दरभंगा: बिहार के दरभंगा में साइनस का ऑपरेशन करवाना एक महिला को भारी पड़ गया है. जिले के बेता स्थित पन्ना यूरो एन्ड इएनटी अस्पताल में साइनस का इलाज कराने गई एक महिला की ऑपरेशन के बाद बायें आंख की रोशनी चली गई है. जिसके बाद मरीज के परिजन ने अस्पताल में जमकर बबाल काटते हुए इस घटना की लिखित शिकायत लहेरियासराय थाना की है. मधुबनी जिला के झंझारपुर थाना क्षेत्र के बेहट गांव निवासी रेखा देवी के भाई अरुण कुमार राय ने बेता स्थित पन्ना यूरो एंड इएनटी अस्पताल में डॉ मोना सरावगी के यहां 19 मई को उसे भर्ती कराया था. साइनस के ऑपरेशन के लिए डॉक्टर ने सभी प्रकार के जांच कराने के बाद कहा था कि मरीज के दाहिने नाक का ऑपरेशन होगा.
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महिला की बाएं आंख की रौशनी समाप्त: मरीज रेखा देवी के भाई अरुण कुमार राय ने कहा कि डॉक्टर की सलाह के बाद हमलोगों ऑपरेशन के लिए तैयार हो गए और डॉ मोना सरावगी ने नाक का ऑपरेशन किया. ऑपरेशन के बाद से ही मेरी विधवा बहन के बाएं आंख की रौशनी समाप्त हो गई है. आंख की रौशनी चले जाने के कारण वह डिप्रेशन में चली गई है. महिला सिलाई-कढ़ाई करके किसी प्रकार अपनी रोजी-रोटी चलाती थी. ऐसे में डॉक्टर की लापरवाही के कारण एक आंख की रौशनी चले जाने से उसकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ हुआ है. इसकी शिकायत उन्होंने थाना में कर दी है.
"डॉक्टर की सलाह के बाद हमलोगों ऑपरेशन के लिए तैयार हो गए और डॉ मोना सरावगी ने नाक का ऑपरेशन किया. ऑपरेशन के बाद से ही मेरी विधवा बहन के बाएं आंख की रौशनी समाप्त हो गई है. आंख की रौशनी चले जाने के कारण वह डिप्रेशन में चली गई है. महिला सिलाई-कढ़ाई करके किसी प्रकार अपनी रोजी-रोटी चलाती थी" - अरुण कुमार राय, मरीज का भाई
डॉक्टर ने आरोपों को बताया निराधार: वहीं पन्ना यूरो एंड इएनटी अस्पताल की डॉक्टर मोना सरावगी ने अपने ऊपर लगाए गए आरोप को निराधार बताया है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के इलाज में काफी रिस्क होता है. मेडिकल साइंस के मुताबिक भी आंखों की रौशनी जाने का अंदेशा रहता है. ऑपरेशन से पहले इस बात की जानकारी रोगी एवं परिजन को दे दी गई थी. उन्होंने आगे कहा कि ऑपरेशन के बाद जब मरीज की एक आंख की रौशनी चली गई तो हमलोगों ने तुरंत मरीज को आंख विशेषज्ञ के पास भेजकर जांच करवाई. चेकअप के दौरान पता चला कि आंख में किसी प्रकार की समस्या नहीं है. 15 दिनों में आंख की रौशनी वापस आ जायेगी और इलाज का खर्चा अस्पताल स्वयं वहन कर रही है.
"इस प्रकार के इलाज में काफी रिस्क होता है. मेडिकल साइंस के मुताबिक भी आंखों की रौशनी जाने का अंदेशा रहता है. ऑपरेशन से पहले इस बात की जानकारी रोगी एवं परिजन को दे दी गई थी. 15 दिनों में आंख की रौशनी वापस आ जायेगी और इलाज का खर्चा अस्पताल स्वयं वहन कर रही है."- डॉ. मोना सरावगी, पन्ना यूरो एंड इएनटी अस्पताल