दरभंगा: दरभंगा (Darbhanga) जीआरपी (GRP) के थाना प्रभारी हारून रसीद की गोद में खेल रही इस तीन साल की बच्ची का नाम राधिका है. उसे पता नहीं कि जिस मां की गोद में सवार होकर ट्रेन यात्रा पर निकली थी वह बीच सफर में ही दुनिया छोड़ गई. मां की मौत से बेखबर बच्ची पुलिसकर्मियों के साथ खेल रही है. पूछने पर अपना और अपने पिता का नाम तो बताती है, लेकिन मां का नाम नहीं बता पाती. उसे घर का पता भी याद नहीं.
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मां की हो गई मौत
राधिका की मां बेटी के साथ स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस (Swatantrata Senani Express) में सफर कर रही थी. यात्रा के दौरान महिला की तबीयत बिगड़ गई. सहयात्रियों के सहयोग से उसे मधुबनी जिले के सकरी रेलवे स्टेशन पर इलाज के लिए उतारा गया. सकरी रेलवे स्टेशन दरभंगा जीआरपी के क्षेत्राधिकार में आता है. इसलिए जीआरपी के अधिकारियों ने महिला को इलाज के लिए मधुबनी के पंडौल पीएचसी भेजा. वहां से डॉक्टरों ने महिला को बेहतर इलाज के लिए मधुबनी सदर अस्पताल रेफर कर दिया. सदर अस्पताल पहुंचते-पहुंचते महिला ने दम तोड़ दिया.
महिला के पास नहीं था टिकट
"महिला के पास से कोई टिकट नहीं मिला है. इसलिए उसकी पहचान नहीं हो सकी है. महिला की पहचान की कोशिश की जा रही है. बच्ची अपना नाम राधिका और पिता का नाम रंजीत बताती है. मां का नाम उसे याद नहीं है. बच्ची को अपने घर का पता नहीं मालूम है. बच्ची को चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया गया है."- हारून रसीद, जीआरपी थाना प्रभारी, दरभंगा
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