दरभंगा: देशभर में सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर विरोध जारी है. वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने सीएए और एनपीआर के विरोध करने वाले को आमंत्रण दिया है. ऐसे में यंग इंडिया कमेटी ने कहा कि शाहिन बाग के आंदोलनकारी गृह मंत्री के बुलावे का स्वागत करते हैं. लेकिन सीएए कानून हटाने पर ही बात होनी चाहिए.
लोगों को जुटाने में जुटी कमेटी
कमेटी के सदस्य और जेएनयू छात्र संघ के महासचिव सतीश चंद्र यादव ने कहा कि एनआरसी, सीएए और एनपीआर के खिलाफ बनी यंग इंडिया को-ऑर्डिनेशन कमेटी की ओर से तीन मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक विशाल रैली का आयोजन होगा. इसमें देश भर के एक लाख लोगों को जुटाने की कोशिश है. उन्होंने कहा कि इसी के लिए हम बिहार के अलग-अलग जिलों में धरना स्थलों पर जाकर लोगों को दिल्ली चलने का बुलावा दे रहे हैं.
'नागरिकता छीन रही सरकार'
जेएनयू की पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष गीता कुमारी ने कहा कि सरकार पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को नागरिकता दे रही है, इससे कोई दिक्कत नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार को श्रीलंका के तमिलों और नेपाल-भूटान के अल्पसंख्यकों को भी नागरिकता देनी चाहिए. लेकिन एनआरसी के नाम पर सरकार अपने ही लाखों देशवासियों की नागरिकता छीन रही है.
'शाहीन बाग की हुई जीत'
जेएनयू छात्र ने कहा कि ये शाहीन बाग के आंदोलनकारियों की जीत है कि सरकार उन्हें बातचीत के लिए बुला रही है. वहीं, जेएनयू छात्र संघ के पूर्व कन्वेनर मो. कासिम ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने एक भी इंच पीछे नहीं हटने की बात कही थी. अब वे शाहीन बाग के आंदोलनकारियों से बातचीत करने को तैयार हो गए हैं.