लौटने पर उसका जोरदार स्वागत किया गया।उसके परिवार में हर्ष का माहौल है।आदित्य के घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।

"अन्तर्राष्ट्रीय ओलंपिक है आदित्य का लक्ष्य"

वीओ....कंबोडिया में विगत 19 दिसंबर से 22 दिसंबर तक "मय थाई" विश्व चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था।जहां चौदह बर्ष के आयु वर्ग में आदित्य ने भारत का प्रतिनिधित्व किया था।मय थाई वर्ल्ड चैंपियनशिप में 35 देशों के खिलाड़ियों ने भाग लिया था।जिसमें आदित्य ने अपने ग्रुप के सभी खिलाड़ियों को पछाड़ते हुए चीन के खिलाड़ी को हराकर फाईनल में पहुंचा और रजत पदक जीता।वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत के लिए रजत पदक जीतने वाले आदित्य ने बताया कि वह पढ़ाई के साथ-साथ 'मय थाई' गेम का भी प्रशिक्षण ले रहा था।आदित्य ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार को दिया।उसने बताया कि उसका लक्ष्य है कि वह विश्व ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए देश के लिए मेडल लेकर आए।

बाईट.....आदित्य राज....विश्व चैंपियन


Body:"माँ की आखों में थे खुशी के आंसू"

वीओ...2..."मय थाई" में मेडल लेकर घर पहुंचने पर आदित्य का स्वागत किया गया।आदित्य की माँ के अलावा परिवार के महिलाओं ने माला पहनाया और मिठाई खिलाकर उसका स्वागत किया।आदित्य की माँ अनुराधा देवी के आंखों के खुशी के आंसू अपने चैंपियन बेटे के स्वागत करने के दौरान छुपाए नहीं छुप रही थी।उन्होने बताया कि उन्होने आदित्य को कभी भी खेलने से नहीं रोका और वह पढ़ाई के साथ-साथ अपने खेल को भी जारी रखे हुए था।

बाईट....अनुराधा देवी...आदित्य की माँ


Conclusion:"बड़े पापा का मिला सबसे अधिक सहयोग"

वीओ...3...आदित्य को उपके बड़े पापा रामबाबू प्रसाद का सबसे अधिक सहयोग मिला।शुरु में आदित्य की रुची को देख परिवार के लोगों को गुड़ का व्यवसाय करने वाले रामबाबू प्रसाद ने समझाया।उसके बाद आदित्य परिवार वालों के सहयोग से सफलता की सीढ़ी चढ़ता गया।आदित्य का सिल्वर मेडल के साथ लौटने पर रामबाबू प्रसाद काफी खुश थे।उन्होने कहा कि आज उनका सपना पुरा हुआ है।

बाईट....रामबाबू प्रसाद....आदित्य के बड़े पापा

"आठवें वर्ग का छात्र है आदित्य"

वीओएफ....."मय थाई" के वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जितने वाले आदित्य शहर के डीएवी स्कूल में आठवें वर्ग के छात्र है।वह बर्ष 2015 में अपने आयु वर्ग में "मय थाई" का जिला चैंपियन बने।साथ हीं 2015 में हीं स्टेट लेवल के खेल में उसने जीत का परचम लहराया।बर्ष 2016 में आदित्य 'मय थाई' का नेशनल चैंपियन बना।फिर उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा और बर्ष 2017 में आदित्य ने अपने आयुवर्ग में अंतर्राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीतकर अपनी मंशा जता दी।लिहाजा,कंबोडिया में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप में अंडर फोर्टीन में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए सिल्वर मेडल जीता।
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