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दरभंगा: यास तूफान की बारिश में डीएमसीएच जलमग्न, मेडिसिन वार्ड में मरीजों के बेड तक पहुंचा पानी - डीएमसीएच में भर्ती मरीजों का हाल बुरा

यास तूफान (Yaas Cyclone) की वजह से 3 दिनों तक हुई बारिश से दरभंगा डीएमसीएच जलमग्न नजर आ रहा है. हालात इतने खराब हैं, कि पानी मेडिसिन वार्ड में भर्ती मरीजों के बेड तक जा पहुंचा है.

डीएमसीएच जलमग्न
डीएमसीएच जलमग्न
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Published : May 29, 2021, 1:59 PM IST

दरभंगा: कोरोना महामारी के इस भीषण दौर में अपनी कुव्यवस्था की वजह बिहार से लेकर देशभर तक सुर्खियों में रहने वाला, उत्तर बिहार का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल डीएमसीएच एक बार फिर सुर्खियों में है. यास तूफान की वजह से 3 दिनों तक हुई बारिश ने डीएमसीएच की व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है.

फिलहाल डीएमसीएच जलमग्न नजर आ रहा है. हालात इतने खराब हैं कि पानी, मेडिसिन वार्ड में भर्ती मरीजों के बेड तक जा पहुंचा है. मेडिसिन विभाग में भर्ती मरीजों के परिजनों ने अस्पताल परिसर और मेडिसिन वार्ड का एक वीडियो बनाकर वायरल किया है. जिसमें वहां की खौफनाक तस्वीर दिख रही है.

बारिश की पानी से जलमग्न हुआ डीएमसीएच
बारिश की पानी से जलमग्न हुआ डीएमसीएच

ये भी पढ़ें- दरभंगा: DMCH अस्पताल में 25 वेंटिलेटर शुरू, कोरोना मरीजों को मिलेगी राहत

मेडिसिन वार्ड में पानी ही पानी

मेडिसिन वार्ड में कई तरह के संक्रमित मरीजों को भर्ती कराया गया है. अब ऐसे मरीजों के बेड तक बारिश का पानी पहुंच गया है, तो वे त्राहिमाम कर रहे हैं. परिजनों का आरोप है कि उन्हें कोई पूछने नहीं आ रहा है. मरीज के एक परिजन युवक ने बताया कि वह 20 मई से अपने मरीज को लेकर यहां है. पानी मेडिसिन वार्ड के मरीजों के बेड तक पहुंच चुका है.

डीएमसीएच में मेडिसिन वार्ड में मरीजों के बेड तक पहुंचा पानी
डीएमसीएच में मेडिसिन वार्ड में मरीजों के बेड तक पहुंचा पानी

उन्होंने कहा कि पानी जब से आया है, तब से न तो कोई डॉक्टर देखने आ रहे हैं. और न ही कोई स्वास्थ्य कर्मी यहां आ रहे हैं. मरीजों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यहां के ट्रॉली मैन बात-बात पर पैसे मांगते हैं. बिना पैसे लिए मरीजों को कहीं भी लेकर आ-जा नहीं सकते हैं.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- ब्लैक फंगस को लेकर DMCH प्रशासन अलर्ट, नेत्र विभाग में 5 बेड सुरक्षित रखने के निर्देश

पानी में रहने को मजबूर मरीज

मेडिसिन वार्ड में एक गंभीर मरीज को भर्ती करा कर, बैठी एक महिला अपने मरीज को दिखा रही है. उसका कहना है कि उसके मरीज ने बोलना भी छोड़ दिया है. महिला ने बताया कि उसने अब तक 25 हज़ार खर्च कर दिए हैं. लेकिन उनके मरीज की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है. उसने बताया कि ऐसी स्थिति में न, तो, कोई डॉक्टर उन्हें पूछने आ रहे हैं. और न ही कोई स्वास्थ्य कर्मी उनकी देखभाल के लिए आ रहे हैं. ईटीवी भारत इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.

दरभंगा: कोरोना महामारी के इस भीषण दौर में अपनी कुव्यवस्था की वजह बिहार से लेकर देशभर तक सुर्खियों में रहने वाला, उत्तर बिहार का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल डीएमसीएच एक बार फिर सुर्खियों में है. यास तूफान की वजह से 3 दिनों तक हुई बारिश ने डीएमसीएच की व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है.

फिलहाल डीएमसीएच जलमग्न नजर आ रहा है. हालात इतने खराब हैं कि पानी, मेडिसिन वार्ड में भर्ती मरीजों के बेड तक जा पहुंचा है. मेडिसिन विभाग में भर्ती मरीजों के परिजनों ने अस्पताल परिसर और मेडिसिन वार्ड का एक वीडियो बनाकर वायरल किया है. जिसमें वहां की खौफनाक तस्वीर दिख रही है.

बारिश की पानी से जलमग्न हुआ डीएमसीएच
बारिश की पानी से जलमग्न हुआ डीएमसीएच

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मेडिसिन वार्ड में पानी ही पानी

मेडिसिन वार्ड में कई तरह के संक्रमित मरीजों को भर्ती कराया गया है. अब ऐसे मरीजों के बेड तक बारिश का पानी पहुंच गया है, तो वे त्राहिमाम कर रहे हैं. परिजनों का आरोप है कि उन्हें कोई पूछने नहीं आ रहा है. मरीज के एक परिजन युवक ने बताया कि वह 20 मई से अपने मरीज को लेकर यहां है. पानी मेडिसिन वार्ड के मरीजों के बेड तक पहुंच चुका है.

डीएमसीएच में मेडिसिन वार्ड में मरीजों के बेड तक पहुंचा पानी
डीएमसीएच में मेडिसिन वार्ड में मरीजों के बेड तक पहुंचा पानी

उन्होंने कहा कि पानी जब से आया है, तब से न तो कोई डॉक्टर देखने आ रहे हैं. और न ही कोई स्वास्थ्य कर्मी यहां आ रहे हैं. मरीजों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यहां के ट्रॉली मैन बात-बात पर पैसे मांगते हैं. बिना पैसे लिए मरीजों को कहीं भी लेकर आ-जा नहीं सकते हैं.

देखें वीडियो

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पानी में रहने को मजबूर मरीज

मेडिसिन वार्ड में एक गंभीर मरीज को भर्ती करा कर, बैठी एक महिला अपने मरीज को दिखा रही है. उसका कहना है कि उसके मरीज ने बोलना भी छोड़ दिया है. महिला ने बताया कि उसने अब तक 25 हज़ार खर्च कर दिए हैं. लेकिन उनके मरीज की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है. उसने बताया कि ऐसी स्थिति में न, तो, कोई डॉक्टर उन्हें पूछने आ रहे हैं. और न ही कोई स्वास्थ्य कर्मी उनकी देखभाल के लिए आ रहे हैं. ईटीवी भारत इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.

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