ETV Bharat / state

दरभंगा: जल संकट की इस घड़ी में वरदान साबित हो रहा है कुआं - वरदान

इस भीषण जल संकट के समय में लहेरियासराय के अभंडा स्थित कुम्हार टोला के लगभग सौ परिवारवालों के लिए सालों पुराना कुआं वरदान साबित हो रहा है. वहां, के लोग इस कुएं के पानी पर पूरी तरह से निर्भर हैं.

सालों पुराना कुआं
author img

By

Published : Jun 18, 2019, 12:08 PM IST

Updated : Jun 18, 2019, 1:13 PM IST

दरभंगा: मिथिलांचल की राजधानी माने जाने वाली दरभंगा जिला की पहचान कभी पग-पग पोखर, माछ और मखान के रूप किया जाता था. लेकिन भीषण गर्मी और भूजलस्तर नीचे चले जाने से यह मिथक पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है. भीषण गर्मी के कारण जल संकट के हालात ये हैं कि शहरी क्षेत्र के लगभग हर घर के चापाकल सूख हो चुके हैं. लोग बूंद-बूंद पानी के लिए परेशान हैं.

पानी की समस्या को देखते हुए नगर निगम की ओर से पानी के टैंकर भेजे जा रहे हैं. इसी से लोग अपनी प्यास बुझाते हैं. लेकिन अन्य दैनिक कार्यों के लिए पानी की भारी समस्या है. वहीं, इस भीषण जल संकट के समय में लहेरियासराय के अभंडा स्थित कुम्हार टोला के लगभग सौ परिवारवालों के लिए सालों पुराना कुआं वरदान साबित हो रहा है. वहां, के लोग इस कुआं के पानी से पीने और खाना बनाने के अलावा अन्य सभी काम करते हैं. वहीं, अन्य मुहल्ले के लोग जिनका घर कुआं के आसपास पड़ता है, वे लोग भी अपने दैनिक कार्य के लिए कुएं के पानी का उपयोग करते हैं.

सौ से ज्यादा घरों का चलता है इस कुंए से काम
स्थानीय निवासी लक्ष्मी पंडित ने कहा कि इस कुआं के पानी से सौ घरों का काम चल रहा है. कुआं के पानी से हम लोग खाना बनाने से लेकर सभी कामों में इस्तेमाल करते हैं. वर्तमान में इससे अच्छा पानी कहीं नहीं मिल पा रहा है. वहीं, उन्होंने कहा कि इस मोहल्ले में पाइप लाइन का कार्य नहीं हुआ है. नगर निगम के पानी का टैंकर भी समय पर नहीं आता है. लेकिन जब कभी आता है तो किसी को पानी मिलता है और किसी को नहीं भी मिलता है.

लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा कुआं

हाजारों साल पुराना है कुंआं
सतीलाल पंडित का कहना है कि यह कुआं सौ वर्षों से भी ज्यादा पुराना है. अभी इस भीषण गर्मी में जिले में जो पानी की समस्या है ऐसे में हमलोग इसी कुएं के पानी पर निर्भर हैं. उसने कहा कि सरकारी स्तर पर अभी तक हम लोगों को ना तो चापाकल ही मिला है और ना ही हमारे क्षेत्र में पाइप लाइन बिछी है. किसी भी नेताओं का ध्यान इस ओर नहीं है. वह सब सिर्फ वोट मांगने के लिए आते हैं. साथ ही उसने कहा कि कुआं काफी पुराना है और बहुत दिनों से इसकी मरम्मत नहीं हुई है. जिला प्रशासन से इसकी मरम्मत करवाने का गुहार लगाया है.

मनरेगा के तहत किया जायेगा मरम्मत का कार्य- डीएम
इस मामले पर जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन ने कहा कि जिले में बचे हुए कुआं को चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है. मनरेगा के तहत उनकी मरम्मत करवाई जायेगी और बहुत जल्द ही मरम्मत का कार्य पूरा कर लिया जायेगा.

दरभंगा: मिथिलांचल की राजधानी माने जाने वाली दरभंगा जिला की पहचान कभी पग-पग पोखर, माछ और मखान के रूप किया जाता था. लेकिन भीषण गर्मी और भूजलस्तर नीचे चले जाने से यह मिथक पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है. भीषण गर्मी के कारण जल संकट के हालात ये हैं कि शहरी क्षेत्र के लगभग हर घर के चापाकल सूख हो चुके हैं. लोग बूंद-बूंद पानी के लिए परेशान हैं.

पानी की समस्या को देखते हुए नगर निगम की ओर से पानी के टैंकर भेजे जा रहे हैं. इसी से लोग अपनी प्यास बुझाते हैं. लेकिन अन्य दैनिक कार्यों के लिए पानी की भारी समस्या है. वहीं, इस भीषण जल संकट के समय में लहेरियासराय के अभंडा स्थित कुम्हार टोला के लगभग सौ परिवारवालों के लिए सालों पुराना कुआं वरदान साबित हो रहा है. वहां, के लोग इस कुआं के पानी से पीने और खाना बनाने के अलावा अन्य सभी काम करते हैं. वहीं, अन्य मुहल्ले के लोग जिनका घर कुआं के आसपास पड़ता है, वे लोग भी अपने दैनिक कार्य के लिए कुएं के पानी का उपयोग करते हैं.

सौ से ज्यादा घरों का चलता है इस कुंए से काम
स्थानीय निवासी लक्ष्मी पंडित ने कहा कि इस कुआं के पानी से सौ घरों का काम चल रहा है. कुआं के पानी से हम लोग खाना बनाने से लेकर सभी कामों में इस्तेमाल करते हैं. वर्तमान में इससे अच्छा पानी कहीं नहीं मिल पा रहा है. वहीं, उन्होंने कहा कि इस मोहल्ले में पाइप लाइन का कार्य नहीं हुआ है. नगर निगम के पानी का टैंकर भी समय पर नहीं आता है. लेकिन जब कभी आता है तो किसी को पानी मिलता है और किसी को नहीं भी मिलता है.

लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा कुआं

हाजारों साल पुराना है कुंआं
सतीलाल पंडित का कहना है कि यह कुआं सौ वर्षों से भी ज्यादा पुराना है. अभी इस भीषण गर्मी में जिले में जो पानी की समस्या है ऐसे में हमलोग इसी कुएं के पानी पर निर्भर हैं. उसने कहा कि सरकारी स्तर पर अभी तक हम लोगों को ना तो चापाकल ही मिला है और ना ही हमारे क्षेत्र में पाइप लाइन बिछी है. किसी भी नेताओं का ध्यान इस ओर नहीं है. वह सब सिर्फ वोट मांगने के लिए आते हैं. साथ ही उसने कहा कि कुआं काफी पुराना है और बहुत दिनों से इसकी मरम्मत नहीं हुई है. जिला प्रशासन से इसकी मरम्मत करवाने का गुहार लगाया है.

मनरेगा के तहत किया जायेगा मरम्मत का कार्य- डीएम
इस मामले पर जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन ने कहा कि जिले में बचे हुए कुआं को चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है. मनरेगा के तहत उनकी मरम्मत करवाई जायेगी और बहुत जल्द ही मरम्मत का कार्य पूरा कर लिया जायेगा.

Intro:मिथिलांचल की राजधानी माने जाने वाली दरभंगा की पहचान कभी पग पग पोखरी माछ मखान के रूप में थे। लेकिन भीषण गर्मी व भूगर्भीय जलस्तर नीचे चले जाने से इस मिथक को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है। वर्तमान में उत्पन्न भीषण जल संकट के कारण स्थिति यह हो गई है, कि शहरी क्षेत्र के लगभग घर के चापाकल ठप हो चुके हैं। लोग बूंद-बूंद पानी के लिए परेशान हैं और नगर निगम की ओर से भेजे जा रहे टैंकर से मिलने वाली पानी से लोग प्यास तो बुझा लेते हैं। लेकिन अन्य दैनिक कार्यों के लिए पानी एक विकट समस्या बन गई है। ऐसे में जब प्यासे लोगों का गला सूखने लगा तो वर्षों से अपेक्षित रहें, कुआं व पोखर की याद लोगो को आने लगी है।




Body:दरअसल जल संकट से निपटने के लिए नगर निगम की ओर से समरसेबल लगाकर पाइप से स्टैंड पोर्ट को जोड़ दिया गया है। जहां ऐसी व्यवस्था की गई है वहां के लोगों की परेशानी काफी हद तक कम हुई है। वहीं जहां यह व्यवस्था नहीं हुई है, ऐसे वार्ड के लोग अभी भी परेशान हैं। वहीं इस भीषण जल संकट के समय में लहेरियासराय के अभंडा स्थित कुम्हार टोला के लगभग सौ परिवार के लिए बरसों पुराना कुआं वरदान साबित हो रहा है। प्राकृतिक आपदा की इस घड़ी में इस कुआं का पानी समाज के लिए काम आ रहा है। वहां के लोग इस कुआं के पानी से पीने व खाना बनाने के अलावा अन्य सभी काम करते है। वही शहर के अन्य मुहल्ले में जिनके घर के आसपास जीवित हुआ है वे लोग भी अब अपने दैनिक कार्य में कुएं के पानी का ही उपयोग कर रहे हैं।

वही लक्ष्मी पंडित ने कहा कि इस कुआं के पानी से सौ घरों का काम चल रहा है। इस कुआं के पानी से हम लोग खाना से लेकर अन्य प्रकार के काम करते हैं। वर्तमान में इससे अच्छा पानी कहीं नहीं मिल पा रहा है। वही उन्होंने कहा कि इस मोहल्ले में पाइप लाइन का कार्य नहीं हुआ है। नगर निगम टैंकर भी ससमय नहीं आता है। आने के बाद भी किसी को पानी होता है तो किसी को नहीं होता है। ऐसे में हुआ नहीं रहता तो हमलोगों के सामने विकट परिस्थिति खड़ी हो जाती।


Conclusion:वही स्थानीय सतीलाल पंडित ने कहा कि यह कुआ सौ वर्ष से भी ज्यादा पुराना है। अभी जो पानी की समस्या है, उसको लेकर हम लोग इसी कुआं के पानी से स्नान व खाना बनाने का काम करते हैं। वहीं उन्होंने कहा कि सरकारी स्तर पर अभी तक हम लोगों को ना तो चापाकल ही मिला है और ना ही हमारे क्षेत्र में पाइप लाइन बिछा है। वही उन्होंने कहा कि इस ओर किसी को ध्यान नहीं है, राजनेता से वोट के लिए मरते हैं। वही उन्होंने कहा कि कुआं काफी पुराना है और बहुत दिनों से इसकी मरमती नही हुई है।अगर समय रहते जिला प्रशासन इसकी मरमती करा देती है तो ठीक है। नही तो हमलोग आपसी चंदा कर इस कुआं का मरमती करवायेगे।

वही जब इस संबंध में जब हमने दरभंगा के जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन से बात की तो उनका कहना था कि मनरेगा के तहत कुआं का भी जिम्मेदार का प्रावधान है। वहीं उन्होंने कहा कि जिले में बचे हुए कुआं को चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है। वही उन्होंने कहा कि जिस कुआं का मरम्मत हो गई है, उसको भी मनरेगा के तहत लिया जाएगा तथा जिस कुआं का मरम्मत नही हुआ है उसका बहुत जल्द मरम्मत कार्य चलाया जाएगा।

Byte -----------------
सतीलाल पंडित, स्थानीय लोग
लक्ष्मी पंडित, स्थानीय लोग
डॉ त्यागराजन, जिलाधिकारी दरभंगा
Last Updated : Jun 18, 2019, 1:13 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.