दरभंगाः बिहार के दरभंगा जिले के डीएमसीएच (DMCH) अस्पताल की लिफ्ट में एक महिला तीन घंटे तक फंसी रही (Woman Stucked in DMCH Lift). महिला रूबी परवीन समस्तीपुर के मथुरापुर से अपने बच्चे का इलाज कराने डीएमसीएच पहुंची थी. लेकिन बुधवार की सुबह उसकी जान जाते-जाते बची. तीन घंटे तक लिफ्ट में फंसी रही रूबी छठी मंजिल से चिल्लाती रही, लिफ्ट के गेट को खटखटाती रही, लेकिन किसी ने उसे नहीं निकाला. इतना ही नहीं, महिला की मां को जब उसके लिफ्ट में फंसे होने की बात पता चली तो वह भी बेचैन हो गई. अस्पताल में हर किसी से उसे बाहर निकालने की गुहार लगाती रही. लेकिन किसी ने नहीं सुनी. घटना शुक्रवार सुबह करीब चार बजे की है.
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लिफ्ट में फंसने के तीन घंटे के बाद अस्पताल के टेक्नीशियन सुबह सात बजे के करीब आसपास पहुंचे. काफी देर तक लिफ्ट को ठीक किया. उसके बाद रूबी लिफ्ट से बाहर निकल सकी. इस दौरान रूबी को ऐसा लग रहा था, जैसे वह एक काल कोठरी में बंद है. ना कोई उसकी आवाज सुन रहा था और ना ही सुबह के चार बजे कोई उसे ढूंढने आ रहा था. लिफ्ट के गेट में ग्रिल ना होने की वजह से कोई उसे देख भी नहीं सकता था. वहीं, लोगों ने बताया कि जब टेक्नीशियन को पता चला कि छठी मंजिल पर कोई लिफ्ट में फंस गया है, तो वह अस्पताल पहुंचा और फिर उसने लिफ्ट को ठीक किया.
इस घटना को लेकर अस्पताल प्रशासन मौन है. पीड़ित महिला रूबी परवीन ने बताया कि वह सातवीं मंजिल पर अपने बच्चे को लेकर भर्ती है. वहां पीने का पानी नहीं है. डीएमसीएच में ग्राउंड फ्लोर पर पीने का पानी मिलता है. वह पानी लाने गई थी और लिफ्ट से अकेली वापस सातवीं मंजिल पर लौट रही थी. इसी दौरान छठी मंजिल पर पहुंच कर लिफ्ट अचानक रुक गई. उसके बाद वह लगातार रोती-चिल्लाती रही, दरवाजा पीटती रही लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं सुनी. इस दौरान उसे काफी घबराबहट हो रही थी. उसने बताया कि तीन घंटे बाद उसे लिफ्ट से निकाला गया, तब जाकर उसकी जान बच सकी.
पीड़ित महिला की मां सैयदी बेगम ने बताया कि किसी लड़के ने उसे सूचना दी कि कोई लिफ्ट में फंसा हुआ है. उसने अस्पताल के बेड और बाथरूम में जाकर देखा तो उसकी बेटी वहां नहीं थी. उसके बाद उनकी घबराहट बढ़ गई. वह बदहवाश होकर इधर-उधर खोजने लगी लेकिन बेटी नहीं मिली. आखिरकार पता चला कि उसकी बेटी ही लिफ्ट में फंसी हुई है. उसके बाद वह रो-रो कर लोगों से गुहार लगाती रही लेकिन किसी ने उसकी फरियाद नहीं सुनी. आखिरकार तीन घंटे बाद उसकी बेटी को लिफ्ट से निकाला जा सका.
वहां मौजूद सुरेश ठाकुर ने बताया कि वे भी छठी मंजिल पर इलाज करवा रहे हैं. सुबह करीब चार बजे उन्हें पता चला कि एक महिला लिफ्ट में फंस गई है. करीब साढ़े सात बजे उसे निकाला जा सका. उन्होंने कहा कि वे लोग छठी मंजिल पर भर्ती हैं और यहां पीने का पानी उपलब्ध नहीं है. पानी लाने के लिए लिफ्ट से नीचे जाना पड़ता है. डर के मारे वे नहीं जाते हैं क्योंकि बुजुर्ग हैं. उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन को यह व्यवस्था सुधारनी चाहिए.
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